क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है

प्रत्यक्ष करों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करेगा- बजट 2022
पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी से देश के जूझते रहने के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने बजट 2022 प्रस्तुत किया है। इसमें कर प्रणाली अंतर्गत प्रत्यक्ष करों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। आईये जानें क्या होंगे ये परिवर्तन?
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है हिंदी मे
इस तेज़ी से डिजिटल की ओर बढ़ते दुनिया मे करंसी ने भी डिजिटल रूप ले लिया है ओर इस डिजिटल करंसी को ही क्रिप्टो क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है करेंसी कहा जाता है। ओर यह कई प्रकार की होती है जैसे कि बिटकॉइन, इथेरियम आदि। आपको इस पोस्ट में जानकारी मिलेगी की क्रिप्टो करंसी क्या है और कैसे काम करती है ,क्रिप्टो करेंसी लिस्ट,क्रिप्टो करेंसी इन इंडिया,आपको इन सब सवालो के जवाब इस पोस्ट में मिल जाएंगे।
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है?
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है काम करती है ?
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है जो जिसको हम छू नही सकते क्योकि यह एक डिजिटल करेंसी होती है जैसे हमारे paytm या phonepay जैसे एप्प का इस्तेमाल करते है और हम पैसे को छू नही सकते बिल्कुल उसी तरह क्रिप्टो करेन्सी होती है। इसलिए आप इसे ऑनलाइन करेंसी भी कह सकते है। इसको हम ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकते है।
क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है ?
- क्रिप्टो करेंसी ऐसे काम करती है वेसे तो हमारे भारत की करेंसी रुपये, dollar, euro आदि सरकार का पूरा कंट्रोल होता है लेकिन क्रिप्टो करेंसी पर किसी का कंट्रोल नही होता इसपर किसी भी देश के बैंक का कोई भी कंट्रोल नही होता है। सीधा मतलब यह है की यह कोई banking systam के नियमो का पालन नही करता है। ओर यह एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर ट्रान्सफर होता रहता है।
ब्लॉकचैन किसे कहते है ?
ब्लॉक ओर चैन , कम्प्यूटर के जरिये लेन देन होने वाली सुविधाओं को एक ब्लॉक में रखा जाता है ताकि वो डेटा सुरछित रह सके ।
उस लेन देन की सुविधा को करने वाले chain systam को ब्लॉकचैन कहते है।
सभी क्रिप्टो करेंसी को कम्प्यूटर नेटवर्क के जरिये इस्तेमाल किया जाता है और लेन देन किया जाता है जिसको हर कोई इस्तेमाल कर सकता है यह पर चोरी नही हो सकती क्योंकि यह कंप्यूटर नेटवर्क के जरिये इस्तेमाल किया जाता है। और सारी जानकारी ब्लॉकचैन में दर्ज होता है और एक ब्लॉक में रख दिया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
क्रिप्टो करेंसी सिर्फ बिटकॉइन नही है लगभग 5000+ से भी ज्यादा क्रिप्टो करेंसी दुनिया मे मौजूद है जिसमे कुछ क्रिप्टो करेंसी ज्यादा popular है उसमें स्व कुछ यह भी है जैसे कि bitcoin, ethereum, ripple, Litecoin, dogecoin, Shiba inu आदि। ओर यह दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है ।
आप इसमें ट्रेड कर सकते है और बिटकॉइन की तरह आप इनको आसानी से खरीद ओर बेच सकते है।
भारत मे क्रिप्टो करेंसी का भविष्य, क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल है?क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है इसलिए सरकार इन करेंसी को सक की निगाह से देख रही है लेकिन अब सरकार को भी ऐसा लगता है की डिजिटल की तरफ बढ़ती हुई दुनिया को अब डिजिटल करेंसी की जरूरत है अब सरकार कोशिस में लगी है कि अब कुछ ठीक हो जाये।
क्रिप्टो करेंसी कैसे खरीदे, बिटकोइन केसे खरीदे ?
क्रिप्टो करेंसी खरीदना बहुत ही आसान है जैसे आप कोई स्टॉक खरीदते हो वेसे ही आओ क्रिप्टो करेंसी भी बहुत ही आसानी से खरीद सकते हो। दुनिया मे हज़ारो तरह की एक्सचेंज काम कर रही है और क्रिप्टो क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है करेंसी बेच रही है भारत की बात करे तो यहां पर कोइनस्विच कुबेर ,वज़ीरेक्स,ज़ेबपे,क्वाइन डी सी एक्स आदि मौजूद है यह पर आप आसानी से क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर सकते है
आपने आज क्या सीखा :-
- क्रिप्टो करेंसी क्या है?
- क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है?
- ब्लॉकचैन किसे कहते है ?
- क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
- भारत मे क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?
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Cryptocurrency: भारत में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज का क्या होगा भविष्य? सरकार तलाश रही बीच का रास्ता
सरकार को जल्द से जल्द वर्चुअल एसेट (Virtual Currency) पर कानून को अंतिम रूप देना है ताकि इसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके। सूत्र के मुताबिक, कानून की रूपरेखा पर अंतिम फैसला शीघ्र ही लिया जाएगा।
हाइलाइट्स
- क्रिप्टो पर प्रतिबंध के लिए कठोर रुख संभव नहीं
- न ही वर्चुअल करेंसी को लीगल टेंडर बनाने की संभावना
- वर्चुअल एसेट पर कानून की रूपरेखा पर अंतिम फैसला शीघ्र
नई दिल्ली
भारत क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर एक बीच के रास्ते पर विचार कर रहा है। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में बड़े निवेश को देखते हुए क्रिप्टो पर प्रतिबंध के लिए कठोर रुख क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है संभव नहीं है। न ही इन अनियमित वर्चुअल करेंसीज को लीगल टेंडर के रूप में अनुमति दिए जाने की संभावना है। सरकार को जल्द से जल्द वर्चुअल एसेट पर कानून को अंतिम रूप देना है ताकि इसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।
सूत्र के मुताबिक, कानून की रूपरेखा पर अंतिम फैसला शीघ्र ही लिया जाएगा। इस बात की ज्यादा संभावना है कि सभी हितधारकों की चिंताओं को संतुलित करने वाला एक मध्यम मार्ग निकाला जाए।
इस बार हर पहलू पर हो रहा विचार
हाल ही में वित्त मंत्रालय सहित नीति निर्माताओं के समक्ष, क्रिप्टोकरेंसी के नफा और नुकसान, अन्य देशों द्वारा अपनाए गए विनियमन, डिजिटल मुद्राओं में भारतीयों द्वारा किए गए क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है निवेश और इस मुद्दे पर आरबीआई के विचारों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया था। सूत्र ने कहा कि डिजिटल मुद्राओं की ट्रेडिंग से उभरने वाले कराधान पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही एक और प्रेजेंटेशन की संभावना है। कानूनी जांच के बाद, यह कैबिनेट में जाएगा।
व्यक्ति ने कहा कि सरकार में नीति निर्माताओं के भीतर एक बढ़ता हुआ विचार यह है कि कानून का मसौदा इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि इसे प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सके और डिजिटल स्पेस में तकनीकी विकास को संज्ञान में लिया जाए। क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है पहले के मसौदे में इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से नहीं लिया गया।
पहली बार सरकार कब लाई थी बिल
सरकार ने पहली बार बजट सत्र के लिए क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 को सूचीबद्ध किया था, लेकिन इसे व्यापक परामर्श के लिए पेश नहीं किया गया था। इस तरह की मुद्राओं के मसौदे और मुद्दों को देखने के लिए बाद में एक अंतर-मंत्रालयी समूह की स्थापना की गई थी।
जिस ब्लॉकचेन पर चलता है Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी, उसी पर आधारित RBI की डिजिटल करेंसी: जानिए कैसे करेगा काम
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि 'डिजिटल करेंसी' ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी।
RBI की नई डिजिटल करेंसी इसी साल होगी जारी (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bitcoin.Com)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को आम बजट पेश करते हुए बताया कि ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ अपनी एक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)’ को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। बताया गया कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से एक और अधिक दक्ष और सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था देखने में आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस डिजिटल करेंसी का निर्माण एवं संचालन ब्लॉकचेन सहित अन्य तकनीकों के जरिए किया जाए। 2022-23 से ही इसे जारी कर दिया जाएगा और RBI इसे चालू करेगा। अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना है तो आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में भी जानते होंगे, जिस पर Bitcoin और Ethereum सहित ये सभी कॉइन्स आधारित हैं। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर भी सरकार ने 30% कर वसूलने की बात कही है।
आपके मन में ये सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि ये डिजिटल करेंसी आखिर है क्या? ये CBDC आखिर काम कैसे क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है करेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक CBDC के माध्यम से लीगल टेंडर जारी करेगा। मार्किट में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनमें से कोई भी ‘लीगल टेंडर’ नहीं हैं। अर्थात, मुद्रा के रूप में भारत सरकार ने उन्हें कोई मान्यता नहीं दी है। यह अंतर होगा CBDC और अन्य कॉइन्स में। ये एक ‘फ़िएट’ (Fiat) करेंसी के समान ही होगा, जिसे हम आजकल कागज़ की शक्ल में देखते हैं और प्रयोग करते हैं।
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि ‘डिजिटल करेंसी’ ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी का जिक्र करते हुए आगाह किया है। आप आजकल सर्कुलेशन में जो देखते हैं, उनमें से अधिकतर ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ हैं।
India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
आखिर ‘डिजिटल करेंसी’ से बदलाव क्या आ जाएगा? लोगों का पूछना है कि इसका लेनदेन कैसे होगा। इन सवालों के जवाब समय के साथ केंद्र सरकार खुद देगी, लेकिन तब तक इतना जान लीजिए कि इसके लेनदेन में समय नहीं लगेगा और ट्रान्जक्शन्स तेजी से होंगे। इसके लिए एक वॉलेट बनाया जा सकता है, या फिर बैंक ही इसकी लेनदेन के लिए खुद को ब्लॉकचेन तकनीक से जोड़ सकते हैं। माना क्या क्रिप्टोकरेन्सी इंडिया में लीगल है जा रहा है कि नई प्रौद्योगिकी के प्रति मोदी सरकार के रुझान को भी ये कदम दिखाता है।