म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार

यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।
पारस्परिक निधि (म्युचुअल फंड)
म्युचुअल फंड ऐसी इकाई है जो विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों के पैसे को एकत्रित करती है। इस धन को तब विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए इकाई धारकों की ओर से एक पेशेवर निधि प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
टिप्पणी: पारस्परिक निधियों (म्युचुअल फंड) में निवेश करने के लिए, निवेशकों को पारस्परिक निधि (म्यूचुअल फंड) संबंधी केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) का अनुपालक होने की आवश्यकता होती है।
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Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है
डीएनए हिंदी: अगर आप निवेशक हैं तो कहां निवेश (Investment) करना है इस पर स्टडी करना बहुत जरूरी है. निवेश के क्षेत्र में म्यूचुअल फंड बेहतर ऑप्शन है. निवेशक कम उम्र से म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सभी प्रकार के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छे निवेश साधनों में से एक है. हालांकि म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड है इसलिए यह थोड़ा असुरक्षित भी माना जाता है, लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड में तरीके से और लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह बेहतर मुनाफा भी देता है.
म्यूचुअल फंड में निवेशक शोर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं. इन लक्ष्यों के लिए एमएफ के पास अलग-अलग कैटेगरी के फंड होते हैं. आपके लिए भी हम सुझाव देंगे कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को परिभाषित करें और फिर उसी के मुताबिक निवेश करें. आप इस स्तर पर और अधिक पैसा बनाने को अपना लक्ष्य मान सकते हैं और बाद के चरण में विभिन्न लक्ष्यों के लिए संचित कोष का उपयोग करने की योजना बना सकते हैं.
पोर्टफोलियो बनाते वक्त एग्रेसिव एप्रोच जरूरी
जैसे ही आप नौकरी करना शुरू करते हैं आप अपने पोर्टफोलियो के निर्माण में थोड़ा एग्रेसिव एप्रोच अपना सकते हैं. आप मुख्य रूप से लार्ज, लार्ज (Large-Cap) और मिड कैप (Mid-Cap) और फ्लेक्सी कैप फंडों (Flexi Cap Fund) में अपने निवेश में विविधता ला सकते हैं. आप मिड म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार कैप फंड (Mid-Cap Fund) में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. हालांकि शुरुआत में आवंटन को 10% तक सीमित रखा जा सकता है. फंड और फंड हाउस में निवेश को अच्छी तरह से विविधतापूर्ण रखने के लिए, आप निवेश के समय (Time of Investment) एक फंड में 15-20% तक के आवंटन पर विचार कर सकते हैं.
इन म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं
यहां हम कुछ बेहतर फंड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आप लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं - कोई भी निफ्टी इंडेक्स फंड (Nifty Index Fund) (18%), केनरा रोबेको ब्लूचिप फंड (Canara Robeco Bluechip Fund) (18%), पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (Parag Parikh Flexi Cap Fund) (18%), मिरे इमर्जिंग ब्लूचिप फंड (Mirae Emerging Bluechip Fund) (18%), IIFL फोकस्ड इक्विटी फंड (IIFL Focused Equity Fund) (18%) और कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड )Kotak Emerging Equity Fund) (10%).
कई निवेशक हर साल अपने एसआईपी ( SIP) को आगे बढ़ाने की रणनीति का पालन करते हैं जो उन्हें अनुशासित रहने और अपने करियर में आगे बढ़ने के साथ-साथ एक अच्छा फंड बनाने में भी मदद करता है. आप भी इस रणनीति का पालन कर सकते हैं क्योंकि यह लंबे समय में बहुत मददगार है.
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दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 23, 2021 16:06 IST
दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?
भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। इसी हफ्ते सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।
यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।
बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैं;क की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।
आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।
क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।
म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?
आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।
कैसे खुलवाएं खाता
पहले करवाएं केवाइसी
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।
कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड
केवाईसी सत्यापन के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।
सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर
सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?
म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।
अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?
छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।
Mutual Fund: बीमा कवरेज देने वाले म्यूचुअल फंड के बारे में सोच रहे हैं तो जान लें यह बात
भारत में अनेक म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) ने अपनी स्कीमों में नए फीचर को शामिल किया है। इनमें बिना किसी अतिरिक्त लागत के इंश्योरेंस बेनीफिट (Insurance Benefit) को शामिल करना, ताकि वे इनकी लोकप्रियता का लाभ उठा सकें। इस स्कीम में सिस्टेमिक निवेश प्लान (SIP) का विकल्प चुनने वाले निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के साथ बीमा कवरेज (Insurance Coverage) भी प्रदान किया जाता है।
Mutual Fund: बीमा कवरेज देने वाले म्यूचुअल फंड के बारे में सोच रहे हैं तो जान लें यह बात
आकर्षक है यह योजना पर जान लें यह बात
निवेश के साथ ही जीवन बीमा। यह विचार आकर्षक नज़र आता है, क्योंकि इससे वित्तीय प्लानिंग के लिए महत्वपूर्ण आपके दोनों उद्देश्यों को पूरा किया जा सकता है। लेकिन, इस व्यवस्था की सीमाओं को समझना भी ज़रूरी है। बीमा कवर वाली म्यूचुअल फंड्स स्कीमों के बारे में आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेना चाहिए। वैसे आदर्श रूप से, आपको निवेश और बीमा से सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल करने के लिए दोनों को अलग रखना चाहिए। दोनों के खास उद्देश्य होते हैं, जो भली भांति मिक्स नहीं होते हैं।
एसआईपी अवधि
इस बीमा कवरेज को प्राप्त करने म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार के लिए आपकी एसआईपी निवेश अवधि कम से कम तीन वर्ष की होनी चाहिए। यदि कम से कम अवधि से पहले एसआईपी को बीच में रोक दिया जाता है या निवेशक स्कीम से विदड्रा कर लेता है या वह स्विच कर लेता है, तो फिर बीमा कवर उपलब्ध नहीं रहता है। लेकिन, यदि निवेशक तीन वर्ष के बाद एसआईपी को रोकता है, तो बीमा कवरेज, निवेशक की अधिकतम पात्रता आयु यानि 55 से 60 वर्ष तक जारी रहेगा।
बीमा कवर राशि
आपको मिलने वाला बीमा म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार कवर कितने का होगा, यह एसआईपी राशि पर निर्भर करता है। विशेष रूप से, बीमा युक्त म्यूचुअल फंड निवेश में, पहले वर्ष की कवरेज एसआईपी राशि की दस गुणा होती है। यह दूसरे वर्ष में बढ़ कर 50 गुणा हो जाती है। और तीसरे वर्ष से आगे, यह 100 गुणा तक बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी एसआईपी राशि 1,000 रुपये है, पहले वर्ष का कवर 10,000/- रुपये होगा; दूसरे वर्ष यह बढ़ कर 50,000/- हो जाएगा और तीसरे वर्ष यह एक लाख रुपये हो जाएगा।
उच्चतम कवर कितना होगा?
निवेशक द्वारा किसी फंड स्कीम में धारित सभी प्लान और अकाउंट्स के संबंध में ऐसी स्कीमों के अंतर्गत 50 लाख रुपये की अधिकतम बीमा कवर की अनुमति दी जाती है। कुछ फंड हाउसेज़ द्वारा इस सीमा को 20 लाख रुपये रखा गया है। परम्परागत टर्म बीमा की तुलना में, इस प्रकार की निम्न कवरेज, उच्च आय वाले निवेशकों के लिए पर्याप्त नहीं भी हो सकती है। इसके अलावा, पूर्व में मौजूद बीमारियों के कारण होने वाली मृत्यु को कवर नहीं किया गया है।
विदड्रा या मृत्यु पर क्या होगा
एसआईपी अवधि से पहले, समयपूर्व विदड्रावल के लिए 2% एग्जिट लोड की वसूली की जाती है। इसके अलावा, इससे बीमा कवर मिलना भी बंद हो जाएगा। यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तो एग्जिट लोड लागू किया जाएगा और नामिति फंड यूनिट्स को रीडिम करवा सकेगा। कुछ म्यूचुअल फंड लिंक्ड बीमा प्रोडक्ट्स में, निवेश अवधि के दौरान निवेशक की मृत्यु होने के बाद भी, बीमा कवरेज द्वारा शेष इन्स्टालमेंट्स का भुगतान किया जाना जारी रखा जाएगा। नामिति योजना का हिस्सा बना रह सकता है या कवर प्रोसीड को प्राप्त कर सकता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
निवेशक को इस प्रकार के निवेश का विकल्प चुनने से पहले फंड-विशिष्ट ब्यौरे की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। अलग-अलग फंड हाउस की नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं। म्यूचुअल फंड्स के संबंध में एड-ऑन बीमा एक नया पहलू है। क्योंकि कवरेज समूह बीमा पॉलिसी का हिस्सा है, दावे की स्थिति में, आपको म्यूचुअल फंड हाउस से नहीं बल्कि उस बीमा कंपनी से संपर्क करना होगा जिसने इस प्रोडक्ट को ऑफर किया है। इन प्लान्स में कवर की गई अधिकतम अवधि खास टर्म बीमा प्लान से कम होती है। परम्परागत टर्म प्लान की तुलना में कवर की गई राशि और आयु सीमा कम होती है। इसके अलावा, सभी स्कीमों में बीमा लाभ उपलब्ध नहीं हैं। केवल कुछ खास स्कीमों द्वारा इन बीमा लाभों को उपलब्ध कराया जाता है, और आपको उनका विकल्प चुनना पड़ता है।
Mutual Funds Investment : इस प्रकार करोगे म्युचुअल फंड का चुनाव 100% रिटर्न मिलेगा सबसे ज्यादा
दोस्तो जैसे बूंद बूंद से सागर बनता है ठीक वैसे ही इस बात को अपने फाइनेंस में लागू कीजिए. छोटे छोटे निवेश करके आप एक दिन रिटर्न का सागर बना सकते है. पर आपको इससे पहले यह पता लगाना होगा की ऐसी कौनसी जगह है जहा पर निवेश करने पर आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
इस मैटर में SIP आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन है. क्योंकि SIP में कंपाउंडिंग का फायदा बहुत ही जबरजस्त होता है. SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है की आप मात्र ₹100 से भी अपने निवेश की शुरुवात कर सकते है. और ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना यह है की आप जितने ज्यादा समय तक इन्वेस्ट करते रहेंगे उतना ज्यादा आपको रिटर्न मिलेगा. SIP में आपको सिर्फ निवेश का ही रिटर्न नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार उसके रिटर्न का भी रिटर्न मिलता है. लेकिन इसके लिए आपको यह जानना जरूरी होगा की सबसे बढ़िया एसआईपी का चुनाव कैसे करें. आज इस आर्टिकल में आपको एसआईपी के बारे में कुछ जानकारी मिल जाएगी.
Mutual Fund Investment Plans In Hindi
लक्ष्य के हिसाब से SIP तय करें
आपके लिए कौनसी SIP अच्छी रहेगी, इसके लिए म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार जरूरी है कि आप पहले ये समझ ले कि आपका लक्ष्य क्या है मतलब की आप SIP किस कारण से शुरू करना चाहते हैं. आप अपने लक्ष्य को पूरा करने के हिसाब SIP में निवेश करना शुरू कर दीजिए, जिससे आपको अपने लक्ष्य के हिसाब से एक बढ़िया रिटर्न मिल सकें.
किस तरह के फंड में निवेश करना चाहते हैं
एसआईपी म्यूचुअल फंड बहुत सारे प्रकार के होते हैं जैसे की इक्विटी फंड, डेब्ट फंड, मल्टी-कैप फंड, इंडेक्स फंड और लिक्विड फंड आदि. अब आपको यह तय करना होगा कि आप किस तरह के म्यूचुअल फंड पर निवेश करना चाहते हो. जेसे की आप कही घूमने-फिरने के लिए कुछ फंड जमा करना चाहते हैं और उसके लिए शॉर्ट टर्म SIP शुरू कर रहे हैं तो आप लिक्विड फंड या डेब्ट फंड में निवेश कर सकते हैं. और अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहते हो तो उसके लिए आप इक्विटी या इंडेक्स म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है.
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना चुके हैं तो सबसे पहले आप बेस्ट म्यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष फंड्स की लिस्ट बनाएं. और उनकी तुलना करेंके देखें की आपकी जरूरतों को काैनसा फंड पूरा कर सकता है. उस फंड की हिस्ट्री, एक्सपेंस रेश्यो, फंड मैनेजर हिस्ट्री आदि की तुलना करें. जिससे आपको अपनी जरूरत के हिसाब से Sip के लिए एक बढ़िया म्यूचुअल फंड का चुनाव करने में मदद मिलेगी.
किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से एडवाइस लें
अगर यह सब करने के बाद आप निवेश के बारे में कोई डिसीजन नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने फाइनेंशियल एक्सपर्ट से वार्तालाप कर सकते है. वह आपको तमाम म्यूचुअल फंड्स की एक दूसरे के साथ तुलना करके आपको बढ़िया सा म्यूचुअल फंड चुनने में काफी मदद कर सकते हैं. इससे आपको मन में संतुष्टि भी रहेगी कि आपने सही निर्णय लिया है.