दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी

क्या कहता है कानून?
सीधा सवाल ये है कि क्या कोई कंटेंट क्रिएटर या इन्फ्लुएंसर बिना किसी लीगल जिम्मेदारी के किसी भी ब्रैन्ड को प्रमोट कर सकता है? क्या हुआ अगर ब्रैन्ड फ्रॉड निकला, अंडर क्वालिटी निकला या स्वास्थ और समाज के लिए हानिकारक निकला? जवाब कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 (Consumer Protection Act, 2019) में है. इस कानून में भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सजा (Penalties for Misleading Advertisement) अनुचित व्यापार व्यवहार (Unfair Trade Practices) के साथ साथ सेलेब्रिटी एंडोर्समेंट (Celebrity Endorsement) को जिम्मेदार बनाने के लिए तमाम प्रावधानों का जिक्र है. इसके अलावा पारदर्शी एडवर्टीजमेंट के लिए बने स्व-नियामक संगठन ASCI (The Advertising Standards Council of India) का कोड ऑफ सेल्फ रेगुलेशन (Code for Self-Regulation in Advertising) भी है. जो सेलेब्रिटी या एंडोर्सर की जिम्मेदारियां तय दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी करता है और इससे भी ऊपर है. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के ही चैप्टर 3 में बनाया गया केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) जो ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और सजा देने के अधिकार रखता है.
Cryptocurrency: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर कानूनी लगाम जरूरी! निवेशकों के पैसे डूबने का मुद्दा, उठे कई सवाल
Cryptocurrency: दुनियाभर के करीब दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी 8 लाख निवेशक भौंचक्के और असहाय हो गए जिनमें हजारों भारतीय निवेशक भी थे. सोशल मीडिया पर वॉल्ड (Vauld) के दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा.
भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग कारोबार दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी खूब फल फूल रहा है.
Cryptocurrency: हाल ही में टीम जी बिजनेस (Zee Business) ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और उनकी बातों में आकर निवेशकों (Cryptocurrency investment) के पैसे डूबने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. खासतौर पर क्रिप्टो संबंधित निवेश को प्रमोट करने वाले फिनफ्लुएंसर्स (Finfluencers) पर सोशल मीडिया में जो सवाल उठे हैं. वो सवाल शो के दायरे में लाए गए मामले की जड़ में थी. 4 जुलाई की तारीख जब क्रिप्टो एक्सचेंज वॉल्ड (crypto exchange Vauld) में अचानक ट्रेडिंग, विदड्रॉल और डिपॉजिट्स पर रोक लगा दी गई. इसके पीछे क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) में भारी उतार चढ़ाव का हवाला दिया गया. अनुमान है कि दुनियाभर के करीब 8 लाख निवेशक भौंचक्के और असहाय हो गए जिनमें हजारों भारतीय निवेशक भी थे. सोशल मीडिया पर वॉल्ड (Vauld) के निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा. धीरे धीरे गुस्से की जद में वो इन्फ्लुएंसर्स भी आ गए, जिन्होंने वॉल्ड में निवेश के लिए लोगों को प्रेरित किया था. सोशल मीडिया पर इनमें जो सबसे ज्यादा चर्चित नाम रहे उनमें पीआर सुंदर (PR Sundar), अंकुर वारिकू (Ankur Warikoo) अक्षत श्रीवास्तव (Akshat Srivastav) बूमिंग बुल्स (Booming Bulls), अनंत लढ़ा (Anant Laddha) जैसे नाम शामिल थे.
दुनियाभर में यूं रेगुलेट होती है क्रिप्टोकरेंसी, कहीं खुलकर अपनाया गया तो कहीं शिकंजा
- News18Hindi
- Last Updated : November 25, 2021, 19:25 IST
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर अलग-अलग देशों और रेगुलेटर्स का स्टैंड भी अलग-अलग है. कहीं पर इसे पूर्ण रूप से बैन किया गया है तो कहीं पर कुछ रेगुलेशन्स के साथ क्रिप्टो को ऑपरेट किया जा रहा है. कहीं पर कोई गाइडलाइन्स नहीं है, लेकिन इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग की जा रही है. हकीकत ये है कि अलग-अलग देशों की सरकारें और रेगुलेटर्स एकमत नहीं है कि इसे मुद्रा (करेंसी) समझा जाए या संपत्ति (एसेट). इस पर भी एकराय नहीं है कि परिचालन या ऑपरेशन पॉइंट ऑफ व्यू से इसे कैसे नियंत्रित किया जाए. विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाओं में कोई स्पष्ट समन्वय नहीं होने के कारण पॉलिसी और रेगुलेटरी रिस्पॉन्स का विकास अस्वाभाविक रूप से असंगत रहा है.
Crypto फर्म Blockchain.com अब इटली में रेगुलेटर की देखरेख में देगी सर्विसेज
फर्म अब क्रिप्टोकरेंसी में रेगुलेटर की देखरेख में सर्विसेज दे सकेगी
खास बातें
- Binance, Coinbase, Crypto.com के पास भी इटली में है रेगुलेटरी अप्रूवल
- फर्म OAM के अंतर्गत करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
- OAM इटली में फाइनेंशिअल एजेंट्स और क्रेडिट ब्रोकर्स की निगरानी करता है
लंदन आधारित क्रिप्टोकरेंसी फर्म Blockchain.com को इटली के रेगुलेटर से सर्विसेज के लिए अप्रूवल मिल गया है. यानि कंपनी अब क्रिप्टो और डिजिटल वॉलेट्स सर्विसेज को रेगुलेटर की देखरेख में इटली के नागरिकों और निवेशकों को उपलब्ध करवा सकती है. डिजिटल एसेट्स से जुड़ी फर्मों में ऐसा करने वाली Blockchain.com लेटेस्ट कंपनी है.
साल की शुरुआत में फरवरी में इटली ने इसके ब्रोक्रेज रेगुलेटर के साथ एक स्पेशल रजिस्टरी की थी. इसके अंतर्गत क्रिप्टो ऑपरेटर्स को रखा गया था ताकि वे स्थिर रूप से देश में काम कर सकें. हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी थीं, जिनको ऑपरेटर्स को पूरा करना होता है.
Cryptocurency: भारतीयों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बढ़ रहा जबरदस्त क्रेज, भारत में हैं क्रिप्टो के सबसे ज्यादा दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी निवेशक
नई दिल्ली। दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में काफी क्रेज बढ़ रहा है। रोजाना लाखों लोग इस क्षेत्र से जुड़ रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की संख्या बढ़ रही है। भारतीय लोगों में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी तेजी से क्रेज बढ़ रहा है। बीते दिन क्रिप्टोकरेंसी ने जिस तेजी से निवेशकों को मालामाल किया है, उससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश भी बढ़ गया है। तो वहीं सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए विधेयक लाने की तैयारी में लगी हुई है। उसके बाद भी भारत में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में काफी क्रेज बना हुआ है। सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं। भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा कही जा रही है।
क्रिप्टो का मायाजाल: 50 पर नजर, एक हजार एक्सचेंज से धोखाधड़ी
इंदौर. क्रिप्टो करेंसी का ऑनलाइन बाजार मायाजाल बनता जा रहा है। 1 जुलाई 2022 से सरकार हर खरीदी-बिक्री पर 1 प्रतिशत टीडीएस ले रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार 50 एक्सचेंज पर ही नजर रख रही है, लेकिन एक हजार से ज्यादा एक्सचेंज हैं और उनका कारोबार धोखाधड़ी का गढ़ बन गया है। करीब 80 प्रतिशत मामलों में धोखाधड़ी हो रही है। क्रिप्टो करेंसी आधिकारिक नहीं है इसलिए धोखाधड़ी रोकने के लिए कोई एजेंसी निगरानी नहीं कर रही है। टैक्स स्कीम से क्रिप्टो करेंसी में लग रही ब्लैक मनी का खेल तो आउट हो गया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्लेकमेलिंग, रिश्वतखोरी व हवाला के रूप में इस्तेमाल जारी है।