भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए रणनीतियाँ

ट्रेडिंग के प्रकार

ट्रेडिंग के प्रकार
वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?

Trading meaning in hindi

विदेशी मुद्रा रणनीतियाँ ट्रेडिंग आदेश प्रकार के आधार पर

आदेश व्यापार में मदद करता है व्यापारियों दर्ज करें या एक स्थिति बाजार आदेश, आदेश, लंबित सहित विभिन्न आदेशों का उपयोग करके सबसे उपयुक्त समय पर से बाहर निकलें करने के लिए सीमित आदेश, बंद करो आदेश, नुकसानी आदेशों को रोको और OCO आदेश.

वर्तमान में, उन्नत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं जो केवल ' खरीदें बटन ' और ' बटन को बेचने' नहीं कर रहे हैं व्यापार में आदेश के विभिन्न प्रकार। प्रत्येक प्रकार का व्यापार आदेश एक विशेष रणनीति का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। यह कब और कैसे व्यापार करने के लिए और कौन सा क्रम सही क्रम रणनीति विकसित करने के लिए किसी भी स्थिति में का उपयोग करने के लिए पता करने के लिए महत्वपूर्ण है।

सबसे लोकप्रिय विदेशी मुद्रा आदेश कि एक व्यापारी अपने व्यापार में लागू कर सकते हैं कर रहे हैं:

Insider Trading- इनसाइडर ट्रेडिंग

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) किसी पब्लिक कंपनी के स्टॉक में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी कारण से उस स्टाॅक के बारे में नॉन-पब्लिक, मैटेरियल इंफॉर्मेशन है, ट्रेडिंग किए जाने से संबंधित होती है। इनसाइडर ट्रेडिंग वैध भी हो सकती है और अवैध भी जो इस बात पर निर्भर करती है कि इनसाइडर कब ट्रेड करता है। यह तब अवैध होती है जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक ही होता है। इनसाइडर ट्रेडिंग के कड़े दुष्परिणाम होते हैं।

मुख्य बातें
- इनसाइडर ट्रेडिंग सार्वजनिक रूप से ट्रेड करने वाली किसी पब्लिक कंपनी के स्टॉक में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी कारण से उस स्टॉक के बारे में नॉन-पब्लिक, मैटेरियल इंफॉर्मेशन है, खरीद या बिक्री करना है।
- मैटेरियल नॉन-पब्लिक इंफॉर्मेशन ऐसी सूचना होती है जो निवेशक के ऐसी सिक्योरिटी बेचने या खरीदने के निर्णय पर उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकती है, जिसे अभी तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं किया गया है।
- ट्रेडिंग का यह रूप अवैध होता है और संभावित आर्थिक दंड और जेल सहित इसके लिए सख्त सजा हो सकती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )

किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।

परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।

बेस्ट-ट्रेडिंग-चार्ट-टाइम-फ्रेम

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट ट्रेडिंग के प्रकार चार्ट टाइम फ्रेम होता है।

स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।

बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।

किसी स्टॉक का सही ट्रेडिंग के प्रकार ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।

उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी ट्रेडिंग के प्रकार वो तेजी ही दिखाएगा।

पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

जब लॉंग टर्म के ट्रेडिंग के प्रकार लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।

यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।

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परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है

जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता ट्रेडिंग के प्रकार क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।

Table of Contents

Trading क्या होता है:ट्रेडिंग के प्रकार -

जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे ट्रेडिंग के प्रकार का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी ट्रेडिंग के प्रकार शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।

Trading के प्रकार (Types of Trading):-

बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।

Investing क्या होता है:-

जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है

क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर ट्रेडिंग के प्रकार सकते है:-

जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।

अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो ट्रेडिंग के प्रकार शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।

आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

Trading Meaning In Hindi – Trading क्या होती है? जाने इसके प्रकार

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Trading kya hai, इसे कैसे किया जाता है, यह कितनी तरह की होती है, क्या ट्रेडिंग और निवेश करने में कोई अंतर होता ट्रेडिंग के प्रकार है, Trading in hindi से जुड़े कई तरह के प्रश्न आपके दिमाग में आते होंगे। यह सभी शंकाएं आपके दिमाग में तब तक रहेगी जब तक कि आपको ट्रेडिंग का सरल शब्दों में अर्थ ना समझ में आ जाए।

इसलिए आपकी सभी शंकाओं पर विराम लगाते हुए आज हम आपको ट्रेडिंग की संपूर्ण जानकारी देंगे जिसमें ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी, इसके प्रकार, ट्रेडिंग कैसे करते हैं इत्यादि का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी | Trading Meaning In Hindi

ट्रेडिंग का अर्थ व्यापार करने से होता है। इसमें एक चीज़ को लेकर उसे कुछ ज्यादा दाम में दूसरों को बेच दिया जाता है। जिस प्रकार किसी धंधे में एक व्यापारी अपने व्यापार से संबंधित चीजों को खरीद कर उसे अपने ग्राहकों को कुछ ज्यादा दाम में बेचकर लाभ कमाता हैं, ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग में होता है।

Trading Meaning in Hindi = व्यापार / लेन देन

ट्रेडिंग का अर्थ सरल शब्दों में | Trading Ka Matlab

इसे यदि हम सरल शब्दों में आपको बताना चाहे तो आप अपने आसपास की दुकानों का उदाहरण ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप चायपत्ती को लीजिए। आप इसे अपने आसपास की दुकान से या बाजार जाकर खरीदते होंगे।

अब आप इसे जिस दुकान से खरीदते हैं वह आपको उस चायपत्ती को उसी दाम में तो नही बेचता होगा ना। मान लो आप एक किलो चायपत्ती 300 रुपए की खरीदते हैं तो वह चायपत्ती उस दुकानदार को उससे कुछ कम दाम में पड़ती होगी।

ट्रेडिंग क्या है | What is Trading In Hindi

अब तक आप यह तो जान ही गए कि ट्रेडिंग कहते किसे हैं लेकिन ट्रेडिंग में किस चीज़ का आदान-प्रदान होता है, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। ट्रेडिंग में किसी वस्तु का लेनदेन ना होकर शेयर का लेनदेन होता है। हर बड़ी कंपनी के अपने शेयर होते ट्रेडिंग के प्रकार है और उनका कुछ मूल्य होता है।

ट्रेडिंग में व्यक्ति किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदता हैं और उसे कुछ ज्यादा दाम में कुछ समय के बाद किसी और को बेच देता है। इस तरह ट्रेडिंग का व्यापार किया जाता है और लाभ कमाया जाता है।

उदाहरण के तौर पर आप रिलायंस कंपनी के शेयर ले लीजिए। रिलायंस के एक शेयर का मूल्य 2300 रुपए के आसपास होता है। यह प्रतिदिन ऊपर-नीचे होता है। अब यदि किसी दिन रिलायंस का एक शेयर 2310 रुपए का है और आपने इसके 100 शेयर खरीद लिए। अगले दिन यही शेयर 2320 रुपए का हो जाता है और आपने यह शेयर बेच दिए तो इस तरह आपने एक दिन में 1000 रुपए कमा लिए।

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