पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं

(Disclaimer: म्यूचुअल फंड में निवेश भी बाजार के जोखिम के अधीन होता है. यहां पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं दी गई जानकारी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. निवेश के पहले अपने स्तर पर एक्सपर्ट से सलाह लें.)
क्या है इंडेक्स फंड, जानें कैसे करें निवेश और क्या रखें सावधानियां
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 29 May 2021 02:58 PM (IST)
म्यूचुअल फंड की एक पॉपुलर कैटेगरी है इंडेक्स फंड और जो निवेशक ज्यादा जोखिम लिए बगैर शेयरों जैसे हाई रिटर्न का फायदा उठाना चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड काफी पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं आकर्षक कैटेगरी है. इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों की समस्या को दूर कर सकता है. इंडेक्स फंड एक जोखिम रहित और कम लागत वाला इनवेस्टमेंट माना जाता है. यहां निवेशक कम लागत में आसानी से शेयरों में निवेश कर सकता है.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड या इंडेक्स फंड्स, म्यूचुअल फंड्स की एक कैटिगरी है. इसे पैसिव फंड कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. इंडेक्स वेटेज एवरेज कंपोजिट स्कोर होता है जो शेयर बाजार के प्रदर्शन को ट्रैक करता है. इसका कैलकुलेशन चुनिंदा शेयरों की कीमतों के जरिये पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं होता है, जो किसी तरह से बाजार के रिप्रेजेंटेटिव होते हैं. बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी इसके उदाहरण हैं.
बाजार में उथल-पुथल के बीच डिमांड में Index Fund, कम रिस्क और स्टेबल रिटर्न के लिए चुनें बेस्ट स्कीम
बीते 1 साल की बात करें तो निवेशकों का ध्यान इंडेक्स फंड पर बढ़ा है.
Mutual Fund Investment: बीते 1 साल की बात करें तो निवेशकों का ध्यान इंडेक्स फंड पर बढ़ा है. इसी वजह से HDFC म्यूचुअल फंड, ICICI प्रू, IDFC म्यूचुअल फंड, Axis म्यूचुअल फंड, ABSl और Nippon Life ज्यादातर म्यूचुअल फंड हाउस ने भी इंडेक्स फंड प्रोडक्ट पर फोकस किया है.बीते दिनों आए ज्यादातर एनएफओ इसी कटेगिरी के रहे हैं. वहीं जब इस साल बाजार में उथल पुथल का दौर है तो इंडेक्स फंड डिमांड में हैं. एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो इंडेक्स फंड में फोलियो की संख्या मार्च 2021 से फरवरी 2020 के दोगुनी होकर 23 लाख से ज्यादा हो गई है. यह पिछले साल मार्च के अंत तक 10 लाख से कुछ ज्यादा थी. आखिर इस तरह की अनिश्चितता की स्थिति में इंडेक्स फंड की डिमांड क्यों बढ़ रही है.
क्यों इंडेक्स फंड में कम है जोखिम
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि जो निवेशक बाजार में ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प है. इंडेक्स फंड में निवेया की लगात कम होती है और यह रिस्क फ्री कटेगिरी में है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इसमें रिस्क बिल्कुल भी नहीं है. इंडेक्स फंड उन शेयरों में पैसे लगाते हैं जो निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 या इस तरह के इंडेक्स में शामिल हों. ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. आमतौर पर इन इंडेथ्स में स्थापित कंपनियां शामिल होती हैं और वे बाजार के वोलेटिलिटी को दूसरों के मुकाबले पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं बेहतर तरीके से हैंडल करती हैं.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड को पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड उसी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, जिस इंडेक्स को ये ट्रैक करते हैं. और इस तरह ये पैसिवली मैनेज्ड फंड होते हैं. चूंकि फंड मैनेजर सिर्फ अंडरलाइंग इंडेक्स के एसेट एलोकेशन की तर्ज पर चलता है, इसलिए फंड के द्वारा कोई निवेश की रणनीति नहीं होती है. एकमात्र शर्त यह है कि निवेश का कम से कम 95 फीसदी की सिक्योरिटीज में होना चाहिए.
कुछ बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स फंड
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 11.13%, 14.51%, 13.86%
Nippon India Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 11.97%, 15.32%, 14.88%
ICICI Prudential Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.20%, 15.14%, 14.03%
UTI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.23%, 15.14%, 14.25%
SBI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 13.13%, 14.83%, 13.99%
IDBI Nifty Index Fund
1, 3 और 5 साल का रिटर्न: 12.48%, 14.86%, 13.88%
इंडेक्स फंड में एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. यानी निवेश की लगात कम आती है. सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों रेगुलेशन के अनुसार, इंडेक्स फंड के लिए एक्सपेंस रेश्यो डेली नेट एसेट के 1 फीसदी से अधिक पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं नहीं हो सकता है.
किसी एक शेयर में पैसा लगाने की बजाए इंडेक्स में शामिल शेयरों में लगाया जाता है. इसलिए आपका पोर्टफोलियो क्वालिटी शेयरों के साथ डाइवर्सिफाई होता है. .
इंडेक्स म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये भारत में एक प्रवृत्ति क्यों हैं?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स उन शेयरों के समूह का चयन करके बनाया जाता है जो पूरे बाजार या बाजार के एक निश्चित खंड का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत में, हम दो सबसे लोकप्रिय सूचकांक के रूप में सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 हैं। इन दोनों सूचकांकों को उच्चतम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों (इक्विटी के संदर्भ में सरलतम सबसे बड़ी कंपनियों) में शामिल करके बनाया गया है। सेंसेक्स में 30 और निफ्टी में भारतीय शेयर बाजार की 50 सबसे बड़ी कंपनियां पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं शामिल हैं। इन सूचकांकों ने ट्रैक रिकॉर्ड साबित किया है और उनमें निवेश करने के लिए, इंडेक्स फंड एक अच्छा स्रोत हैं।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स पैसिव फंड मैनेजमेंट का रूप हैं यानी फंड पोर्टफोलियो मैनेजर के बजाय सक्रिय रूप से स्टॉक पिकिंग या मार्केट टाइमिंग, वह पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं बस एक पोर्टफोलियो बनाते हैं, जिसकी होल्डिंग इंडेक्स की सिक्योरिटीज को मिरर करती है। सरल शब्दों में, यह समान शेयरों को खरीदकर और सूचकांक में उसी अनुपात में प्रदर्शन करता है।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स के तहत, फंड मैनेजर एक निश्चित इंडेक्स में सभी शेयरों को उसी अनुपात में खरीदता है, जैसा कि इंडेक्स रखता है पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं और फिर विभिन्न निवेशकों को फंड के लिए यूनिट जारी करता है। स्टॉक के चयन के बारे में कोई सक्रिय निर्णय नहीं लिया जाता है और फंड को केवल तब ही रीबैलेंस किया जाता है, जब इंडेक्स में बदलाव होता है - जो शायद ही कभी होता है। उदाहरण के लिए, निफ्टी के मामले में, वर्ष में केवल दो बार पुनर्संतुलन होता है। इसलिए, यह सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड की तुलना में लेनदेन की लागत और करों में भारी कमी करता है।
इंडेक्स फंड में निवेश निष्क्रिय निवेश का एक रूप है। विपरीत रणनीति सक्रिय निवेश है, जैसा कि सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंडों में एहसास हुआ है - जो कि ऊपर बताए गए प्रतिभूति-पिकिंग, मार्केट-टाइमिंग पोर्टफोलियो प्रबंधक के साथ हैं।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
इंडेक्स फंड का सबसे बड़ा फायदा इसका कम खर्च है। इसलिए, इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय, व्यय अनुपात पर पूरी तरह से विचार किया जाना चाहिए।
पिछले रिटर्न जज के लिए एक पैरामीटर हो सकता है कि कौन सा इंडेक्स म्यूचुअल फंड बेहतर है। लेकिन किसी भी फंड को अंतिम रूप देने से पहले ट्रैकिंग मापदंडों जैसी अन्य मापदंडों के बीच कम से कम पिछले 12 महीनों, 3 साल और 5 साल के रिटर्न की जांच करें। आपका सलाहकार आपको सबसे अच्छा विकल्प बनाने में मदद कर सकता है।
इंडेक्स फंड्स के मामले में फंड मैनेजर का ज्ञान और अनुभव बहुत मायने नहीं रखता। उनके ट्रैकिंग कौशल क्या मायने रखते हैं यानी वे कितनी कुशलता से सूचकांक को दोहराते हैं।
ट्रैकिंग एरर यानी इंडेक्स फंड्स के रिटर्न और इंडेक्स रिटर्न के बीच अंतर न्यूनतम होना चाहिए।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, निवेश का समय क्षितिज लंबा होना चाहिए। यह ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि 7-8 वर्षों से अधिक की होल्डिंग अवधि अच्छे रिटर्न देती है।
रिटेल निवेशकों को थीम आधारित पैसिव इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करना चाहिए?
मार्च 2020 तक, 110 पैसिव फंडों और 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक एयूएम के साथ, निष्क्रिय फंडों की ग्रोथ काफी उत्साहवर्धक रही है.
बीते कई सालों में वैश्विक स्तर पर पैसिव इनवेस्टिंग विकसित हुई है. यह साधारण मार्केटकैप पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं आधारित फंडों से भौगोलिक क्षेत्रों, बाजार सेगमेंट, बहुकारक फंडों और थीम आधारित फंडों जैसे कि प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, खपत आदि की दिशा में बढ़ रही है.
हालांकि, भारत में पैसिव निवेश काफी हद तक मार्केटकैप आधारित कारक तक ही सीमित है, जबकि काफी कम संख्या में पैसिव फंड गुणवत्ता और अस्थिरता जैसे अन्य कारकों पर आधारित हैं.
शेयर बाजार में अभी गिरावट का माहौल है और निवेशकों को यह समझ नहीं आ रहा कि कौन सा स्टॉक चुना जाए तो आगे चलकर मुनाफा कर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 20, 2022, 07:40 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार अभी उतार-चढ़ाव के बीच जूझ रहा है और निवेशक भी अपना पैसा डूबने के डर से बाजार से लगातार बाहर निकाल रहे हैं. एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे समय में निवेशकों को थोड़ा संयम बरतना चाहिए और बाजार से रिटर्न पाने के अन्य विकल्पों को आजमाना चाहिए.
गिरावट के इस माहौल में जो निवेशक इक्विटी में पैसे लगाने से हिचक रहे हों, उनके लिए इंडेक्स फंड सुरक्षा के साथ बड़े रिटर्न का मौका बन सकता है. इसमें कैसे और कितना निवेश करना पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं चाहिए, इसको लेकर एक्सपर्ट से सलाह ली जा सकती है. इंडेक्स फंड वास्तव में पूरे ही एक्सचेंज से जुड़ा होता है, जिसमें कई कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं. ऐसे में अगर कोई एक स्टॉक नुकसान करा रहा है तो दूसरा उसकी भरपाई कर देता है.