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स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे

स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे

एजेंट कौन होता है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापार के सन्दर्भ में अभिकर्ता (एजेंट) वह व्यक्ति है जो किसी अन्य व्यक्ति की ओर से व्यापार संबंधी कार्य करे। अधिकांशत: तो उसका कार्य माल के क्रय, विक्रय अथवा वितरण में अपने प्रधान की सहायता करना है और प्राय: उसका पारिश्रमिक वर्तन (कमीशन) के रूप में होता है। कार्यानुसार अभिकर्ता विभिन्न नामों से पुकारे जाते हैं।

एजेंट का काम क्या होता है?

कानून द्वारा एजेंसी कब समाप्त की जा सकती है?

इसे सुनेंरोकें(ii) एजेन्ट द्वारा एजेन्सी के व्यापार का परित्याग करके :- जब एजेन्ट स्वयं एजेन्सी का परित्याग कर देता है और इसकी सूचना मालिक को दे देता है तो एजेन्सी समाप्त हुआ माना जाता है।

क्या सामयिक एजेंट है?

इसे सुनेंरोकेंएक सामयिक दवा एक ऐसी दवा होती है जो त्वचा या श्लेष्म झिल्ली जैसे शरीर की सतहों पर लागू होती है, जिसमें कणों, फोम, जैल, लोशन और मलहमों तक सीमित नहीं होते हैं, लेकिन इसमें बड़ी मात्रा में वर्गों के माध्यम से बीमारियों का उपचार किया जाता है।

अभिकर्ता का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापार के सन्दर्भ में अभिकर्ता (एजेंट) वह व्यक्ति है जो किसी अन्य व्यक्ति की ओर से व्यापार संबंधी कार्य करे। अधिकांशत: तो उसका कार्य माल के क्रय, विक्रय अथवा वितरण में अपने प्रधान की सहायता करना है और प्राय: उसका पारिश्रमिक वर्तन (कमीशन) के रूप में होता है।

बीमा एजेंट कैसे बने?

इसे सुनेंरोकेंएक बीमा एजेंट के रूप में कार्य करने स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को आईआरडीए-अनुमोदित संस्थान से सामान्य बीमा कारोबार में 50 घंटे का व्यावहारिक प्रशिक्षण लेना होगा, जो कि एक सप्ताह का हो सकता है। अपने लाइसेंस के नवीकरण के लिए, एजेंट को केवल 25 घंटे के लिए प्रशिक्षण लेना होगा।

एलआईसी एजेंट बनने के क्या क्या फायदे हैं?

इसे सुनेंरोकेंLic agent banane ke fayde एलआईसी एजेंट सेवानिवृत्त नहीं होता है वह जीवन भर अपना बीमा का कार्य कर सकता है और पेन्सन lic के द्वारा पा सकता है। एलआईसी एजेंट को ब्याज मुक्त राशि दिया जाता है जैसे त्यौहार में दोपहिया गाड़ी या चार पहिया गाड़ी खरीदने में वह कुछ छूट के साथ खरीद सकता है।

1 आर्थिक एजेंट कौन होते हैं?`?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या के सभी निवासी जो इन गतिविधियों पर अपने विकास को आधार बनाते हैं, इसलिए, वे आर्थिक एजेंट हैं, क्योंकि वे आर्थिक जीवन में भाग लेते हैं। बाजार के मामले को लें जो किसी भी देश का गठन करता है। परिवार हर तरह के सामानों की माँग करते हैं: भोजन, कपड़े, दवाएँ इत्यादि।

1 आर्थिक एजेंट कौन होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउपभोक्ता : वह आर्थिक एजेंट होता है जो वस्तुओं व सेवाओं का कय आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए करता है। सेवाधारी : एक व्यक्ति जो नौकरी करता है तथा अपनी सेवाएं उत्पादन के कारक के रूप में देता है और वेतन या पारिश्रमिक प्राप्त करता है, सेवाधारी कहलाता है। जैसे अध्यापक।

बीमा से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंबीमा वास्तव में बीमाकर्ता और बीमाकृत के बीच अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता बीमाकृत से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) के बदले किसी निश्चित घटना के घटित होने (जैसे कि एक निश्चित आयु की समाप्ति या मृत्यु की स्थिति में) पर एक निश्चित रकम देता है या फिर बीमाकृत की जोखिम से होने वाले वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करता है।

एजेंसी क्या है एक एजेंट के अधिकार क्षेत्र की विवेचना करें?

इसे सुनेंरोकेंएक एजेंसी तब बनाई जाती है जब कोई व्यक्ति अपने अधिकार को किसी अन्य स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे व्यक्ति को सौंपता है, अर्थात, उन्हें कुछ विशिष्ट कार्य करने के लिए नियुक्त करता है या कार्य के निर्दिष्ट क्षेत्रों में उनमें से कई नंबर देता है। एक प्रिंसिपल-एजेंट संबंध की स्थापना दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्वीकार करती है।

बीमा एजेंट कौन बन सकता है?

इसे सुनेंरोकेंएक बीमा एजेंट / पीओएस के पास स्नातक की स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे डिग्री (स्नातक) होनी चाहिए। हालाँकि, कुछ मामलों में, कोई व्यक्ति जो स्कूल से पास हो गया है, लेकिन उसके पास महत्वपूर्ण प्रतिभा है और बिक्री में अनुभव भी एक एजेंट बनने में सक्षम हो सकता है। इसलिए, बीमा एजेंट बनने के लिए 12 वीं पास होना सबसे कम आवश्यकता है ।

LIC एजेंट को कितना कमीशन मिलता है?

इसे सुनेंरोकेंLIC Agent Commission Rate 2020 – 2021 – LIC के सभी रेगुलर प्लानों में पहले वर्ष ज्यादातर 25% commission दिया जाता है तथा इसके साथ कमीशन पर 40% अलग से बोनस कमीशन के रूप में भी दिया जाता है। मतलब आपको 15 साल या इससे ज्यादा के योजनाओं पर पहले वर्ष लगभग 35% कमीशन दिया जाता है।

एजेंसी को कैसे समाप्त किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजब किसी वस्तु के लिये एजेंसी स्थापित की गई हो और वह विषय-वस्तु ही नष्ट हो जाय तो ऐसी दशा मे एजेंसी समाप्त हो जाएगी। नियोक्ता या एजेंट मे से किसी की भी मृत्यु की दशा मे एजेंसी अनुबंध समाप्त हो जाता है। जब नियोक्ता या एजेंट दोनों मे से कोई भी पागल हो जाय तो एजेंसी समाप्त हो जाती है।

रॉ एजेंट बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

रॉ एजेंट बनने के लिए बेसिक आवश्यकताए

  1. किसी भी प्रकार का आपराधिक रिकॉर्ड होने से आपके आवेदन के निरस्त होने की संभावना होती है
  2. आवेदकों को ड्रग परीक्षण से गुजरना होता है, तथा मादक पदार्थों की आदत नही होनी चाहिये
  3. अधिकांश एजेंटों को विदेशों की यात्रा करनी पड़ती है, यात्रा के बिना भी भूमिकाएं होती हैं

एजेंट कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंदो सामान्य प्रकार के एजेंट वकील हैं, जो कानूनी मामलों में अपने ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और स्टॉकब्रोकर, जो निवेशकों द्वारा उनके लिए निवेश निर्णय लेने के लिए रखे जाते हैं।

ETF kya hai? ETF स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे kaise kharide. सब कुछ समझे।

अगर आप स्टॉक मार्किट मार्किट में एक नए निवेशक है, या आप अभी-अभी अपने सफर की शुरुवात कर रहे है, शेयर बाजार में तो, शायद आपको ETF क्या होता है? आपको नहीं मालूम होगा। इस पोस्ट में हमलोग ETF kya hai? इसको कैसे ख़रीदे और ETF का फुल-फॉर्म क्या है? इन सभी को जानेंगे।

सबसे पहले हमलोग ये जान लेते है की, ETF का फुल-फॉर्म क्या होता है? ETF full-form Exchange-Traded Fund होता है. आपको मैं बता दूँ की, ETF कोई शेयर नहीं है, जो इसका ETF Share price होगा। लेकिन इसका कीमत जरूर होता है. अब हमलोग ये जानते है की, ETF क्या होता है?

ETF क्या है?

सीधे शब्दों में समझाऊ तो, ETF भी म्यूच्यूअल फण्ड की तरह होता है. लेकिन ETF किसी एक इंडेक्स, एसेट, कमोडिटी या किसी दूसरे सिक्योरिटी को ट्रैक करता है, और उसमे निवेश करता है. ETF एक pooled investment है, जो बहुत हद तक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह काम करता है. इसको आप किसी रेगुलेटेड स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद और बेच सकते है.

जैसे म्यूच्यूअल फण्ड का यूनिट आप खरीद सकते है, वैसे ही आप ETF का भी यूनिट खरीद सकते है. ETF price भी मार्किट मूवमेंट के अनुसार बढ़ता-घटता रहता है.

ETF के प्रकार।

जैसे की हम ये जान चुके है की, ETF किसी एक प्रकार के इंडेक्स को ट्रैक करता है. इसी आधार पर ेट्फ़्के कई प्रकार हो सकते है. उनमे से कुछ को निचे लिस्ट किया है-

  • पैसिव और एक्टिव ETFs
  • बांड ETF
  • स्टॉक ETF
  • कमोडिटी ETF
  • Industry/sector ETF
  • करेंसी ETF

ETF कैसे ख़रीदे?

आप ETF को किसी भी ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते है, जैसे की, Zerodha(Coin). यहाँ जैसे आप शेयर ख़रीद सकते ठीक वैसे ही, ETF खरीद सकते है. ETF को सबसे पहले NFO के तौर पर लाया जाता है, फिर उसे शेयर बाजार में लिस्ट किया जाता है. ETF किसी AMC(एसेट मैनेजमेंट कंपनी) का प्रोडक्ट होता है.

ETF खरीदने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर अकाउंट में पैसे डालने होंगे। उसके आप जैसे म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते है, वैसे ही इसको भी खरीद सकते है. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट खाता होना जरुरी है. ETF खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है. सही ETF चुनना जरुरी होता है.

ETF में निवेश कैसे करे?

अभी के समय में बहुत सारे प्लेटफार्म उपलब्ध है, जहां से आप ETFs में निवेश कर सकते है. लेकिन निवेश करने से भी ज्यादा जरुरी होता है, सही ETF खोजना। यहाँ निवेश करने के लिए आप निचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर सकते है.

  • सबसे पहले आप के प्लेटफार्म ढूढ़े जिसकी मदद से आप निवेश करेंगे, इसके लिए आप Zerodha का इस्तेमाल कर सकते है. यहाँ पर आप कमीशन मुक्त निवेश कर सकते है.
  • प्लेटफार्म खोजने के बाद सबसे जरुरी काम है, ETF रिसर्च करना। आज के समय में बहुत सारे ETF है, निवेश करने के लिए. ETF कोई एक स्टॉक या कोई दूसरा सिक्योरिटी नहीं होता है. इसलिए आपको ETF किस इंडस्ट्री/सेक्टर पर ध्यान दे रहा है, उसे समझना आपके लिए जरुरी है. किसी भी ETF को चुनने से पहले आपको 3 सवाल जरूर पूछने चाहिए-(1) इन्वेस्टमेंट टाइम फ्रेम क्या है?(2) उसमे earning और ग्रोथ पोटेंशियल क्या है?(3) उसे सेक्टर/इंडस्ट्री की स्थिति कैसी है?

ETF के फायदे और नुकशान

हर चीज़ के फायदे और नुकशान होते है. निवेशक के तौर पर आपको सिर्फ दो ट्ट्रांसक्शन करना होता है, पहला buy और दूसरा sell का.

फायदे

  • कम एक्सपेंस रेश्यो और कम ब्रोकर कमीशन
  • डायवर्सिफिकेशन के माध्यम से रिस्क मैनेजमेंट
  • ये किसी एक इंडस्ट्री पर फोकस्ड होते है.

नुकशान

  • Active ETF के फी ज्यादा होता है.
  • Highly focused होने के कारण diversification स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे लिमिट हो जाता है.

तो कुछ इस तरह से आप ETF में निवेश कर सकते है. अगर यहाँ सही से निवेश किया जाये तो, यहाँ से से अच्छा retrun कमाया जा सकता है. तो उम्मीद है की, आप सब ये समझ चुके है की, ETF kya hai? और इसमें निवेश कैसे करे? अगर इस पोस्ट में कुछ भी वैल्यू है तो, इसे दुसरो के साथ शेयर जरूर करे.

शेयर बाजार की कहानी, झुमरी तिलैया के पिंकू की जुबानी

मेरी धाक है- एक ट्रेडर के रूप में और एक इंवेस्टर के रूप में.

शेयर बाजार की कहानी, झुमरी तिलैया के पिंकू की जुबानी

माईसेल्फ पिंकू. झुमरी तिलैया के मेन मार्केट में मेरी एक दुकान है. वही झुमरी तिलैया, जिसके बारे में आपने बड़े चर्चे सुने हैं. बॉलीवुड के गानों में और बिनाका गीतमाला में. उस समय के अविभाजित बिहार में मेरे इलाके में प्रॉस्पेरिटी दूसरे इलाके से पहले पहुंची थी. सब माइका माइनिंग का कमाल था. रेडियो के कार्यक्रम में हिस्सा लेना हमारे लिए अखबार में नाम छपवाने जैसा था.

मेरी धाक है- एक ट्रेडर के रूप में और एक इंवेस्टर के रूप में. आसपास के लोग मुझे छोटा झुनझुनवाला मानते हैं. शेयर मार्केट में निवेश के लिए मुझसे टिप्स लिए जाते हैं. इंग्लिश मीडियम से मेरी पढ़ाई की भी शायद एक धाक है. लेकिन अभी हो क्या रहा है?

हुआ यूं कि दिसंबर में विदेश में छुट्टी मनाने का मैंने प्लान बनाया था. मन में आया कि लगे हाथ तेजी से दौड़ते शेयर बाजार में जल्दी कुछ कमाई कर लें. मैंने दो लाख रुपए लगाने का फैसला किया. चारों तरफ जियो की धूम थी, तो लगा कि रिलायंस में कमाई की गारंटी है. फिर मन में आया कि एनबीएफसी के शेयर तेजी से चढ़ रहे हैं, सो इंडियाबुल्स में निवेश भी सही रहेगा.

अब छोटे झुनझुनवाला की त्रासदी देखिए. मेरे शेयर ब्रोकर ने जानकारी दी कि मेरा निवेश अब 2 लाख से घटकर 1.66 लाख रुपए ही रह गया है. मतलब एक महीने में 34,000 रुपए स्वाहा. चला था चौबे छब्बे बनने, दूबे बन गया.

अपनी छवि बचाने के लिए मुझे जानना था कि आखिर हो क्या रहा है. मुझे बिजनेस चैनलों पर आने वाले तोते की तरह रटी-रटाई बातें बोलने वाले एक्सपर्ट पर बिल्कुल भरोसा नहीं है. वो वही घि‍सी-पि‍टी लाइनें दोहराते हैं— करेक्शन खरीदने का शानदार मौका होता है, फंडामेंटल्स मजबूत हैं, इसीलिए तेजी से रिकवरी होगी, लॉन्ग टर्म सोचिए.

मैंने अपने ब्रोकर से पूछा, तो जवाब आया- रुपया कमजोर हो रहा है, कच्चा तेल महंगा हो रहा है, करंट अकाउंट का घाटा बढ़ रहा है, विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं, इसीलिए शेयर बाजार गिर रहा है. कुछ समझ में नहीं आया.

जानना जरूरी था, तो मैंने पड़ोसी के ज्ञानी चाचा को फोन किया. वो एक बड़े अर्थशास्त्री हैं.

बड़ा आसान है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है. निवेशकों को लग रहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश फायदे का सौदा है. सो निवेशक दूसरे बाजारों से पैसा निकालकर अमेरिकी ट्रेजरी में निवेश कर रहे हैं, इसीलिए भारत से भी डॉलर निकल रहा है. डॉलर की कमी होगी, तो वो महंगा होगा, इसीलिए डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है.” अर्थशास्त्री ने समझाया.

लेकिन उसके आगे की कहानी डरावनी लगी. उन्होंने कहा कि इसी साल रुपया 14 परसेंट कमजोर हो चुका है. इसका मतलब हमारा हर इंपोर्ट सिर्फ एक्सचेंज रेट की वजह से कम से कम 14 परसेंट महंगा हो गया. इनमें कच्चा तेल और गोल्ड बड़े आइटम हैं. चूंकि हम एक्सपोर्ट की तुलना में काफी ज्यादा इंपोर्ट करते हैं, हमारा व्यापार घाटा तेजी से बढ़ रहा और इसकी वजह से रुपए पर और दवाब बढ़ रहा है.

अब देखिए, रुपया कमजोर और कच्चा तेल 4 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर. मतलब आग में स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे घी. पेट्रोल-डीजल महंगा, ट्रांसपोर्ट महंगा और इसी वजह से सबकुछ महंगा. महंगाई बढ़ेगी, तो ब्याज दरें भी बढ़ेंगी. और इस सबसे अर्थव्यवस्था में सुस्ती आएगी. ऐसे में शेयर बाजार कैसे बढ़ सकता है?

अर्थशास्त्री से बात करके ये भी समझ में आ गया कि विदेश घूमना क्यों महंगा हो गया. जिस किसी चीज के लिए पेमेंट डॉलर में करना है, वो अब महंगा होगा. फिर भी ये समझ नहीं आया कि मेरे दुकान पर कारोबार इतना सुस्त क्यों है. अर्थशास्त्री ने आंखें खोलीं.

आपने दिल्ली में किसानों के विरोध का लाइव टेलीकास्ट देखा. किसान कराह रहे हैं, क्योंकि उनको उचित दाम नहीं मिल रहा है. गांवों में मजदूरी नहीं बढ़ रही है. जीएसटी की वजह से छोटे कारोबारियों की लागत बढ़ गई है. नौकरी के मौके बढ़ नहीं रहे हैं. ऐसे माहौल में दुकान पर खरीदारी कैसे बढ़ेगी?” अर्थशास्त्री ने बताया

कुल मिलाकर, मुझे जो समझ में आया, उसके हिसाब से शेयर बाजार से तत्काल उम्मीद मैं छोड़ दूं. विदेश में छुट्टी मनाने के आइडिया को मैंने दफन कर दिया है. धनतेरस पर आईफोन का नया मॉडल खरीदने का प्लान भी कैंसि‍ल.

कैसे कमाए मुनाफा कमोडिटी मार्किट से, क्या हैं कमोडिटी में ट्रेडिंग का मन्त्र

अनिश्चितताओं से भरे कमोडिटी बाजार में मुनाफा कमाना आसान नहीं होता है। मोटे फायदे की संभावनाओं की तलाश अक्सर लोग इस वायदा आधारित जिंस (कमोडिटी) बाजार की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह जानना काफी जरूरी है कि यह क्षेत्र काफी जोखिम भरा होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप इस ट्रेडिंग में प्रवेश करने से पहले अपना होमवर्क पूरा कर लें। जिंस बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर ये तीन सूत्र अपनाए जाएं, तो निवेशक जोखिम से बचा पाएंगे और मुनाफा स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे भी कमा सकेंगे। दरअसल किसी कमोडिटी में कई बार कोई खबर आने से उसमें काफी तेज उछाल या काफी तीखी गिरावट आती है। अगर आपकी उस पर नजर बनी हुई है तो आप अच्छा फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा बढ़ती महंगाई के दौर में भी कमोडिटी बाजार आपको शानदार कमाई का मौका मुहैया कराता है। आम तौर पर यह देखा गया है कि महंगाई में कई कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान आ जाता है। यही नहीं, आप कमोडिटी का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी कर सकते हैं।

Beginners Guide to Commodities Trading in India What is Commodity Market | Why Invest in Commodities in hindi


पहला: स्टॉप लॉस लगाना जरूरी(Keep Stop Loss): जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक लाभ, यह बात कमोडिटी कारोबार के ऊपर सटीक तरीके से लागू होती है। ऐसे में यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप काफी तेजी से पैसे बना सकते हैं। इस क्षेत्र में जोखिम को कम करने के लिए सबसे पहले आपको स्टॉप लॉस निर्णयों को सटीक तरीके से लागू करना चाहिए। ध्यान रखें कि स्टॉप लॉस न लगाने पर आप पूरी पूंजी से हाथ धो सकते हैं।


दूसरा: घाटे की रणनीति गलत(Loss Planning): निवेशकों को अपने सौदे की लगातार समीक्षा करते रहना और गलतियों को सुधारते रहना चाहिए। अगर एक सौदे में हानि हो रही है तो कई कारोबारी उस हानि को खत्म करने के लिए नए-नए सौदे खड़े करने लगते हैं। कई बार यह रणनीति सफल नहीं हो पाती, क्योंकि इससे हानि लगातार एकत्र होती जाती है, जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। एक सफल कारोबारी बनने और जोखिम से खुद को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि इस रणनीति से बचा जाए।


तीसरा: पूरी पूंजी नहीं लगाएं (Don’t Utilize All Capital in Commodity): निवेशक अपनी वित्तीय सीमा को कभी न भूले और हमेशा उस सीमा को ध्यान में रखते हुए ही कारोबार करे। कमोडिटी क्षेत्र में सफल कारोबारी बनने के लिए जरूरी है कि आप कभी भी अपनी पूरी पूंजी कारोबार में न लगाएं। आप अपनी पूंजी का एक तय हिस्सा (मान लें 30 फीसदी) ही कमोडिटी ट्रेडिंग में लगाएं। ध्यान रखें, कमोडिटी के कारोबार में अक्सर वही लोग नुकसान उठाते देखे जाते हैं जो अपनी पूरी पूंजी का इस्तेमाल करते हुए कारोबार करते हैं। लेकिन जो लोग सफलता हासिल करते नजर आते हैं जो अपनी पूंजी का एक निश्चित स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे अनुपात हमेशा सुरक्षित रखते हैं। इसकी वजह यह है कि सुरक्षित पूंजी ही मुसीबत के वक्त आपकी सबसे बड़ी मददगार होती है।


सावधानी: अच्छे से जानकर समझकर ही शुरूआत (स्टॉक ब्रोकर बनने के फायदे Fully Understanding after than opening): कमोडिटी ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए अकाउंट होना चाहिए। ध्यान रहे अकाउंट उसी ब्रोकर के साथ खोलना होता है, जिसने प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो। इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची आपको मिल जाएगी। यह खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना चाहिए। इस खाते के लिए ब्रोकर आपसे एक शुल्क लेते हैं। इसके अलावा आपके पास कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।

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