क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है

आपको बता दें कि देश में लगातार कैशलेस ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके चलते ही यूपीआई को लेकर बड़े ऐलान किए गए है और रुपे कार्ड को भी भारत से बाहर कई देशों में मान्यता दिलाने के प्रयास जारी हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का रुख नकारात्मक इसलिए भी है क्योंकि उसका कंट्रोल भारत के हाथ में ही नहीं है.
Explainer: RBI के 'डिजिटल रुपया' से कैसे बदलेगी देश क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है में डिजिटल करेंसी की सूरत, पूरी जानकारी यहां लें
By: ABP Live | Updated at : 03 Feb 2022 02:25 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
आरबीआई का डिजिटल रुपया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
RBI Digital Currency: इस 1 फरवरी को आम बजट 2022-23 में वित्त मंत्री ने आधिकारिक तौर पर एलान कर दिया कि देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के तौर पर जाना जाएगा. यहां पर आप इस करेंसी से जुड़े सभी तरह के सवालों के जवाब हासिल कर सकते हैं.
कब लॉन्च होगा आरबीआई का डिजिटल रुपया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 22-23 की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2022 से इसको लॉन्च कर सकता है. अभी तक भारत जितने किसी बड़े देश ने अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च नहीं की है तो भारत ऐसा करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा. ये करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी.
क्या है RBI का ‘डिजिटल रुपया', बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग
देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ (e₹) का पहला पायलट परीक्षण 1 नवंबर से शुरू हो गया. केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है. इस परीक्षण क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है में बैंक, सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुरू ‘डिजिटल रुपये’ के पहले पायलट परीक्षण में ICICI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने मंगलवार को सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए हिस्सा लिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) का इस्तेमाल करते क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को जीएस 2027 प्रतिभूतियां बेचीं. डिजिटल रुपये के साथ कुल मिलाकर 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे हुए. भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये (थोक खंड) (e₹-W) के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया.
आखिर क्या है डिजिटल रुपया उर्फ CBDC
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency or CBDC) है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी. 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया था. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. डिजिटल रुपया, डिजिटल रूप में नकद रुपए-पैसे की ही तरह है. इसका उपयोग संपत्ति जमा करने के साधन के बजाय लेनदेन की मुद्रा के रूप में किया जाएगा. CBDC को फिजिकल तौर पर नष्ट, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है.
जिस देश का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी को जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है. यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है. इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है.
लीगल टेंडर है डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर है. CBDC के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक RBI का बैकअप रहेगा. यह आम मुद्रा यानी फिएट मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है होगा. फिएट मुद्रा, सरकार द्वारा जारी की जाने वाली करेंसी को कहा जाता है. इसलिए एक प्रकार से कह सकते हैं कि डिजिटल रुपया, सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा. डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा. जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBDC से भी आप लेनदेन कर सकेंगे. सरल शब्दों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हम अपने सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे, बस रुपये-पैसे डिजिटल फॉर्म में होंगे.
– रिटेल (CBDC-R): रिटेल CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है. इसलिए दोनों में कन्फ्यूज न हों. सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है. डिजिटल रुपये को केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट या वर्चुअल एसेट है. यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की योजना है. आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. डिजिटल रुपये (थोक खंड) क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है के पहले पायलट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है.
क्या क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी भारत की डिजिटल करेंसी, Crypto और Digital Rupee में क्या होंगे अंतर
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया
Updated on: Feb 04, 2022 | 12:26 PM
1 फरवरी को संसद में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मौजूदा समय की डिमांड को देखते हुए कुछ बड़े और जरूरी ऐलान किए. अब इस मौके पर समय की क्या डिमांड है? इस मौके पर समय की सबसे बड़ी डिमांड ये थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख साफ करे. लिहाजा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बजट में एक बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) या अन्य किसी वर्चुअल एसेट्स के लेनदेन में होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स वसूला जाएगा. सरकार ने एक तरफ तो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने की कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की लेकिन इस पर टैक्स वसूली का ऐलान जरूर कर दिया. क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का मतलब ये हुआ कि सरकार इसे मान्यता दे रही है. अब जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बात हुई तो लगे हाथ सरकार ने अपनी सरकारी डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़ा ऐलान कर दिया. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करेगा. RBI द्वारा जारी किए जाने वाली देश की डिजिटल करेंसी का नाम डिजिटल रुपी (Digital Rupee) होगा.
डिजिटल रुपी को लेकर पूछे जा रहे हैं ये सवाल
भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का ऐलान हुआ तो इसे लेकर बाजार में चर्चाएं भी जोर-शोर से शुरू हो गईं. आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लेकिन, इन सभी सवालों के बीच दो ऐसे सवाल हैं जो काफी कॉमन हैं. पहला सवाल ये है कि लोग जानना चाहते हैं कि क्या ये डिजिटल करेंसी को सरकार मान्यता देगी यानी ये डिजिटल करेंसी मान्यता प्राप्त होगी? दूसरा बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत की डिजिटल करेंसी भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी या फिर अलग होगी?
अब बात करते हैं डिजिटल करेंसी को लेकर पूछे जा रहे पहले सवाल की, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि क्या सरकार इसे मान्यता देगी? इसका जवाब बहुत सीधा और स्पष्ट है. अब जब सरकार ने ही इसे जारी करने का ऐलान किया है और जब देश का केंद्रीय बैंक यानी RBI ही इसे जारी करेगा तो इसे अलग से मान्यता देने की तो कहीं बात ही नहीं आती है. खैर, इस पहले सवाल का सीधा और स्पष्ट जवाब यही है कि आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी पूरी तरह से मान्यता प्राप्त होगी.
क्या क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगी भारत की डिजिटल करेंसी
पहले सवाल का उत्तर जानने के बाद अब हम दूसरे सवाल की बात करेंगे कि क्या भारत का डिजिटल रूपी (डिजिटल करेंसी) भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही होगा या फिर इससे अलग होगा? न्यूज चैनल CNBC आवाज के साथ इंटरव्यू में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि भारत का डिजिटल रुपी, क्रिप्टोकरेंसी से काफी अलग होगा. उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से मान्यता प्राप्त होगा. भारत की डिजिटल करेंसी, मौजूदा भौतिक करेंसी की सब्स्टीट्यूट क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है यानी विकल्प होगी. वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी एक एसेट क्लास है. और यही इन दोनों के बीच सबसे बड़ा फर्क है.
राजीव कुमार ने बताया कि भारत की डिजिटल करेंसी ठीक पैसों की तरह ही होगी, जिसका कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके अलावा डिजिटल करेंसी का स्टोर ऑफ वैल्यू और एक्सचेंज दोनों किया जा सकेगा. जबकि क्रिप्टो में ऐसा नहीं होता. डिजिटल रुपी, आरबीआई की मान्यता प्राप्त यूनिट ऑफ अकाउंट होगा. डिजिटल रुपी का इस्तेमाल सभी ट्रांजैक्शन में किया जा सकेगा.
Digital Currency: इस साल लॉन्च होगी डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में होगा अलग
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 08, 2022 11:30 IST
Photo:FILE Digital Currency
Highlights
- डिजिटल क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है करेंसी को केंद्रीय बैंक और सरकार से मान्यता प्राप्त होगी
- डिजिटल करेंसी के मूल्य में बदलाव नहीं होगा, यानी मूल्य स्थिर बना रहेगा
- डिजिटल करेंसी आने से लेनदेन की लागत कम हो जाएगी
Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने बताया है कि केंद्रीय बैंक इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) सीमा पार भुगतान के लिए सबसे कुशल प्रणाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 2022-23 के दौरान सीबीडीसी को लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, रबी शंकर ने दोहराया कि आरबीआई कैशलेस समाज का लक्ष्य नहीं बना रहा है, बल्कि ग्राहकों को व्यवहार्य विकल्प देने का इच्छुक है। शंकर ने आगे कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई के और अधिक अंतर्राष्ट्रीयकृत होने की संभावना है।
नहीं रखना पड़ेगा कैश
खास बात यह है कि डिजिटल करेंसी से आपको कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. यह करेंसी मोबाइल वॉलेट की तरह ही काम करेगी. वहीं इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी कि इसे रखने पर आपको ब्याज भी मिलेगा. डिजिटल करेंसी को आप अपने मोबाइल के वॉलेट में रख सकते हैं या फिर अपने अकाउंट में रख सकते हैं. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा.
RBI द्वारा लॉन्च होने वाली क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है इस डिजिटल करेंसी को एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. आपको बता दें कि इसी वर्ष एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी.
अपने संबोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डिजिटल रुपया लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है. आरबीआई के डिजिटल करेंसी को कानूनी मान्यता हासिल होगी. पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए देश के 4 सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को शामिल किया गया है.