एमएसई को डॉलर

गुजरात के अहमदाबाद में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के बीच जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी हब संगोष्ठी का किया गया आयोजन
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की राष्ट्रीय एससी-एसटी हब योजना (एनएसएसएच) तथा अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में 28 सितंबर 2022 को एक राष्ट्रीय एससी-एसटी हब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और सांसद डॉ. किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। उनके साथ ही इस संगोष्ठी में 300 से ज्यादा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री गौरांग दीक्षित ने इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इसके पश्चात मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मार्सी ईपाओ ने मुख्य भाषण दिया। इस संगोष्ठी के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मौजूदा एवं नए उद्योमियों को जीईएम, आरएसईटीआई, टीआरआईएफईडी आदि जैसे प्रमुख सीपीएसई संस्थानों के साथ बातचीत का मंच प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर अपने भाषण में डॉक्टर सोलंकी ने कहा कि गुजरात राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के और अधिक उद्यमियों को एनएसएसएच एमएसई को डॉलर योजना के तहत लाभ उठाने चाहिए। श्रोताओं में मौजूद बैंकरों से भी उन्होंने अपील की कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण सहायता सुनिश्चित करें ताकि उन्हें अपने व्यवसाय की क्षमता को बढ़ाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘ नौकरी चाहने वाले की जगह नौकरी प्रदान करने वाले बनने ’ की परिकल्पना पर जोर देते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान देने की अपील की।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ताप बिजली निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और भारतीय तेल निगम (आईओसीएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों ने भाग लिया और विक्रेताओं का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया तथा विक्रय की जाने वाली सेवाओं / उत्पादों की सूची के संबंध में प्रस्तुति दी। इस संगोष्ठी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों ने भी भाग लिया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों के लिए अपनी विभिन्न ऋण योजनाओं का विवरण साझा किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले तथा एमएसई को डॉलर एमएसएमई की सहायता के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रस्तुति देने वाले अन्य सरकारी संगठनों में जीईएम, केवीआईसी, आरएसईटीआई, जिला उदयम केंद्र, एमएसएमई-डीएफओ अहमदाबाद आदि शामिल थे। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और जनजाति के एमएसई भागीदारों की सुविधा के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन और जीईएम रजिस्ट्रेशन डेस्क भी बनाए गए थे।
भारतीय अर्थव्य्वस्था के समावेशी विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना शुरू की है। इसका लक्ष्य अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी के बीच क्षमता संवर्धन और उदयमिता संस्कृति को बढ़ावा देकर सार्वजनिक खरीद में उनकी भागीदारी बढ़ाना है।
हमारी अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्य दर्जे एमएसई को डॉलर के उद्योगों के महत्व के मद्देनजर यह जरूरी है कि देश के युवाओं के बीच उद्यमिता का विकास करने की दिशा में केन्दित प्रयास किए जाएं और ऐसा महौल बनाया जाए कि वे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकें।
देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देना जरूरी है। सरकार लगाकार सतत विकास के लिए एमएसएमई के सशक्तिकरण और उन्हें वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। इस राज्य स्तरीय संगोष्ठी में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारें में जानकारी प्राप्त कर एससीएसटी-एमएसएमई को अपने क्षितिज का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
बंधक भंडारगृह की अवधारणा को सबसे पहले व्हाईटफील्ड(बंगलौर) में आजमाया गया। आयातक कार्गो का एमएसई को डॉलर भंडारण कर सकते हैं और आंशिक डिलीवरी लेकर सीमाशुल्क विभाग को देय शुल्क को आस्थगित कर सकते हैं तथा साथ-साथ उस आईएसओ कंटेनर को ले सकते हैं एमएसई को डॉलर एमएसई को डॉलर जिसमें कार्गो आयातित किया गया है।
बंधक भंडारगृह आयातक को दोहरा लाभ देता है। एक तरफ इस से शुल्क अदायगी को आस्थगित करने की अनुमति मिल जाती है और इसके साथ ही कार्गो को भंडारागार में अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर भंडारण हेतु विकल्प की अनुमति मिल जाती है अन्यथा, एक आईएसओ कंटेनर को अपने पास रखना पड़ता है जिसके लिए आयातक को उपचित लीज किराए का भुगतान डॉलर में करना पड़ता है।
देश के सभी भागों में बंधक भंडारगृह की मांग बढ़ रही है। कॉनकॉर को यह सेवा देने में अद्वितीय अग्रता प्राप्त है। इसके भंडारागार उन स्थानों/आईसीडी के नजदीक स्थित हैं जहां आयात को पहली बार उतारा जाता है। इससे कार्गो की बांडिंग का बहुत किफायती विकल्प मिलता है क्योंकि एक नामित बांडेड भंडारागार में कार्गो के उतरने वाले स्थान से लाने में कोई वास्तविक अंतरण लागत नहीं है।इस उच्चस्तरीय लाभप्रद व्यवसाय को पकड़ने के लिए कॉनकॉर ने पहले से ही अपनी सुविधाओं यथा टोंडियारपेट(चैन्ने), सनतनगर(सिकंदराबाद), न्यू मुलुंड(मुंबई), तुगलकाबाद(नई दिल्ली), साबरमती(अहमदाबाद), ग्वालियर आदि में भंडारागारण सुविधाओं का परिचालन शुरू कर दिया है।
कॉनकॉर ने अपनी विद्यमान सुविधाओं में परिवर्तन करने या जहां कहीं आवश्यक है, ऐसे सभी व्यावसायिक केंद्रों पर नई सुविधाओं के निर्माण की योजना भी बनाई है।
बहुत जान है इस Stock में. 20 साल में बना रिटर्न मशीन, दिया 169580% का छप्परफाड़ मुनाफा, ब्रोकरेज अब भी बुलिश
Multibagger Stock: Q2 नतीजों के बाद शेयर पर ब्रोकरेज हाउस का मिला-जुला रिएक्शन है. एक ब्रोकरेज ने बजाज फाइनेंस के शेयर का टारगेट बढ़ाकर 9000 रुपए कर दिया है. 21 अक्टूबर को शेयर 7429.25 रुपए पर बंद हुआ था. इस भाव से शेयर में आगे 20% से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.
सितंबर तिमाही में बजाज फाइनेंस का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 88% बढ़कर 2,781 करोड़ रुपये रहा. (File Photo)
Bajaj Finance Return machine: बजाज फिनसर्व की सब्सिडियरी बजाज फाइनेंस लिमिटेड (Bajaj Finance Limited) के जुलाई-सितंबर तिमाही में अनुमान से थोड़े बेहतर नतीजे आए एमएसई को डॉलर हैं. बजाज फाइनेंस का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 88% बढ़कर 2,781 करोड़ रुपये रहा. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में उसने 1,481 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था. Q2 नतीजों के बाद शेयर पर ब्रोकरेज हाउस का मिला-जुला रिएक्शन है. एक ब्रोकरेज ने बजाज फाइनेंस के शेयर का टारगेट बढ़ाकर एमएसई को डॉलर 9000 रुपए कर दिया है. 21 अक्टूबर को शेयर 7429.25 रुपए पर बंद हुआ था. इस भाव से शेयर में आगे 20% से अधिक रिटर्न मिल सकता है.
20 साल में दिया 1 लाख 69 हजार 580%
Bajaj Finance मल्टीबैगर स्टॉक रहा है. 20 वर्षों में शेयर ने 1 लाख 69 हजार 580 रिटर्न दिया है. अगर किसी निवेशक 20 साल पहले इस शेयर में 10,000 रुपए लगाया होता तो उसका 16.95 करोड़ रुपए हो गया होता. बशर्तें वो अभी तक शेयर में बना रहे. एनबीएफसी का मार्केट कैप 4,42,179.36 करोड़ रुपए है. शेयर का 52 हफ्ते का हाई 8,043.50 रुपए है.
कैसे रहे Bajaj Finance के नतीजे?
बजाज फाइनेंस की वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 29% बढ़कर 9,972 करोड़ रुपये हो गई, जो वर्ष 2021-22 की समान अवधि में 7,735 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में कंपनी की ब्याज से होने वाली आय 27% बढ़कर 8,509 करोड़ रुपये रही.
Bajaj Finance पर ब्रोकरेज की सलाह
JP Morgan की राय
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस JP Morgan ने बजाज फाइनेंस पर ओवरवेट की रेटिंग दी है. साथ ही टारगेट प्राइस 8500 से बढ़ाकर 9000 रुपये प्रति शेयर कर दिया है. ब्रोकरेज के मुताबिक, Q2 में Bajaj Finance के नतीजे अनुमान से थोड़े बेहतर रहे. सालाना आधार पर AUM ग्रोथ 31% ग्रोथ रहा और तिमाही आधार पर स्टेबल. NIMs भी बढ़कर आई. क्रेडिट लागत और कम होकर 1.4% हो गई. ऐप रोल-आउट मेट्रिक्स प्रभावशाली है, मार्च 23 तक पूर्ण लॉन्च हो जाएगा.
Morgan Stanley की कॉल
ब्रोकिंग रिसर्च फर्म Morgan Stanley ने Bajaj Fiannce पर ओवरवेट की रेटिंग बनाए रखी है. उसने प्रति शेयर टारगेट 8500 रुपये से बढ़ाकर 8900 रुपये कर दिया. ब्रोकरेज का कहना है कि 2Q उबाई है और पिछली 2 तिमाहियों को रिपीट किया है. हालांकि ROA और ROE नई ऊंचाई पर पहुंच गए. NIM एमएसई से अधिक और क्रेडिट लागत कम है. मजबूत कंपाउंडिंग की उम्मीद है. F23-25 के लिए EPS अनुमान 2-3% बढ़ाए हैं.
Credit Suisse ने क्या दी रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस Credit Suisse ने बजाज फाइनेंस के शेयर पर न्यूट्रल रेटिंग बरकरार रखी है. साथ ही प्रति शेयर टारगेट प्राइस 7100 रुपये से बढ़ाकर 7700 रुपये कर दिया है. उसने कहा, Q2FY23 के नतीजे उम्मीदों से थोड़ा अधिक है.
ग्रोथ के मजबूत रहने की संभावना है लेकिन NIM में गिरावट की उम्मीद है. 2Q नेट प्रॉफिट 5% आगे रहने का अनुमान है. लोन ग्रोथ मजबूत, फीस इनकम औऱ लो क्रेडिट स्कोर पॉजिटिव थे जबकि मार्जिन में गिरावट और एलेवेटेड ओपेक्स निगेटिव है.
CLSA और Jefferies ने क्या दी कॉल
इसके अलावा, ग्लोबल ब्रोकरेज CLSA ने Bajaj Finance पर 'Sell' की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 5600 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया है. ब्रोकिंग फर्म Jefferies ने शेयर पर 'Hold' की रेटिंग दी है. साथ ही प्रति शेयर टारगेट 8000 रुपये से बढ़ाकर 8160 रुपये कर दिया.
HSBC, Goldman Sachs और CITI की क्या कहते हैं?
HSBC ने बजाज फाइनेंस पर होल्ड की रेटिंग दी है. उसने प्रति शेयर टारगेट 7000 रुपये से बढ़ाकर 7190 रुपये किया. ब्रोकिंग फर्म Citi ने बजाज फाइनेंस में खरीदारी की सलाह दी है. साथ ही शेयर का टारगेट प्राइस 8400 रुपये से बढ़ाकर 8500 रुपये कर दिया. Goldman Sachs ने Bajaj Fiancne पर Sell की रेटिंग दी है, साथ ही प्रति शेयर टारगेट 6234 रुपये का रखा है.
गुजरात के अहमदाबाद में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के बीच जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी हब संगोष्ठी का किया गया आयोजन
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की राष्ट्रीय एससी-एसटी हब योजना (एनएसएसएच) तथा अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में 28 सितंबर 2022 को एक राष्ट्रीय एससी-एसटी हब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और सांसद डॉ. किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। उनके साथ ही इस संगोष्ठी में 300 से ज्यादा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री गौरांग दीक्षित ने इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इसके पश्चात मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मार्सी ईपाओ ने मुख्य भाषण दिया। इस संगोष्ठी के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मौजूदा एवं नए उद्योमियों को जीईएम, आरएसईटीआई, टीआरआईएफईडी आदि जैसे प्रमुख सीपीएसई संस्थानों के साथ बातचीत का मंच प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर अपने भाषण में डॉक्टर सोलंकी ने कहा कि गुजरात राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के और अधिक उद्यमियों को एनएसएसएच योजना के तहत लाभ उठाने चाहिए। श्रोताओं में मौजूद बैंकरों से भी उन्होंने अपील की कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण सहायता सुनिश्चित करें ताकि उन्हें अपने व्यवसाय की क्षमता को बढ़ाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘ नौकरी चाहने वाले की जगह नौकरी प्रदान करने वाले बनने ’ की परिकल्पना पर जोर देते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान देने की अपील की।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ताप बिजली निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और भारतीय तेल निगम (आईओसीएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों ने भाग लिया और विक्रेताओं का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया तथा विक्रय की जाने वाली सेवाओं / उत्पादों की सूची के संबंध में प्रस्तुति दी। इस संगोष्ठी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों ने भी भाग लिया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों के लिए अपनी विभिन्न ऋण योजनाओं का विवरण साझा किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले तथा एमएसएमई की सहायता के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रस्तुति देने वाले अन्य सरकारी संगठनों में जीईएम, केवीआईसी, आरएसईटीआई, जिला उदयम केंद्र, एमएसएमई-डीएफओ अहमदाबाद एमएसई को डॉलर आदि शामिल थे। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और जनजाति के एमएसई भागीदारों की सुविधा के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन और जीईएम रजिस्ट्रेशन डेस्क भी बनाए गए थे।
भारतीय अर्थव्य्वस्था के समावेशी विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना शुरू की है। इसका लक्ष्य अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी के बीच क्षमता संवर्धन और उदयमिता संस्कृति को बढ़ावा देकर सार्वजनिक खरीद में उनकी भागीदारी बढ़ाना है।
हमारी अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्य एमएसई को डॉलर दर्जे के उद्योगों के महत्व के मद्देनजर यह जरूरी है कि देश के युवाओं के बीच उद्यमिता का विकास करने की दिशा में केन्दित प्रयास किए एमएसई को डॉलर जाएं और ऐसा महौल बनाया जाए कि वे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकें।
देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देना जरूरी है। सरकार लगाकार सतत विकास के लिए एमएसएमई के सशक्तिकरण और उन्हें वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। इस राज्य स्तरीय संगोष्ठी में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारें में जानकारी प्राप्त कर एससीएसटी-एमएसएमई को अपने क्षितिज का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
बीएलएस इंटरनेशनल ने जर्मन वीजा की प्रक्रिया के लिए किया करार
बीएलएस, एनएसई और एमएसई सूचीबद्ध बीएलएस इंटरनेशनल, सरकारों और नागरिकों के लिए एक विश्वसनीय ग्लोबल टेक इनेबल सर्विस पार्टनर, ने आज घोषणा की कि कि उसने उत्तरी अमेरिका और मैक्सिको क्षेत्रों में जर्मनी के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक वीजा की प्रक्रिया के लिए 7 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
बीएलएस छह महीने के भीतर मैक्सिको में दो केंद्रों और उत्तरी अमेरिका में बोस्टन, शिकागो, ह्यूस्टन, लॉस एंजिल्स, मियामी, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन डीसी सहित आठ केंद्रों के साथ परिचालन शुरू करेगा। कंपनी आवेदकों की सुविधा के लिए कई वैल्यू एडेड सर्विस जैसे फोटोकॉपी, अनुवाद, कूरियर, बीमा के साथ वीजा आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करेगी।
बीएलएस इंटरनेशनल के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री शिखर अग्रवाल ने कहा, “हम फेडरल फॉरेन ऑफिस, जर्मनी के साथ इस नई साझेदारी को शुरू करके खुश हैं और उत्तरी अमेरिका मेक्सिको क्षेत्र में आवेदकों को तेज और सुविधाजनक जर्मन वीजा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह अनुबंध शेंगेन सरकार के साथ हमारे वीज़ा पोर्टफोलियो को मजबूत करता है। मैं बिना किसी परेशानी के सभी काम होने के लिए आश्वस्त हूं और इस तरह के और अधिक अवसरों के साथ इस संबंध को मजबूत करने की आशा करता हूं।”
ये केंद्र प्रीमियम लाउंज (जिसमें आवेदक व्यक्तिगत सेवा का विकल्प चुन सकते हैं) और प्राइम टाइम सबमिशन (जिसमें आवेदक केंद्र के काम के घंटों से पहले और बाद में अपना आवेदन जमा कर सकते हैं) सहित अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करेंगे। कंपनी मोबाइल बायोमेट्रिक सेवा भी शुरू करेगी जिसमें आवेदक अतिरिक्त शुल्क पर अपने सुविधाजनक स्थान (घर या कार्यालय) पर आवेदन जमा करना चुन सकते हैं।
बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड (“बीएलएस इंटरनेशनल” या “बीएलएस”) सरकारों और नागरिकों के लिए एक विश्वसनीय ग्लोबल टेक इनेबल सर्विस पार्टनर, जिसकी वीज़ा, पासपोर्ट, कांसुलर, सिटीजन, ई-गवर्नेंस, अटेस्टेशन, बायोमेट्रिक, ई-वीज और रिटेल सर्विस के क्षेत्र में 2005 से बिना गलती के काम करने की प्रतिष्ठा स्थापित है। कंपनी को बिजनेस टुडे पत्रिका द्वारा “भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों” के रूप में मान्यता दी गई है, फोर्ब्स एशिया द्वारा “बेस्ट अंडर ए बिलियन कंपनी” और “फॉर्च्यून इंडियाज नेक्स्ट 500 कंपनियों” में स्थान दिया गया है।
कंपनी 46 से अधिक गवर्नमेंट क्लाइंट के साथ काम करती है इनमें राजनयिक मिशन, दूतावास और वाणिज्य दूतावास शामिल है, इन स्थानों पर टेक्नोलॉजी और प्रक्रियाओं की मदद से डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करती है। कंपनी के पास अब वैश्विक स्तर पर 15,500 से अधिक केंद्रों का एक व्यापक नेटवर्क है, जिसमें 15,000 से अधिक कर्मचारियों और सहयोगियों की मजबूत ताकत है जो कांसुलर, बायोमेट्रिक और नागरिक सेवाएं प्रदान करते हैं। बीएलएस ने विश्व स्तर पर अब तक 62 मिलियन से अधिक आवेदनों को प्रोसेस किया है।