स्वैप क्या हैं?

पार्टनर की अदला बदली क्या बला है?
हां जी बेटा, तो तुम यह जानना चाहते हो कि कपल स्वैप क्या है? भाई, कपल स्वैप कई तरह का होता है। साफ़ साफ़ कहूँ तो अपने पार्टनर को किसी और के हाथ में सौंपना है कपल स्वैप। ऑफिस में काम वाले पार्टनर नहीं, पर्सनल वाले…
यह ऐसा नहीं है कि मार्केटिंग वाले अनमोल सर अब से सेल्स डिपार्टमेंट देखेंगे और सेल्स वाले हरप्रीत अब फाइनेंस संभालेंगे. हालांकि इसी से कुछ मिलता जुलता ही है.
आसान शब्दों में समझाऊं तो शादीशुदा जोड़े या प्रेमी और प्रेमिका अपने पार्टनर को किसी दूसरे को सौंप देते हैं और उनके पार्टनर के साथ ख़ुद सेक्स करते हैं। स्वैप का अर्थ है अदला-बदली। मतलब तुम मेरा पार्टनर ले लो और मुझे अपना पार्टनर दे दो।
कुछ भी हो सकता है
पार्टनर बदलना बहुत मज़ेदार भी हो सकता है और ख़राब भी। मान लो यदि तुम्हारी बीवी को दूसरे मर्द के साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आ रहा हो लेकिन तुम्हें दूसरे की बीवी कुछ ख़ास पसंद नहीं आ रही हैI अब तुम ये सब ख़त्म करना चाह रहे हो, लेकिन तुम्हारी बीवी न चाहे तब?
इसके बाद यदि तुम्हें किसी दूसरे जोड़े की तलाश हो लेकिन तुम्हारी पत्नी कहे कि ‘नहीं, सिंह साहब ही ठीक हैं और वह ग्रुप सेक्स करना चाहे लेकिन तुम्हे सिर्फ़ एक के साथ सेक्स करना पसंद हो,तब तुम क्या करोगे?
एक और बात, यदि तुम्हारी बीवी तुम्हारी बज़ाय बदले हुए पार्टनर को ज़्यादा तरजीह देने लगे . तब? तब तो और मुसीबत में पड़ जाओगे।
मान लो तुम अपनी बीवी को इस अदला बदली के लिए तैयार करो और वो इसका ग़लत अर्थ निकाल ले कि शायद वो तुझे संतुष्ट नहीं कर पा रही है या तुम उससे ऊब चुके हो, तब तो फ़िर रोनाधोना शुरू। या तुम्हारे इन गंदे विचार को वो सबसे जाकर कह दे तो ….
बेटा विशाल, मैं तो कहूंगी कि तुम इन बातों को ध्यान में रखकर सोच समझकर ही पार्टनर बदलने का प्लान बनाना। लेकिन दूसरी बात यह भी है कि हो सकता है तुम्हारी बीवी पार्टनर की अदला बदली के लिए तुरंत राज़ी हो जाए।
बेटा, उसकी सहमति सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। यदि वह तैयार है तब तो कोई दिक्कत ही नहीं है। लेकिन यदि वह तैयार नहीं है तो बात को वहीं ख़त्म करो।
दोगुना मुसीबत
बेटा, इस अदला बदली के लिए पार्टनर चुनना सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है। इसके कुछ अनकहे नियम भी हैं। जैसे कि इसमें कंडोम ज़रूरी है। कुछ सेक्स गेम्स भी हैं जिन्हें आप करना चाहें तभी करेंI अगर नहीं कर सकते हैं तो साफ़ साफ़ मना कर दें। इसलिए सब कुछ तय करने से पहले एक बार उस पार्टनर के बारे में पता लगा लें।
उनसे मिलो, थोड़ी बात करो, पहले एक दूसरे को जानो और उसके बाद एक सीमा निर्धारित करो। हम अक्सर सुनते हैं कि क्या दो स्वैप पार्टनर जब चाहें मिल सकते हैं और सेक्स कर सकते हैं? मान लो तुम किसी टूर पर निकलो और वो तुम्हारी बीवी को फोन करके घर बुला ले, तो क्या तुम्हें ठीक लगेगा?
इसी तरह यदि तुम भी ठीक ऐसा ही करो तो क्या तुम्हारी पत्नी को ठीक लगेगा? किसके घर में होगा? एक से ज़्यादा लोग होंगे तब क्या होगा? ये सारी बातें पहले ही साफ़ कर लेनाI पहले यह सोच लो और फिर जब तुम दोनों तैयार हो जाओ तब कपल स्वैप के लिए पार्टनर ढूंढो।
पार्टनर की अहमियत
बेटा,यह आसान नहीं है और इसमें बहुत सारी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसमें शामिल सभी लोगों को एक दूसरे पर पूरा भरोसा होना चाहिए। कल को ना तो आप एक दूसरे पर यह इल्ज़ाम लगा सकते हैं कि तुमने मुझे तीसरे व्यक्ति के साथ सेक्स करने के लिए कहा.. ना ही यह कह सकते हैं कि तुम मुझसे संतुष्ट नहीं थे।
अपने संबंधों में पर्याप्त भरोसा पैदा करो और तब इसके लिए साहस जुटाओ। बेटा हमेशा सावधान रहो। पत्नी की क्या प्रतिक्रिया होगी, मैं यह नहीं कह सकती, तुम उसे सबसे बेहतर जानते हो। इसलिए तुम ख़ुद निर्णय लो।
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
क्या आपने कभी पार्टनर बदलने के बारे में सोचा है ? नीचे कमेंट करिये या हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (एलएम) के साथ उसे साझा करें। यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो कृपया हमारे चर्चा मंच पर एलएम विशेषज्ञों से पूछें।
बढ़ रहे हैं सिम स्वैप अटैक के मामले, जानिए क्या होता है यह
मल्टीमीडिया डेस्क। हाल के महीनों में साइबर अपराधियों ने फोन नंबर हाइजैक करके लोगों को चपत लगाने के लिए पुराना तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। इसे सिम स्वैप अटैक कहा जाता है। यूजर के मोबाइल नंबर को बंद करने के बाद सायबर अपराधी मोबाइल नंबर को अपने फोन पर चालू करा लेते हैं। इसकी मदद से वे लोगों के कई तरह के ऑनलाइन फ्रॉड जैसे इंस्टाग्राम एकाउंट को हैक करने से लेकर उनके बैंक खातों को खाली करने तक के अपराध करते हैं।
सिम स्वैप अटैक में अपराधी यूजर के मोबाइल ऑपरेटर में काम करने वाले किसी व्यक्ति को घूस देकर उसके फोन नंबर को अपने सिम कार्ड में ट्रांसफर करा लेता है। इसके जरिये वह यूजर के फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज हासिल कर लेता है। इसके अलावा वह आपके मैसेजिंग और सोशल मीडिया अकाउंट्स और आपके डिजिटल वॉलेट सहित फोन नंबर से जुड़े ऑनलाइन खातों तक पहुंच हासिल कर लेता है।
सिम स्वैप हमले करने से पहले अपराधी के पास यूजर के बारे में कई बुनियादी जानकारी होती हैं। मसलन, वह यूजर के घर स्वैप क्या हैं? का पता, सोशल सिक्योरिटी नंबर, बैंक एकाउंट के बारे में पहले से ही जानकारी रखता है। इसके बाद वह यूजर के मोबाइल ऑपरेटर को घूस देकर या फोन चोरी होने की शिकायत के बहाने से उसी नंबर को एक नई सिम में ट्रांसफर करा लेता है।
इसके बाद वह ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल करते हुए खाते से रकम दूसरी जगह ट्रांसफर कर देता है। यूजर को इसके बारे में तब पता चलता है, जब उसके फोन में नेटवर्क नहीं आता है। मगर, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
इससे बचने के लिए अपने सिम को पासकोड से सिक्योर करें। मोबाइल का नेटवर्क अचानक गायब होने पर तुरंत सक्रिय हो जाएं और टेलिकॉम ऑपरेटर से तुरंत संपर्क करें। बैंक के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का पासवर्ड मजबूत रखें।
SIM-Swap क्या है? इस फ्रॉड के जरिये आपका खाता तुरंत हो जाता है खाली, जानिए कैसे बचें
जालसाज आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं। इसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है। फिर आपके नंबर पर रजिस्टर्ड हुए दूसरे नंबर पर जो OTP आता है उससे कोई भी आपके अकाउंट के पैसे खाली कर सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। तकनीक के आगे बढ़ने से काम आसान हो गया है, लेकिन बार लगता है कि क्या ये वरदान है या अभिशाप? मौजूदा दौर में लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन है, हम होटल बुकिंग, टिकट बुकिंग, बैंकिंग सेवाएं जैसी कई सुविधा स्मार्टफोन के जरिये उठा रहे हैं। स्मार्टफोन के जरिये सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग को भी अंजाम दिया जाता है। आखिर क्या है सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग, जानिए।
क्या है SIM Swap?: एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार सिम स्वैप का मतलब सिम एक्सचेंज करना है। सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग के जरिये आसानी से साइबर क्राइम किया जा सकता है। फ्रॉड करने वाला व्यक्ति आपके सिम का डुप्लीकेट तैयार कर लेता है। जालसाज आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं। इसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है। फिर आपके नंबर पर रजिस्टर्ड हुए दूसरे नंबर पर जो OTP आता है उससे कोई भी आपके अकाउंट के पैसे खाली कर सकता है।
कैसे करें बचाव: सोलंकी ने बताया कि अगर आपके मोबाइल से नेटवर्क चला जाता है, या आपके फोन पर कोई फोन कॉल्स न आ रही है और न ही कोई अलर्ट तो तुरंत इसकी शिकायत अपने मोबाइल ऑपरेटर्स से करना चाहिए। अपने मोबाइल नंबर को भूलकर भी सोशल मीडिया पर न डालें। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके नंबर का इस्तेमाल सिम स्वैपिंग के लिए हो रहा है तो तुरंत इसकी शिकायत अपने मोबाइल ऑपरेटर्स से करें।
कई बार जालसाज बहुत सारे नंबर से आपको फोन करना शुरू कर देंगे। आपको लगेगा कि ये अज्ञात कॉल्स आ रही हैं तो ऐसे में फोन को बंद कर दिया जाए। लेकिन, कई बार क्या होता है कि यह फ्रॉड करने वाले की एक चाल हो सकती है कि आपके पास ज्यादा फोन जाये तो आप मोबाइल स्विच ऑफ कर दें और आपको अपने नेटवर्क में हुई छेड़छाड़ का पता न स्वैप क्या हैं? लग सके। आप समय समय पर अपने बैंक स्टेटमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन हिस्ट्री की जांच करते रहें ताकि किसी भी समस्या या अनियमितता की पहचान कर सकें।
वाट्सऐप, लॉटरी, सिम स्वैप और फिर आपके अकाउंट का पूरा पैसा साफ!
सिम स्वैप (Sim Swap) करवाकर किसी भी इंसान का पूरा बैंक बैलेंस साफ किया जा सकता है. जरूरी है इसके बारे में विस्तार से जान लें और खुद को बचाएं.
- News18Hindi
- Last Updated : October 01, 2021, 12:31 IST
नई दिल्ली. साइबर फ्रॉड करने वालों ने ठगी की एक नई ट्रिक निकाल ली है. ये ट्रिक बहुत खतरनाक है और इसके जरिए आपका पूरा का पूरा बैंक बैलेंस साफ किया जा सकता है. इसका नाम है सिम स्वैप (Sim Swap). इस स्टोरी में आप इसी के बारे में पूरी जानकारी पाएंगे. ये भी जानेंगे कि ठगों की इस ट्रिक से कैसे बचा जाए. ये स्टोरी News18Hindi की उसी सीरीज का हिस्सा है, जिसमें आम लोगों को ऐसे ही तमाम फ्रॉड्स के बारे में जागरुक किया जाता है. वह पूरी सीरीज आप यहां पढ़ सकते हैं – Link.
क्या है सिम स्वैप
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, फ्रॉड का ये तरीका सिम कार्ड से जुड़ा हुआ है. आपके नाम से चल रहे फोन नंबर (सिम कार्ड) को बंद करवाकर ये ठग उसी नंबर का दूसरा सिम जारी करवा लेते हैं. और जब तक व्यक्ति संभलता है, तब तक तो पूरा पैसा साफ कर दिया जाता है. जब ठग एक OTP की मदद से हजारों रुपये का फ्रॉड कर लेते हैं, तो सोचिए यदि आपका सिम ही उनके पास चला जाए तो वो लोग क्या-क्या कर सकते हैं.
होता कैसे है ये सिम स्वैप
आपका फोन नंबर बंद करवाकर कोई और कैसे जारी करवा सकता है? ये सवाल वाजिब है. तो इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश कीजिए. एक व्यक्ति है जिसका नाम है गोविंद. गोविंद को किसी अनजान नंबर से एक फोन आया. फोन करने वाले ने गोविंद को बताया कि आपका एक लाख रुपये की लॉटरी निकली है. ये लॉटरी वाट्सऐप (WhatsApp) की तरफ से आयोजित की गई थी और उन लोगों के नाम शामिल थे, जो वाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं. करोड़ों नामों में से कुछ लोगों का नाम ही 1 लाख रुपये के इनाम के लिए चुना गया है.
गोविंद ने पूछा कि ये इनाम पाने के लिए क्या करना होगा. तो कॉल करने वाला, जोकि एक ठग है, कहेगा कि आपको अपना आधार कार्ड (Aadhar Card), पैन कार्ड (PAN Card), बैंक डिटेल और पासपोर्ट साइज फोटो भेजने होंगे. आपको एक भी पैसा नहीं देना होगा और 5-6 दिनों के अंदर 1 लाख रुपये आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. ये सुनकर गोविंद को लगा कि डील अच्छी है, सिर्फ अपनी जानकारी ही तो शेयर करनी है और 1 लाख रुपये मिल जाएंगे.
इस पर गोविंद ने आधार, पैन, बैंक डिटेल और एक पासपोर्ट साइज फोटो शेयर कर दीं. अब शुरू होता है सिम स्वैप कराने के खेल. एक सिम को बंद कराने या शुरू कराने के लिए आधार कार्ड और फोटो ही लगती है. ठग आपके आधार कार्ड और फोटो का इस्तेमाल करके पहले सिम कार्ड बंद करवा देते हैं. सिम बंद होने के बाद वही नंबर फिर से अपने नाम पर निकलवा लेते हैं. इस तरह आपका सिम कार्ड किसी दूसरे ने नाम पर शिफ्ट हो जाता है. आपको लगता है शायद नेटवर्क या फोन खराब होने की वजह से आपको सिग्नल दिखाई नहीं दे रहे.
सिम स्वैप करवा लिया तो ट्रांसफर कैसे संभव?
गोविंद से उसकी बैंक डिटेल भी मांगी गई थी. अब गोविंद के बैंक अकाउंट को ऑनलाइन एक्सेस करने की कोशिश की जाएगी. फोन नंबर के जरिए पासवर्ड बदल लिया जाएगा और जिस नंबर पर ओटीपी आने वाले है, वह तो ठगों ने पहले ही अपने नाम से जारी करवा लिया है. अब धड़ाधड़ आपका बैंक अकाउंट खाली कर दिया जाएगा और सिम को तोड़कर फेंक दिया जाएगा. उम्मीद है आपको सिम स्वैप की पूरी प्रक्रिया समझ आ गई होगी.
तो इससे बचा कैसे जाए
आपने गोविंद का उदाहरण पढ़ा और समझा. अब आप खुद जानते हैं कि गोविंद कैसे बच सकता था. किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. अपने डॉक्यूमेंट्स (आधार, पैन, बैंक डिटेल इत्यादी) किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के साथ शेयर न करें.
2. लालच न करें. बिना लॉटरी डाले लॉटरी निकल नहीं सकती और वाट्सऐप कभी इस तरह की लॉटरी का आयोजन नहीं करता.
3. यदि आपका नेटवर्क गायब होता है तो तुरंत अपने सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें. किसी दूसरे फोन से कॉल कर सकते हैं.
4. अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी किसी दूसरे को न दें.
5. किसी के कहने पर अपने फोन में कोई ऐप इंस्टॉल न करें.
6. यदि कोई व्यक्ति लिंक शेयर करे तो उसे कभी स्वैप क्या हैं? न खोलें.
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आपके साथ भी हो सकता है 'सिम स्वैप' फ्रॉड, बचने के लिए जानिए ये बातें
'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा ट्रांसफर कर लिया जाता है और आपको पता तक नहीं चलता. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.
- सिम स्वैप है ऑनलाइन ठगी का नया तरीका
- सिम स्वैप के जरिए अकाउंट से निकाले जाते हैं पैसे
- ओटीपी पता करने के लिए हैकर्स करते हैं सिम स्वैप
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नई दिल्ली: मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. फेक नंबर से कॉल आना, एसएमएस के जरिए लिंक भेजना जैसे तरीके अपनाएं जाते हैं, ऐसे में आपको अलर्ट रहने की जरूरत है. हैकर्स ने इसका एक नया तरीका इजाद किया है. 'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा ट्रांसफर कर लिया जाता है और आपको पता स्वैप क्या हैं? तक नहीं चलता. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है. इसका सबसे बड़े शिकार हैं स्मार्टफोन यूजर्स. सिम स्वैप के जरिए फ्रॉड करने के कई तरीके हैं, अगर आप भी स्मार्टफोन यूजर हैं तो बचने के लिए ये बातें जरूर जान लीजिए. लेकिन, उससे पहले जानते हैं क्या है 'सिम स्वैप'?
क्या है 'सिम स्वैप'?
सिम कार्ड में यूजर का डाटा स्टोर्ड होता है. सिम यूजर की ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यही वजह है कि आप बिना सिम के किसी दूसरे नेटवर्क से नहीं जुड़ते. सिम स्वैप फ्रॉड में सिम का इस्तेमाल होता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो, आपके पास जो भी सिम (मोबाइल नंबर) है, वह अचानक बंद हो जाता है. असल में होता यह है कि आपके नाम से जो भी सिम है, उस सिम को हैकर स्वैप कर लेते हैं. फिर स्वैप किए गए सिम को क्लोन करके उसका नकली (डुप्लीकेट सिम) बना लिया जाता है. अब वही नंबर के सिम को हैकर अपने नाम से शुरू कर लेता है. फिर हैकर आपके सभी बैंकों के OTP को जेनरेट करके उसका गलत फायदा उठता है. OTP की मदद से अकाउंट से चंद मिनटों में पैसे निकाले जाते हैं.
कैसे होती है धोखाधड़ी?
सिम स्वैप फ्रॉड का सबसे आसान तरीका है. यह एक कॉल के जरिए शुरु होता है. आपके नंबर पर एक कॉल आएगी, जिसमें टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर हैकर आपको कॉल करेगा. इस कॉल पर आपको नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए फोन नंबर ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही कुछ प्लान और ऑफर भी बताए जाएंगे. कॉलर आपसे नेटवर्क सुधारने के लिए आपसे सिम के पीछे प्रिंट 20 डिजिट वाला नंबर पूछ सकता है. हैंकर्स को जैसे ही आप 20 डिजिट वाला नंबर बताएंगे तो आपसे 1 दबाने को कहेगा. यह सिम स्वैप करने की सहमति के लिए होता है. टेलीकॉम कंपनी आपकी इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेगा. इस तरह आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और दूसरा यानी स्वैप किया गया सिम एक्टिवेट हो जाएगा.
ओटीपी जेनरेट के लिए इस्तेमाल
सिम स्वैप करने वाले हैकर के पास आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स होती हैं या फिर आपका डेबिट कार्ड का नंबर होता है. बस जरूरत होती है तो ओटीपी की, सिम स्वैपिंग की मदद से उसे ओटीपी भी मिल जाएगा. इसके बाद चंद मिनटों में आपके अकाउंट से सारे पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.
MNP से भी होता है सिम स्वैप
MNP के जरिए भी सिम स्वैप किया जाता है. हालांकि, ऐसे मामले अभी कम हैं. लेकिन, हैकर्स के लिए यह भी एक ऑप्शन है. MNP यानी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के जरिए किसी अन्य ऑपरेटर में यूजर अपना नंबर पोर्ट करते हैं. इसके लिए एक SMS किया जाता है. यहां पर भी उस SMS का गलत इस्तेमाल किया जाता है. इस मामले में भी हैकर आपके सिम कार्ड का क्लोन बनाकर डुप्लीकेट सिम बना सकते हैं.
क्यों किया जाता है सिम स्वैप?
अब सवाल है कि सिम स्वैप क्यों किया जाता है. जाहिर सी बात है मोबाइल नंबर पर जो भी सर्विस चालू हैं उनके गलत इस्तेमाल के लिए. क्योंकि, आपका मोबाइल नंबर ही है जो आपके बैंक खाते और आधार नंबर से लिंक होता है. सिम स्वैप से मोबाइल नंबर के जरिए OTP हासिल किया जा सकता है. फिर आपके बैंक अकाउंट से तमाम पैसे निकाल लिए जाते हैं.