Dividend क्या होता है?

लाभांश वितरण कर क्या है? – Dividend Distribution Tax
What is Dividend Distribution Tax? Explained in Hindi
भारत सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कि लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax) अब व्यक्तियों को नहीं Dividend क्या होता है? वरन् कंपनियों को देना होगा.
लाभांश वितरण कर क्या है?
यह वह कर है जो किसी कम्पनी द्वारा अपने लाभ में से अंशधारकों को दिए गये लाभांश पर लगाया जाता है.
लाभांश वितरण कर से सम्बंधित प्रमुख तथ्य
- लाभांश वितरण कर स्रोत पर लगाया जाता है और उस समय काटा जाता है जब कोई कम्पनी लाभांश वितरित करती है.
- यह लाभांश कम्पनी के लाभ का अंश होता है और इसे अंशधारकों में बाँटा जाता है.
- कानून के अनुसार लाभांश वितरण कर कम्पनी पर लगाया जाता है न कि लाभांश पाने वाले अंशधारक पर.
- परन्तु यदि कोई अंशधारक किसी एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रु. से अधिक का लाभांश प्राप्त करता है तो उस पर एक अतिरिक्त कर थोपा जाता है.
क्या लाभांश वितरण कर निजी कम्पनियों पर लागू होता है?
आयकर अधिनियम के अनुभाग 115-O के अनुसार, कोई भी ऐसा घरेलू प्रतिष्ठान जो लाभांश घोषित करता है अथवा वितरित करता है उसे लाभांश की कुल मात्रा के 15% की दर से लाभांश वितरण कर देना होगा.
क्या लाभांश वितरण कर न्यायोचित है?
बाजार में काम करने वाले लोग, विशेषकर दलाल, बहुत दिनों से लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax – DDT) को समाप्त करने की माँग करते रहे हैं क्योंकि इससे निगमों की आय का एक बहुत बड़ा अंश चला जाता है और इस प्रकार बाजार का आकर्षण कम जाता है.
बाजार में पहले Dividend क्या होता है? से ही कई और कर चल रहे हैं, जैसे – प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax), दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (Long-Term Capital Gains) कर आदि.
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लाभांश क्या है?(What is Dividend)
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लाभांश क्या है?(What is Dividend)
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लाभांश क्या है?(What is Dividend)
लाभांश(Dividend) एक नकद भुगतान है, जो एक कंपनी अपने शेयरधारकों को देती है। लाभांश विभिन्न रूपों में जारी किया जा सकता है, जैसे नकद भुगतान, स्टॉक या किसी अन्य रूप में। एक कंपनी का लाभांश उसके निदेशक मंडल द्वारा तय किया जाता है और इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। हालांकि, कंपनी के लिए लाभांश का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है। लाभांश आमतौर पर लाभ का एक हिस्सा होता है लाभांश भुगतान कंपनी अपने शेयरधारकों के साथ लाभ साझा करने के लिए करती है। उन्हें नियमित आधार पर भुगतान किया जाता है, और वे उन तरीकों में से एक हैं जिनसे निवेशक स्टॉक में निवेश करके रिटर्न कमाते हैं।
लाभांश का विवरण(Description of dividend)
लाभांश का विवरण(Description of dividend): अपने शेयरधारकों को भुगतान करने के बाद, एक कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभांश के रूप में पुरस्कृत करने के लिए आंशिक या पूरे लाभ का उपयोग कर सकती है। हालाँकि, जब कंपनी को नकदी की कमी का सामना करना पड़ता है या जब उन्हें पुनर्निवेश के लिए नकदी की आवश्यकता होती है, तो वे लाभांश का भुगतान करना भी छोड़ सकते हैं। जब कोई कंपनी लाभांश की घोषणा करती है, तो वह एक रिकॉर्ड तिथि भी तय करती है और उस तारीख तक पंजीकृत सभी शेयरधारक अपनी शेयरधारिता के अनुपात में लाभांश भुगतान प्राप्त करने के पात्र हो जाते हैं। स्टॉक आम तौर पर रिकॉर्ड तिथि से दो कार्यदिवस पहले तक लाभांश के साथ खरीदे या बेचे जाते हैं और फिर वे पूर्व-लाभांश में बदल जाते हैं। कंपनियां निवेशकों को पुरस्कृत करने के लिए नियमित लाभांश का नकद भुगतान देने की कोशिश करती हैं।
लाभांश यील्ड और विवरण (Dividend Yield & Description)
लाभांश यील्ड का विवरण(What is Dividend Yield) लाभांश यील्ड वित्तीय अनुपात है जो प्रति शेयर बाजार मूल्य के सापेक्ष शेयरधारकों को भुगतान किए गए नकद लाभांश की मात्रा को मापता है। इसकी गणना प्रति शेयर लाभांश को Dividend क्या होता है? बाजार मूल्य प्रति शेयर से विभाजित करके और परिणाम को 100 से गुणा करके की जाती है। उच्च लाभांश उपज वाली कंपनी लाभांश के रूप में अपने मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा देती है। किसी कंपनी की लाभांश उपज की तुलना हमेशा उस उद्योग के औसत से की जाती है जिससे कंपनी संबंधित है।
कंपनियां अपने मुनाफे का एक हिस्सा लाभांश के रूप में वितरित करती हैं, जबकि शेष हिस्से को व्यवसाय में पुनर्निवेश के लिए बनाए रखती हैं। किसी कंपनी के शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान किया जाता है। लाभांश यील्ड निवेशक कंपनी के स्टॉक में निवेश करके कमाते हैं। इसे आम तौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। डिविडेंड यील्ड की गणना का फॉर्मूला है लाभांश यील्ड = कैश लाभांश प्रति शेयर / मार्केट प्राइस प्रति शेयर * 100 । 100 रुपये के शेयर की कीमत वाली कंपनी 10 रुपये प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा करती है। उस स्थिति में, स्टॉक की लाभांश यील्ड 10/100*100 = 10% होगी। अस्थिर समय के दौरान उच्च लाभांश उपज स्टॉक अच्छे निवेश विकल्प हैं, क्योंकि ये कंपनियां अच्छे भुगतान विकल्प प्रदान करती हैं। वे जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं। निवेशकों को कंपनी के मूल्यांकन के साथ-साथ लाभांश-भुगतान ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करने की आवश्यकता है। उच्च लाभांश प्रतिफल वाली कंपनियां आम तौर पर मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा बरकरार कमाई के रूप में नहीं रखती हैं। उनके स्टॉक को आय स्टॉक कहा जाता है। यह ग्रोथ स्टॉक के विपरीत है, जहां कंपनियां मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा बरकरार कमाई के रूप में रखती हैं और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए निवेश करती हैं। निवेशकों के हाथों में लाभांश कर-मुक्त होता है उच्च लाभांश उपज वाले शेयरों में निवेश करने से एक कुशल कर-बचत संपत्ति बनती है। निवेशक टैक्स सेविंग के लिए निवेशक लाभांश घोषित होने से ठीक पहले स्टॉक खरीदते हैं और भुगतान Dividend क्या होता है? के बाद उन्हें बेचते हैं। ऐसा करके, वे कर-मुक्त लाभांश अर्जित करते हैं। लाभांश का भुगतान करने के बाद शेयर की कीमत कम हो जाती है।
लाभांश के प्रकार(Types of Dividends)
एक कंपनी अपने शेयरधारकों को विभिन्न प्रकार के लाभांश का भुगतान कर सकती है। शेयरधारकों को मिलने वाले सबसे सामान्य प्रकारों की सूची और संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है।
नकद(Cash) – यह कंपनी से सीधे शेयरधारकों को वास्तविक नकदी का भुगतान है और यह भुगतान का सबसे सामान्य प्रकार है। भुगतान आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन चेक या नकद द्वारा भी भुगतान किया जा सकता है।
स्टॉक(Stock) – कंपनी में नए शेयर जारी करके शेयरधारकों को स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है। निवेशक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या के आधार पर इनका भुगतान यथानुपात किया जाता है।
संपत्ति(Assets) – एक कंपनी अपने शेयरधारकों को नकद या शेयरों के रूप में वितरण का भुगतान करने तक सीमित नहीं है। एक कंपनी अन्य परिसंपत्तियों जैसे निवेश प्रतिभूतियों, भौतिक संपत्ति और अचल संपत्ति का भुगतान भी कर सकती है, हालांकि यह एक सामान्य प्रथा नहीं है।
विशेष(Special) – एक विशेष लाभांश वह है जो कंपनी की नियमित नीति (यानी, त्रैमासिक, वार्षिक, आदि) के बाहर भुगतान किया जाता है। यह आमतौर पर किसी न किसी कारण से हाथ में अतिरिक्त नकदी होने का परिणाम होता है।
सामान्य(Common) – यह शेयरधारकों के वर्ग (सामान्य शेयरधारक) को संदर्भित करता है, न कि वास्तव में भुगतान के रूप में क्या प्राप्त किया जा रहा है।
पसंदीदा लाभांश(Preferred dividend) पसंदीदा स्टॉक के मालिकों को जारी किए गए भुगतान। पसंदीदा स्टॉक एक प्रकार का स्टॉक है जो स्टॉक की तरह कम और बॉन्ड की तरह अधिक कार्य करता है। लाभांश का भुगतान आमतौर पर त्रैमासिक रूप से किया जाता है, लेकिन आम स्टॉक पर लाभांश के विपरीत, पसंदीदा स्टॉक पर Dividend क्या होता है? लाभांश आमतौर पर तय होते हैं।
लाभांश स्टॉक क्यों खरीदें?( Why buy dividend stocks?)
लाभांश का भुगतान करने वाले स्टॉक एक स्थिर और बढ़ती आय धारा प्रदान कर सकते हैं। निवेशक आमतौर पर उन कंपनियों में निवेश करना पसंद करते हैं जो साल दर साल बढ़ते लाभांश की पेशकश करते हैं, जो मुद्रास्फीति को दूर करने में मदद करता है। अच्छी तरह से स्थापित कंपनियों द्वारा लाभांश का भुगतान करने की अधिक संभावना है, जिन्हें अब अपने व्यवसाय में अधिक से अधिक धन का पुनर्निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि उन्हें उस विकास का विस्तार करने के लिए मुनाफे को फिर से निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती है।
सामान्य स्टॉक पर लाभांश की गारंटी नहीं है। हालांकि, एक बार जब कोई कंपनी लाभांश की स्थापना या वृद्धि करती है, तो निवेशक इसे कठिन समय में भी बनाए रखने की उम्मीद करते हैं। क्योंकि लाभांश को कंपनी की वित्तीय भलाई का संकेत माना जाता है, निवेशक अक्सर एक स्टॉक का अवमूल्यन करते ही है।
What is the Dividend | Definition of the Dividend | All About Dividend | Dividend Kya Hai
नमस्कार दोस्तों तो आज हम जिस विषय पर चर्चा करेंगे वो है डिविडेंड लोग अक्सर मुझसे इसके बारे में पूछते रहते हैं कि " डिविडेंड क्या है और ये कंपनी क्यों और कैसे देती हैं " तो मैंने इस पर लेख लिखा है ताकि उन लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी हो सके तो चलिए शुरुआत करते हैं
ये बाई बैक की तरह ही काफी प्रचलित है ट्रेडर्स में और इन्वेस्टर दोनों में क्योंकि डिविडेंड एक प्रकार का पे आउट होता है जो कंपनी निश्चित अवधी को अपने शेयर होल्डर को देती है वो इसका अपने शेयर के अनुसार कुछ परसेंटेज के हिसाब से होता है ये 1% भी हो सकता है या 30% भी कुछ भी हो सकता है
इसका निर्णय कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर का होता है पर कुछ ऐसी भी कम्पनियां है जो डिविडेंड रेगुलर देती हैं और साल में 4 से 5 बार देती हैं उन कंपनियों को काफी अच्छा माना जाता है और इससे कम्पनी के भविष्य का पता चलता है और इन पर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर को ज्यादा भरोसा होता है
इसका कारण ये है की कोई भी जो ऐसी कम्पनी के शेयर खरीदकर रखेगा उसमे कम्पनी की ग्रोथ से शेयर तो बढ़ेगा ही साथ ही अगर 4 या 5 बार डिविडेंड मिल गया तो उसका फायेदा अलग से मिलेगा इसको एक उदाहरण से समझते है और एक चार्ट भी देखते हैं
TCS कम्पनी का जो हर साल 4 से 5 बार डिविडेंड देती है TCS के शेयर की वैल्यू १ साल पहले यानि की फरवरी 2020 में इसका रेट 1877 रूपए था और तभी इसने डिविडेंड भी दिया था मार्च में जो कि आपको नील गोले में दिखाया गया है
इसने पिछले एक साल में 5 बार डिविडेंड दिया और ये 1877 से बढ़कर कहाँ तक गया आप स्वयं चार्ट में देख सकते हैं अब आपको प्रॉफिट का एक उदाहरण देती हूँ माना की आपने 100 शेयर लिए फरवरी 2020 में 2025 के भाव पर तो आपका इन्वेस्टमेन्ट हुआ 202500 अब इसका दाम है 3114 मतलब 311400 टोटल प्रॉफिट 311400 - 202500 = 108900
ये सिर्फ एक साल का रिटर्न है और अगर ये 5 बार डिवीडेड भी देती है तो अगर एक बार का डिविडेंड 20 भी है तो 100 x 20 x 5 = 10000 रूपए की अतिरिक्त आय
जब किसी को कुछ फ्री मिलता है तो उसे बहुत ख़ुशी होती है यहां जो मैंने आपको बताया तो आपको भी बहुत अच्छा Dividend क्या होता है? और आसान लग रहा होगा किन्तु ये इतना आसान और अच्छा भी नहीं है जितना आप समझ रहे हैं इसके लिए भी आपको कुछ रिसर्च करनी पड़ती है वो क्या है वो मै आपको बताती हूँ
1. किसी डिविडेंड वाले शेयर को लेने से पहले उसकी डिविडेंड के पुराने इतिहास को देखना बेहद जरुरी होता है
2. कभी - कभी डिविडेंड बहुत ज्यादा आकर्षित होता है जैसे अभी कुछ समय पहले अम्बुजा सीमेंट ने 17 रूपए और हिन्दुस्तान ज़िंक ने 21.30 रूपए का डिविडेंड दिया था जबकि इनके शेयर की वैल्यू बहुत कम हैं और ये क्रमशः उस समय 264 और 240 थी तब इतना मोटा डिविडेंड दिया था
3. पुराने इतिहास से मेरा मतलब ये है कि जो कंपनी ने डिविडेंड का ऐलान किया है वो कैसी है और क्या वो पिछले कुछ साल से लगातार ग्रोथ कर रही है और डिविडेंड वाले दिन वो कितनी गिरावट के साथ खुलता है
4. आपको ये देखना है Dividend क्या होता है? कि आगे इस कम्पनी की ग्रोथ क्या रहने वाली है कहीं लोग इसे केवल डिविडेंड के ही लिए तो नहीं ले रहे हैं
1. इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि ये सीधे हमारे बैंक अकाउंट में आता है अब आप सोचोगे की पैसा चाहे ट्रेडिंग अकाउंट में जाए या बैंक में बात तो वही है तो आपका सोचना सही है लेकिन इसको एक उदाहरण से समझते हैं माना की एक आदमी जो की सरकारी नौकरी करता था और वो रिटायर हो जाता है और उसको रिटायरमेन्ट के बाद 25 लाख रूपए मिलते हैं
अब वो चाहता है कि वो इस पैसे को ऐसे इन्वेस्ट करे की उसको महीना या तिमाही कुछ रिटर्न भी मिलता रहे और पैसा भी बढ़ता रहे तो ये उसके लिए बढ़िया है कि वो अपने पैसे से उन 5 - 5 कम्पनियों का चुनाव करे जो रेगुलर डिविडेंड भी देती हैं और आगे इसमें ग्रोथ भी अच्छी है
2. अब हम इसी उदाहरण को आगे बढ़ाते हैं की वो अगर TCS कंपनी के साथ जाता है और मानलीजिए कि सारा पैसा उसी में लगा देता है तो वो २५ लाख में तो वो आज के भाव 3114 के हिसाब से करीब 800 शेयर खरीदता है अब इसका दाम मान लीजिये की एक साल बाद 3300 भी अगर हो जाता है तो उसको 3300 - 3114 = 186 रूपए शेयर पर मतलब 800 x 186 = 148800 रूपए का प्रॉफिट होता है
अगर कम्पनी 4 से 5 बार डिविडेंड देती है 20 रूपए भी तो 4 x 20 = 80 रूपए एक शेयर का और आपने लिए 800 तो 800 x 800 = 64000 रूपए सालाना, अगर वो अलग - अलग कम्पनी के शेयर को लेता है तो यही पैसा महीने के हिसाब से भी मिल सकता है
ये तो बात थी डिविडेंड से होने वाले लाभ की अब बात करते हैं इसके नुक्सान की जी हाँ हर सिक्के के दो पहलु होते हैं तो वो यहां भी लागू होता है
1. जैसा की मैंने अपनी पहले की पोस्ट टेक्निकल एनलिसिस में भी बताया था की शेयर की वैल्यू अपनी वैल्यू में सब कुछ समाहित कर Dividend क्या होता है? लेती है और वैसे भी जितना कम्पनी ने डिविडेंड का ऐलान किया है उसके दाम जिस दिन उसके आखिरी दिन उसकी वैल्यू में एडजस्ट हो जाती है और वो गैप डाउन खुलता है वैसे ये हर शेयर के साथ नहीं होता किन्तु अधिकतर के साथ होता है
2. वैसे कुछ कम्पनियां ऐसी भी हैं जो डिविडेंड बहुत ही अच्छा देती हैं और सरकारी भी हैं किन्तु वो लगातार निचे जा रही हैं उनमे पैसा लगाने से बचना है आपको इसी लिए मैंने ऊपर बताया था कि पिछला इतिहास देखना बेहद जरूरी है मै यहां आपको एक चित्र दिखाती हूँ इसमें ज्यादा कुछ बताने को नहीं है सिर्फ ये दिखाना मेरा उद्देश्य है कि अच्छा डिविडेंड का मतलब ये नहीं कि कंपनी अच्छा रिटर्न भी देती है और आप चित्र देख सकते हैं कि शेयर लगातार नीचे जा रहा है कई साल से
3.अब मै आपको गैप डाउन ओपनिंग का चित्र दिखती हूँ जब अम्बुजा सीमेंट ने मोटा डिविडेंड दिया था पर यह 10 रूपए नीचे खुला किन्तु कंपनी अच्छी थी तो इसने जल्दी ही इसको रिकवर भी कर लिया
अब सबसे मुख्य बात आती कि आपको करना क्या है जिससे आपका फायदा हो न कि नुक्सान उसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है
1. सबसे पहले आपको देखना हैं कि जिस कंपनी ने डिविडेंड का ऐलान किया है उसका इतिहास क्या है मतलब पिछली ग्रोथ , कंपनी की आगे आने वाले समय में ग्रोथ की कैसी संभावना है
2. डिविडेंड के बाद की रिकवरी कैसे होती है मतलब जल्दी ही रिकवर हो जाता है या एक दो महीने वहीँ पर टिका रहता है
3. आगे आने वाले समय में कंपनी का प्लान क्या है क्या वो बढ़िया प्लान है या क्या कोई कंपनी को नया प्रोजक्ट मिलने वाला है कहीं कोई बुरी खबर तो नहीं आने वाली है
4. अगर सब कुछ आपको बढ़िया दीखता है और आपने Dividend क्या होता है? माना कि अम्बुजा सीमेंट के 100 शेयर जिस पर 17 रूपए का डिविडेंड था 262 पर ले लिया अब ये डिविडेंड वाले दिन 252 पर खुला आपको 17 रूपए का फायदा तो मिला डिविडेंड से लेकिन 10 रूपए का नुक्सान आप नहीं लेना चाहते क्यों कि आपको पता है कि इस शेयर का भविष्य अच्छा है तो ऐसे में आपको कुछ शेयर और खरीद कर इसे एवरेज कर लेना चाहिए ताकि आपका लोस्स जल्दी ही कवर हो जायेगा
अब मेरे ख्याल से आपको समझ में आ गया होगा इसका फायदा , नुक्सान और लेने का तरीका अगर आपका कोई सवाल हो तो आप मुझसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं मै आपके हर सवाल का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध हूँ तो आप मुझे फॉलो करें ताकि आपको मै ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी देती रहूं तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही अब विदा चाहूंगी
मै आपको बतादूँ की मैंने टेलीग्राम पर अपना नया चैनल शुरू किया है किन्तु अभी उस पर लोग जुड़ना शुरू हुए हैं और इसमें बहुत से लोग जुड़ना भी चाहते हैं तो उनके आग्रह पर मै उस पर भी अपनी नई - नई पोस्ट जल्द ही डालना शुरू करुँगी तो आप जो भी लोग इससे जुड़ना चाहते हैं वो जुड़ सकते हैं आप " Share Market Guru " के नाम से सर्च कर सकते हैं हो सकता है यहां आपको इस नाम के और भी कुछ चैनल दिखें तो आप फोटो से पहचान सकते हैं - धन्यवाद्
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शेयर और लाभांश (Share and Dividend) ➩ फार्मूला (Formula) और शार्ट ट्रिक्स (Short Tricks)
जब कोई छोटा सा व्यवसाय(Business) आरम्भ किया जाता है जिसमें कम पूंजी(Capital) की आवश्यकता पड़ती है तब केवल कुछ ही व्यक्ति या केवल एक ही व्यक्ति उसकी पूंजी दे सकता है जब कोई बड़ा व्यवसाय करना हो जैसे चीनी मिल खोलना सीमेंट की फैक्टरी खोलना है क्या जिसमें अधिक धन की आवश्यकता होती है तो उसकी पूजा केवल दो चार व्यक्तियों के बस की बात नहीं होती है , उसके लिए कुछ लोग अपने आपस में मिल जाते हैं और एक निगम(Corporation) या कंपनी बना लेते हैं ऐसे कंपनी को संयुक्त स्टॉक कंपनी(Joint Stock Company) कहते हैं ऐसे कंपनियों के लिए संचालक(Director) चुने जाते हैं जो कंपनी (Company) की देखरेख करते हैं
ऐसी कंपनी की पूंजी कोई निश्चित रकम(Constanat Capital) होती है जिसे उसके स्टॉक पूंजी (Stock Capital) कहते हैं स्टॉक पूंजी को छोटे छोटे कई भागो में बांट दिया जाता है ऐसे छोटे भाग को अथवा इकाई को शेयर (Share) कहते हैं
उदाहरण के लिए , कंपनी की पूंजी 75000 रु o निश्चित है तो यदि शेयर 10 रु o के बनाया जाए तो 7500 शेयर होंगे , यह पूंजी के कुछ भाग मान लिया 40000 रु o में सौ सौ रुपए के 400 बाकी 35000 रु o में 10 रुपए के 3500 शेयर होंगे
साधारणतः शेयर 1 र० , 5 र० , 10 र० और 100 र० के होते हैं। कंपनी की पूँजी शेयर में बाँट जाने के बाद आम लोगों को शेयर खरीदने के लिए आमंत्रित किया जाता है
शेयर खरीदने पर खरीदार के नाम से कंपनी के लाभ से कंपनी के रजिस्टर में शेरों की संख्या और स्टॉक की मात्रा दर्ज कर दी जाती है कंपनी को जो भी लाभ होता है वह शेयर धारियों में अर्थात उन व्यक्तियों के बीच में जिनके नाम से शेयर दर्ज रहता है बांट दिया जाता है इसे लाभांश (Dividend) कहते हैं
2. शेयर(Share) - पूँजी को प्रायः समान मूल्य की इकाइयों में बांट दिया जाता है, प्रत्येक इकाई को शेयर कहते हैं।
4. अधिमान(Preferred): जिन पर कंपनी को प्रत्येक साल निश्चित रूप से मुनाफा देना आवश्यक होता है चाहे कंपनी का मुनाफा हो या ना हो साथ साथ अधिमान शेयरधारकों को वोट देने का अधिकार भी होता है
6. अंशधारी या शेयर धारी (stockholder) - शेयर खरीदने वाला व्यक्ति कंपनी का शेयरधारी, हिस्सेदार या अंशधारी कहलाता है।
7. सममूल्य / अंकितमूल्य/ फेस वैल्यू या पार वैल्यू - जिस मूल्य पर एक शेयर कंपनी द्वारा जारी किया जाता है, उसे सममूल्य या अंकितमूल्य या फेस वैल्यू या पार वैल्यू कहते है।
11. एक निश्चित समय के बाद कंपनी को जो भी लाभ होता है उसे शेयरों की संख्या के अनुपात में शेयर धारियोंशेयरों में बांट दिया जाता है जिसे लाभांश कहते हैं
12. साधारणता लाभांश वार्षिक छमाही या तिमाही में ही दिया जाता है वास्तविक प्रतिशत लाभांश या लाभांश को वार्षिक में बदलने के लिए कर्मचा दो या चार से गुड़ा किया जाता है
13. लाभांश पर अधिमान स्टॉक के शेयर धारियों का पहले अधिकार होता है इसके बाद सामान्य स्टॉक वाले को लाभांश दिया जाता है
शेयर और लाभांश महत्त्वपूर्ण सूत्र ( Important Formula About Share and Dividend)
5. लाभांश दरया ब्याज दर = ( आय x 100 ) / स्टॉक पूंजी
6% के 3750 के एक स्टॉक को 92 रूपए के हिसाब से बेचकर एक व्यक्ति काटन मिल के 100रु अंकित मूल्य शयरों को 230 रुपए प्रति शेयर की दर से खरीदता है ऐसा करने से उसकी आय में पूर्व आय से 1 / 3 की वृद्धि हो जाती है काटन मिल द्वारा घोषित लाभांश की दर तथा उस व्यक्ति द्वारा खरीदे गए शयरों की संख्या ज्ञात कीजिए उसके ब्याज की वास्तविक दर भी बताइए? Answer : 8%
किसी कंपनी की स्टॉप पूंजी 260000 रूपए है इसमें 100 रुपए प्रति सममूल्य वाले 7% अधिमान स्टॉक शेयर है और सामान्य स्टॉक के 2100 शेयर हैं कंपनी में 24500 रुपए का लाभांश घोषित किया गया यदि व्यक्ति के पास अधिमान स्टॉक के 20 और सामान्य स्टॉक के 86 शेयर हो तो उसे कितना लाभांश मिलेगा
तीन अलग A, B और c के शेयरों को खरीदने में डेविड ने क्रमशः 25% 30% और 20% धन लगाया इन कंपनियों ने क्रमशः 10% 12% 60% लाभांश घोषित किया यदि उनको लाभांश कुल आय 4550 रुपए हुई हो तो उनके द्वारा कंपनी B के शेयरों में लगाई गई धनराशि ज्ञात कीजिए
डिविडेंड क्या है ?शेयर से पैसा कैसे कमाए
शेयर खरीदते समय जिन लोगों ने शेयर खरीदा है उसके रेट बढ़ गए और Dividend क्या होता है? कुछ हुआ बढ़े हुए रेट पर बेच दे तो उसको profit मिलता है लेकिन अगर शेयर के रेट बढ़ गए हैं आपने बेचा नहीं है तो जो भी प्रॉफिट है उसको डिविडेंड के रूप में कंपनी देती हैं आइए जानते हैं डिविडेंड क्या होता है।
What is dividend ?
डिविडेंड प्रॉफिट का हुआ पार्ट है जब जब हम अपनी शेयर के रेट बढ़ जाने के बाद भी शेयर को अगर बेचते नहीं है मतलब कंपनी के पास ही रहने देते हैं कंपनी क्या करती है कि शेयर के बढ़े हुए रेट पर लाभांश शेयर खरीदने वाले को देती है जिसको डिविडेंड कहा जाता है और यह कब तक मिलता रहता है जब तक कंपनी प्रॉफिट में आती रहती है और शेयर कंपनी के पास में पड़े रहते हैं।
Share Investment tips
शेयर में इन्वेस्टमेंट करते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि जिस कंपनी की पटोफाइल अच्छी होती है उन पर उनके प्रोजेक्ट को देखते हुए पैसा अपना इन्वेस्ट करने चाहिए ।
इसके लिए कई सारी कंपनी है जो ब्रोकरेज के आधार पर share investment tips देते हैं और उनका दावा होता है कि उनकेबताये गए शेयर इन्वेस्टमेंट से लोगों को फायदा होता है ।