इक्विटी चार्ट

महंगाई और ऊंची ब्याज दरें: इक्विटी में आपके निवेश पर क्या होगा असर? चेक करें बाजार का रिटर्न चार्ट
हाल फिलहाल इक्विटी चार्ट में महंगाई दर अचानक कंट्रोल हो जाने की संभावना भी नहीं दिख रही है. इस वजह से दुनियाभर के सेंट्रल बैंक इक्विटी चार्ट ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने लगे हैं.
भारत सहित दुनिया के कई देशों में इस साल महंगाई तेजी से बढ़कर कई साल के हाई पर है. (image: pixabay)
Rate Hike, High Inflation Impact on Equity: भारत सहित दुनिया के कई देशों में इस साल महंगाई तेजी से बढ़कर कई साल के हाई पर है. पहले कोरोना वायरस महामारी और फिर रूस और इक्विटी चार्ट यूक्रेन के बीच जंग से फ्यूल और कमोडिटी के दाम बढ़ने से इनफ्लेशन में तेजी आई है. हाल फिलहाल में महंगाई दर अचानक कंट्रोन हो जाने की संभावना भी नहीं दिख रही है. इस वजह से इसे कंट्रोल करने के लिए दुनियाभर के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने लगे हैं. इन सबका असर ग्लोबल बाजारों पर दिख रहा है. आखिर रेट हाइक और महंगाई का कंबाइंड असर इक्विटी बाजार पर कैसा रहेगा. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले कुछ सालों में महंगाई और रेट हाइक साइकिल के दौर में इक्विटी ने कैसे रिएक्ट किया. इस बारे में ब्रोकरेज हाउस इडेलवाइस ने एक रिसर्च रिपोर्ट दी है.
शुरूआती अस्थिरता के बाद बेहतर रिटर्न
हाई इनफ्लेशन के दौर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. आमतौर पर ऐसी स्थिति में सेंट्रल बैंक दरों में बढ़ोतरी करते हैं, जिससे कई सेक्टर की ग्रोथ प्रभावित होती है. कई सेक्टर की कंपनियों के बिजनेस को कमोडिटी की ज्यादा कीमतों के साथ हायर इनपुट कास्ट से जूझना पड़ता है. जिसका परिणाम यह होता है कि कंपनियां बड़ी इनपुट कास्ट के चलते कीमतों के दाम बढ़ा देती हैं. सीधा है कि वह बए़ी लागत को कंज्यूमर्स की ओर पासआन कर देती हैं. वहीं ज्यादा कीमतें देश में डिमांड को भी प्रभावित करती हैं. हालांकि, पिछले कुछ साल के चार्ट उठाकर देखें तो बढ़ती ब्याज दरों के माहौल में पहले शेयर बाजारों में अस्थिरता जरूर रहती है, लेकिन उसके बाद इक्विटी का प्रदर्शन मजबूत रहता है. देखें तो इक्विटी ने 2004 से 2008 की अवधि के दौरान बेहतर रिटर्न दिया है, जब ब्याज दरें और महंगाई बढ़ती रही हैं.
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18 सितंबर 2004 से 11 अक्टूबर 2008 के बीच यानी इन 1484 दिनों में रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 9 फीसदी हो गया. इसमें 300 बेसिस प्वॉइंट की बए़ोतरी हुई. इस दौरान निफ्टी का रिटर्न 114 फीसदी के करीब रहा.
वहीं 11 अक्टूबर 2008 से 13 फरवरी 2010 के दौरान 490 दिनों में रेपो रेट 9 फीसदी से घटकर 4.75 फीसदी पर आ गया. यानी इसमें 425 बेसिस प्वॉइंट की कटौती हुई. इस दौरान निफ्टी का रिटर्न 39.4 फीादी रहा.
हाल फिलहाल की बात करें तो 7 फरवरी 2019 से 8 अप्रैल 2022 के दौरान 1156 दिनों में रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गया. यानी इसमें 250 बेसिस प्वॉइंट की कटौती हुई. इस दौरान निफ्टी का रिटर्न 66.7 फीसदी रहा. जबकि 8 अप्रैल 2022 से 26 मई 2022 के बीच रेपो रेट 40 बेसिस प्वॉइंट बए़ा है. इस दौरान निफ्टी ने -8.8 फीसदी रिटर्न दिया है.
हर सेक्टर पर निगेटिव असर नहीं
हाई इनफ्लेशन और बढ़ती ब्याज दरों का दौर अलग अलग सेक्टर के बिजनेस को अलग अलग तरह से प्रभावित करता है. नीचे दिए गए डाटा बताते हैं कि पिछले 10 साल में विभिन्न क्षेत्रों ने हायर इनफ्लेशन और लो इनफ्लेशन की स्थिति के दौरान कैसा प्रदर्शन किया है. ऑटो, फार्मा और बैंकिंग सेक्टर ने हायर इनफ्लेशन के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है. जबकि जिन बिजनेस की डिमांड और इनपुट कास्ट इनफ्लेशन और रेट सेंसिटिव है, इक्विटी चार्ट उन्होंने खराब प्रदर्शन किया है.
Sensex Opening Bell: बाजार में बढ़त बरकरार, सेसेंक्स 135 अंक चढ़ा, निफ्टी 18650 के पार
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 163.94 अंकों (0.26%) की बढ़त के साथ 62,845.78 अंकों पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी 52.75 अंकों (0.28) अंकों की बढ़त के साथ 18,670.80 अंकों पर कारोबार करता दिख रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 24 हरे निशान पर कारोबार करते दिख रहे हैं।
हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को भी बाजार में बढ़त बरकरार है। इस दौरान सेसेंक्स 135 अंकों तक चढ़ा है, जबकि निफ्टी 18650 के पार पहुंच गया है। नौ बजकर 20 मिनट पर सेंसेक्स 163.94 (0.26%) की बढ़त के साथ 62,845.78 अंकों पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी 52.75 अंकों (0.28) अंकों की बढ़त के साथ 18,670.80 अंकों पर कारोबार करता दिख रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 24 हरे निशान पर कारोबार करते दिख रहे हैं। बुधवार को सेंसेक्स 62 अंकों की तेजी के साथ 62743 अंकों पर जबकि निफ्टी 7 अंकों की तेजी के साथ 18625 पर खुला। बैंक इक्विटी चार्ट निफ्टी में 69 अंकों की तेजी के साथ 43122 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत हुई।
क्या कहते हैं जानकार?
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार, बाजार में मजबूती का सिलसिला जारी है और बीते मंगलवार को भी प्रमुख बेंचमार्क्स ने नई ऊंचाई हासिल की। निवेशकों ने थोड़े अस्थिर बाजार में सावधानी के साथ कारोबार किया। हालांकि, सख्त लॉकडाउन लगाने के बाद चीन में बढ़ते विरोध से चिंताएं बढ़ी हैं, जिससे बाजारों को डर है कि पहले से ही धीमी हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। अगर हालात नहीं सुधरे तो इसका असर बाजार पर पड़ सकता है। लेकिन चूंकि भारत अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में थोड़ी बेहतर स्थिति में है, इसलिए निवेशक हम पर बड़ा दांव लगाने को तैयार हैं। तकनीकी रूप से, बाजार चार्ट पर लगातार उच्च उच्च और उच्च निम्न पैटर्न बना रहा है जो मोटे तौर पर सकारात्मक है। इसलिए बाजार का सपोर्ट अब 18450 से 18550 पर स्थानांतरित हो गया है। जब तक सूचकांक 18550 से ऊपर कारोबार कर रहा है, अपट्रेंड की लहर जारी रहने की संभावना है। इससे ऊपर बाजार 18750 से 18800 तक जा सकता है।
विस्तार
हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को भी बाजार में बढ़त बरकरार है। इस दौरान सेसेंक्स 135 अंकों तक चढ़ा है, जबकि निफ्टी 18650 के पार पहुंच गया है। नौ बजकर 20 मिनट पर सेंसेक्स 163.94 (0.26%) की बढ़त के साथ 62,845.78 अंकों पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी 52.75 अंकों (0.28) अंकों की बढ़त के साथ 18,670.80 अंकों पर कारोबार करता दिख रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 24 हरे निशान पर कारोबार करते दिख रहे हैं। बुधवार को सेंसेक्स 62 अंकों की तेजी के साथ 62743 अंकों पर जबकि निफ्टी 7 अंकों की तेजी के साथ 18625 पर खुला। बैंक निफ्टी में 69 अंकों की तेजी के साथ 43122 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत हुई।
क्या कहते हैं जानकार?
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान के अनुसार, बाजार में मजबूती का सिलसिला जारी है और बीते मंगलवार को भी प्रमुख बेंचमार्क्स ने नई ऊंचाई हासिल की। निवेशकों ने थोड़े अस्थिर बाजार में सावधानी के साथ कारोबार किया। हालांकि, सख्त लॉकडाउन लगाने के बाद चीन में बढ़ते विरोध से चिंताएं बढ़ी हैं, जिससे बाजारों को डर इक्विटी चार्ट है कि पहले से ही धीमी हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है। अगर हालात नहीं सुधरे तो इसका असर बाजार पर पड़ सकता है। लेकिन चूंकि भारत अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में थोड़ी बेहतर स्थिति में है, इसलिए निवेशक हम पर बड़ा दांव लगाने को तैयार हैं। तकनीकी रूप से, बाजार चार्ट पर लगातार उच्च उच्च और उच्च निम्न पैटर्न बना रहा है जो मोटे तौर पर सकारात्मक है। इसलिए बाजार का सपोर्ट अब 18450 से 18550 पर स्थानांतरित हो गया है। जब तक सूचकांक 18550 से ऊपर कारोबार कर रहा है, अपट्रेंड की लहर जारी रहने की संभावना है। इससे ऊपर बाजार 18750 से 18800 तक जा सकता है।
स्टॉक मार्केट में तेजी रहेगी बरकरार या रफ्तार पर लगेगी ब्रेक? इन 6 शेयरों से मिल सकते हैं शुभ समाचार!
Day Trading Guide 1st December: कल यानी 30 नवंबर 2022 को भारतीय शेयर बाजार (Share Market) हरे निशान के ऊपर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) एक नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा था।
Day Trading Guide 1st December: कल यानी 30 नवंबर 2022 को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान के ऊपर बंद हुआ। नेशनल इक्विटी चार्ट स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी एक नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहा था। वहीं, 30 संवेदी सूचकांक वाला सेंसेक्स 63,099 अंक बंद हुआ। स्टॉक मार्केट में यह तेजी आज यानी 1 दिसंबर को भी देखने को मिली सकती है। स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स के अनुसार डेली चार्ट पर ‘बुल’ बना रहा है। वहीं, टेक्निकल चार्ट पर अपसाइड मोमेंटम दिखा रहा है। यह सभी मार्केट के लिए शुभ संकेत माने जा रहे हैं।
क्या दे रहे हैं एक्सपर्ट्स सलाह?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ के टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट नागराज शेट्ठी कहते हैं, “पॉजटिव चार्ट पैटर्न पर टॉप और बॉटम रुख आगे भी देखने को मिलेगा। निफ्टी 18,800 के करीब है। और नीचे आने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। आने वाले समय में निफ्टी 18,680 के सपोर्ट प्राइस के साथ 18950-19000 के लेवल तक जा सकता है।”
एक्सिस सिक्योरिटीज़ के टेक्विनकल रिसर्च वाइस प्रेसीडेंट राजेश कहते हैं, “डेली चार्ट पैटर्न पर निफ्टी बैंक इंडेक्स बुलिश दिखा है। चार्ट पैटर्न के अनुसार निफ्टी बैंक इंडेक्स 43,350 अंक को क्रॉस कर इक्विटी चार्ट देगा और उससे ऊपर बना रहेगा। आने वाले समय में यह 43,150 के सपोर्ट के साथ 43,700 पर जा इक्विटी चार्ट सकता है। वहीं, मुनाफा वसूली के शिकार होने पर निफ्टी बैंक 43,150 के नीचे आ सकता है।”
इन 6 शेयरों इक्विटी चार्ट पर रखें नजर
1- सुमीत बगाडिया की पसंद
यूपीएल - टारगेट प्राइस - 810-820 रुपये
स्टॉप लॉस - 775 रुपये
टाटा कंज्यूमर - टारगेट प्राइस - 835-850 रुपये
स्टॉप लॉस - 804 रुपये
2- अनुज गुप्ता की पसंद
सुजलॉन एनर्जी - टारगेट प्राइस 12 रुपये
स्टॉप लॉस - 9 रुपये
डिश टिवी - टारगेट प्राइस 24 रुपये
स्टॉप लॉस - 17.50 रुपये
3- मेहुल कोठारी
एनटीपीसी - टारगेट प्राइस 172-182 रुपये
स्टॉप लॉस - 165 रुपये
टाटा मोटर्स - टारगेट प्राइस - 440 रुपये
स्टॉप लॉस - 432 रुपये
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
8 Main Difference between Equity share and Preference share – In Hindi
इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर (Equity share and Preference share) के बीच मूल अंतर लाभांश की सीमा है। वरीयता शेयर के प्रकार में, लाभांश की दर इश्यू से पहले ही तय हो जाती है लेकिन इक्विटी शेयर इक्विटी चार्ट का लाभांश तय नहीं होता है यह वर्ष के लाभ पर निर्भर करेगा।
इन दोनों में अंतर जानने के लिए हमें इन शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना होगा और इस प्रकार समझाया जाएगा: –
The Content covered in this article:
इक्विटी शेयर का अर्थ (Meaning of Equity Share):
“(ए) इक्विटी शेयर पूंजी-
(i) मतदान के अधिकार के साथ; या
(ii) ऐसे नियमों के अनुसार लाभांश, मतदान, या अन्यथा के रूप में विभेदक अधिकारों के साथ, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है;
– Section 43 subsection (a) for the Indian Companies Act, 2013
वरीयता शेयर का अर्थ (Meaning of Preference share):
“(बी) वरीयता शेयर पूंजी:
बशर्ते कि इस अधिनियम में निहित कुछ भी वरीयता शेयरधारकों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा जो इस अधिनियम के शुरू होने से पहले समापन की आय में भाग लेने के हकदार हैं।”
– Section 43 subsection (b) for the Indian Companies Act, 2013
इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर के बीच अंतर का चार्ट (Chart of Difference between Equity Share and Preference share): –
अंतर का आधार
इक्विटी शेयर
प्राथमिकता शेयर
चार्ट को पीएनजी और पीडीएफ में डाउनलोड करें (Download the chart in PNG and PDF): –
यदि आप चार्ट डाउनलोड करना चाहते हैं तो कृपया निम्न चित्र और पीडीएफ फाइल डाउनलोड करें: –
Chart of Difference between Equity Share and Preference share Difference between Partnership and Company
निष्कर्ष (Conclusion):
इस प्रकार, दोनों प्रकार के इक्विटी चार्ट व्यवसाय एक दूसरे से एक प्रकार से बहुत भिन्न होते हैं अर्थात इक्विटी शेयर को उनकी सहमति से व्यवसाय चलाने का पूरा अधिकार है, लेकिन वरीयता शेयरधारक दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के साथ-साथ व्यवसाय के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
विषय पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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