शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें

3) अपनी ट्रेडिंग और निवेश प्रक्रिया की समीक्षा करें
शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्न तरीके|
जैसा की हम सब जानते हैं विभिन्न कमाई करने स्रोतों में शेयर बाजार भी एक अहम् स्रोत है जिसकी बदौलत बहुत सारे लोगों ने अकूत सम्पति हासिल की है, तो बहुत सारे लोगों ने बहुत कुछ गंवाया भी है | शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्न तरीके हैं इसलिए अलग अलग निवेशकों द्वारा अलग अलग निवेश के तरीके ही अपनाये जाते रहे हैं | कहने का आशय यह है की छोटे निवेशकों, बड़े निवेशकों एवं फंड मैनेजर इत्यादि द्वारा शेयरों को चुनने का अपना अपना तरीका अपनाया जाता रहा है |
और इनका यही तरीका आगे चलकर निवेश सम्बन्धी निर्णय शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें एवं उससे मिली सफलता के कारण एक ट्रेंड के रूप में स्थापित हो जाता है, फिर सभी लोगों को लगता है की शेयर बाजार में निवेश करने का जो तरीका उस सफलतम व्यक्ति ने अपनाया है वह भी वही तरीका शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें अपनाएं ताकि वे अपनी अधिक से अधिक कमाई कर पाने में सक्षम हों | हम यहाँ पर आदरणीय पाठक गणों को बताना चाहेंगे की शेयर बाजार में निवेश करने के लिए स्टॉक के चयन का भी एक विशेष तरीका होता है |
शेयर बाजार में निवेश का पहला प्रचलित तरीका ग्रोथ स्टॉक:
ग्रोथ स्टॉक नामक इस तरीके के अंतर्गत निवेशकों द्वारा निवेश के लिए उन शेयरों का चुनाव किया जाता है जिनमे अन्य शेयरों के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ने की संभावना अधिक हो | तेजी से बढ़ते हुए क्षेत्र को इमर्जिंग एरिया कहा जाता है इसलिए यदि स्टॉक ऐसे क्षेत्र से सम्बंधित हो तो उसमे ग्रोथ की अधिक संभावना होती है |
शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशक इस तरह के स्टॉक की पहचान कर लेते हैं इसके अलावा कुछ निवेशक इमर्जिंग सेक्टर की पहचान करके उस सेक्टर में तेजी से बढ़ रही कम्पनियों का चयन करके भी उनमें निवेश करते हैं | निवेशकों का मानना यह होता है की ग्रोथ स्टॉक में निवेश करके वह अपनी अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं | ग्रोथ स्टॉक का चयन करते समय यह देखना होता है की उन विशेष अर्थात चयनित शेयरों की बाकी कंपनी के शेयरों के मुकाबले कमाई शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें करने की क्षमता अर्थात अर्निंग ग्रोथ कितनी अधिक है |
शेयर बाजार में निवेश का दूसरा तरीका वैल्यू स्टॉक:
शेयर बाजार में बहुत सारे फंड मैनेजर वैल्यू इन्वेस्टिग के तरीके को अपनाकर निवेश करते हैं | वैल्यू स्टॉक नामक यह तरीका ग्रोथ स्टॉक नामक तरीके से पूरी तरह से पृथक है | वैल्यू स्टॉक नामक शेयर बाजार में निवेश करने के इस तरीके में उन शेयरों का चुनाव किया जाता है. जिनका तात्कालिक मार्केट प्राइस अपेक्षाकृत कम हो |
इस तरह के शेयरों में निवेश करके तब कमाई की जाती है जब ये कंपनी की आंतरिक मजबूती से अपना वास्तविक मूल्य प्राप्त कर लेने में सक्षम हो जाते हैं | शेयर बाजार में इस तरह के अंडर वैल्यूड स्टॉक की पहचान करने के विभिन्न तरीके होते हैं जिन्हें अपनाकर इनकी पहचान कर पाने में सरलता होती है |
यदि किसी शेयर का प्राइस अर्निंग रेशियो कम है तो वह इस बात का सूचक है की या स्टॉक अंडर वैल्यूड है इसके अलावा कंपनी के कैश फ्लो से भी इस बात का पता लगाया जा सकता है की स्टॉक अंडर वैल्यूड है शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें या नहीं | इन सबके अलावा कंपनी के नकदी प्रवाह एवं डिस्काउंटेड फ्यूचर अर्निंग को प्राइस अर्निंग रेशियो के सापेक्ष में समझकर भी अंडर वैल्यूड शेयरों की पहचान की जा सकती है |
मोमेंटम इन्वेस्टमेंट स्टाइल:
शेयर बाजार में निवेश करने का यह तरीका ऐसे निवेशकों के लिए है जो निवेशक निवेश पर शीघ्र लाभ प्राप्त करना चाहते हैं शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें | इसके तहत उन स्टॉक्स अर्थात शेयर का चयन किया जाता है जो बाजार में तेजी से बढती हैं | इसके अंतर्गत कई कंपनियों में नाटकीय रूप से वृद्धि होती है उनका प्राइस अर्निंग रेशियो बहुत ऊँचा होता है तथा बाजार में उनके स्टॉक्स का आकार काफी ज्यादा होता है |
इस प्रकार की ये कंपनिया जब बाजार में आशा से अधिक वृद्धि करने लगती हैं तो तब लाभ उठाने के लिए इन कंपनियों के शेयरों में किया जाने वाला निवेश मोमेंटम इन्वेस्टमेंट कहलाता है |
ग्रोथ इन्वेस्टमेंट एवं मोमेंटम इन्वेस्टमेंट में अंतर की बात करें तो इनमे मुख्य अंतर यही है की जहाँ ग्रोथ इन्वेस्टमेंट में चयनित कंपनियां उनके फंडामेंटल रूप से मजबूत होती हैं तथा लम्बे समय तक उनकी आय में वृद्धि होती रहती है, वहीँ मोमेंटम इन्वेस्टमेंट के तहत चयनित कंपनियों के फंडामेंटल पर ध्यान दिया नहीं जाता है बल्कि तात्कालिक ट्रेंड का लाभ उठाया जाता है | मोमेंटम इन्वेस्टमेंट काफी कम समय के लिए किया जाता है इसलिए निवेशक में जल्दी से स्टॉक बेचकर शेयर बाजार से निकलने का सामर्थ्य होना जरुरी है |
कैसे करें सोने में निवेश?
सोने में निवेश करने के लिए आपके पास कई तरीके हैं. सबसे पहले हम इन्हीं विकल्पों के बारे में बात करते हैं.
ये वो फंड्स हैं जो गोल्ड में निवेश करने वाले ETF में निवेश करते हैं. आमतौर पर इसमें निवेश का खर्च बहुत कम होता है. यह करीब 0.09-0.20 फीसदी ही होता है. यह एक तरह के ओपेन-एंडेड फंड्स होते हैं, जिसमें अगर आप एक साल से पहले निकलते हैं तो रकम की एक फीसदी शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें आपको पेनाल्टी के तौर पर देनी पड़ सकती है. हालांकि, कुछ गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी ऐसे ही हैं, जिनका एग्ज़िट लोड 15 दिनों का ही है. निप्पोन इंडिया गोल्ड सेविंग्स फंड भी इन्हीं में से एक हैं.
डिजिटल गोल्ड
डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे कम से कम मात्रा में भी खरीदा जा सकता है. आप जब चाहें, तब लाइव मार्केट में अपने गोल्ड की बिक्री कर कमा सकते हैं. कुछ प्लेटफॉर्म्स तो गोल्ड की फिज़िकल डिलीवरी भी देते हैं. डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का नुकसान है कि इसके लिए कोई रेगुलेटरी मैकेनिज़्म नहीं है.
सोने में निवेश करने के लिए यह भी एक अच्छा विकल्प माना जाता है. इस विकल्प की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें जोख़िम कम है और कोई मैनेजमेंट फीस भी नहीं देना होता है. हालांकि, इसमें लिक्विडिटी की सुविधा उतनी बेहतर नहीं है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश की सबसे अच्छी बात यह है कि इसपर सालाना 2.5 फीसदी का अतिरिक्त रिटर्न मिलता है. अगर इस इन्वेस्टमेंट को मैच्योरिटी तक रखा जाता है तो इसके कैपिटल गेन्स पर टैक्स भी नहीं दिया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना ज्वेलरी खरीदने या गोल्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश करने से बेहतर विकल्प माना जात है. लेकिन इनके साथ डीमैट चार्ज का बोझ भी होता है. गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक मार्केट पर लिस्ट होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से पहले इस ट्रैक करना और लिक्विडिटी के बारे में पूरी जानकारी जुटाना जरूरी होता है. हालांकि, गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 0.20 फीसदी से ज्यादा नहीं होता है.
यह एक ऐसा स्कीम है जिसमें आगे की तारीख पर सोना खरीदने के लिए पैसे जुटाने में मदद करता है. इसमें सोना खरीदारी पर डिस्काउंट भी मिलता है. यह स्कीम उन लोगों के लिए सबसे बेहतर है, जो सोना में निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन उनके पास कम पैसा है. निवेश के नजरिए से कई ऐसे विकल्प हैं, जिनका एक्सपेंस रेशियो बेहद कम है.
ज्वेलरी
जानकारों का कहना है कि निवेश के नज़रिए से कभी भी सोने में निवेश नहीं करना चाहिए. दरअसल, ज्वेलरी पर अच्छा खासा मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. इसके अलावा इसपर जीएसटी भी देय होता है. ये दोनों चार्ज मिलाकर 25 फीसदी तक पहुंच सकता है. हालांकि, ज्वेलरी की लिक्विडिटी सबसे ज्यादा होती है. इसके चोरी होने का भी खतरा होता है.
अगर कोई व्यक्ति फिज़िकल गोल्ड में निवेश करना चाहता है तो गोल्ड बार या कॉइन उनके लिए अच्छा विकल्प बन सकता है. इसपर 3 फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज देना होता है. गोल्ड बार और कॉइन पर मेकिंग चार्ज ज्वेलरी की तुलना में कम होता है.
Share Market के जोखिमों को कम करके अपने पोर्टफोलियों को बैलेंस कैसे करें? जानिए स्मार्ट तरीकें
How to Reduce Risk in Share market: निवेशक हमेशा अपने पोर्टफोलियो के सामने आने वाले जोखिमों को लेकर चिंतित रहते हैं। हालांकि जोखिम मुक्त निवेश जैसा कुछ नहीं है लेकिन जोखिम को कम करने के कुछ स्मार्ट तरीके जरूर हैं। तो आइए जानते है How to Minimize Stock Market Risk
How to Minimize Stock Market Risk: अगर आप शेयर बाजारों में रेगुलर इन्वेस्टर हैं, तो आपके लिए 'जोखिम' (Risk) कोई नया शब्द नहीं होगा। शेयर बाजारों में ट्रेडिंग और डीलिंग के लिए जोखिम निरंतर हैं। हालांकि, शेयर बाजार में जोखिम का अगर ठीक से ध्यान रखा जाए तो यह रिवॉर्ड में तब्दील हो सकता है। प्रत्येक निवेश में कई जोखिम होते हैं और एक निवेशक जो इन जोखिमों से नहीं बचता है, उसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प
Published: October 29, 2020 5:08 PM IST
आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.
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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.
पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कंपनियों के शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें शेयरों में निवेश
शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.
Top 5 Investment option for 2021: क्या आप चाहते हैं नए साल में मोटे मुनाफे के साथ-साथ आपका पैसा भी सुरक्षित रहे? तो ये पांच विकल्प आपके लिए रहेंगे सही
- शेयर मार्केट में निवेश से आपको बेहतर मुनाफा तो हो सकता है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है। ऐसे में सरकारी योजनाएं बेहतर हैं।
- किसान विकास पत्र, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम में निवेश कर आप फिक्स्ड रिटर्न कमा सकते हैं।
- सरकार इन छोटी बचत योजनाओं के लिए हर तीन महीने में ब्याज दर निर्धारित करती है।
किसान विकास पत्र से 10 साल 4 महीने में दोगुना कर सकते हैं पैसे
केवीपी में जमा राशि 10 साल 4 महीने में दोगुनी हो जाती है। 18 और उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इन्हें खरीद सकता है। 1,000 रुपये के न्यूनतम निवेश से शुरुआत की जा सकती है, केवीपी में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती। आप 1000, 5000, 10,000 और 50,000 रुपये तक के सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं। जरूरत पड़ने पर शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें ढाई वर्ष बाद आप इसमें से पैसे निकाल भी सकते हैं। वैसे तो इसमें निवेश की गई रकम पर आपको टैक्स में लाभ नहीं मिलता है, लेकिन यह सेफ इन्वेस्टमेंट माना जाता है। इसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है। इसके रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आप बैंकों के साथ-साथ डाकघरों से इन्हें खरीद सकते हैं।