क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं

चित्तौड़ का पहला जौहर
जौहर की गाथाओं से भरे पृष्ठ भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। ऐसे अवसर एक नहीं, कई बार आये हैं, जब हिन्दू ललनाओं ने अपनी पवित्रता की रक्षा के लिए ‘जय हर-जय हर’ कहते हुए हजारों की संख्या में सामूहिक अग्नि प्रवेश किया था। यही उद्घोष आगे चलकर ‘जौहर’ बन गया। जौहर की गाथाओं में सर्वाधिक चर्चित प्रसंग चित्तौड़ की रानी पद्मिनी का है, जिन्होंने 26 अगस्त, 1303 को 16,000 क्षत्राणियों के साथ जौहर किया था।
पद्मिनी का मूल नाम पद्मावती था। वह सिंहलद्वीप के राजा रतनसेन की पुत्री थी। एक बार चित्तौड़ के चित्रकार चेतन राघव ने सिंहलद्वीप से लौटकर राजा रतनसिंह को उसका एक सुंदर चित्र बनाकर दिया। इससे प्रेरित होकर राजा रतनसिंह सिंहलद्वीप गया और वहां स्वयंवर में विजयी होकर उसे अपनी पत्नी बनाकर ले आया। इस प्रकार पद्मिनी चित्तौड़ की रानी बन गयी।
पद्मिनी की सुंदरता की ख्याति अलाउद्दीन खिलजी ने भी सुनी थी। वह उसे किसी भी तरह अपने हरम में डालना चाहता था। उसने क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं इसके लिए चित्तौड़ के राजा के पास धमकी भरा संदेश भेजा; पर राव रतनसिंह ने उसे ठुकरा दिया। अब वह धोखे पर उतर आया। उसने रतनसिंह को कहा कि वह तो बस पद्मिनी को केवल एक बार देखना चाहता है।
रतनसिंह ने खून-खराबा टालने के लिए यह बात मान ली। एक दर्पण में रानी पद्मिनी का चेहरा अलाउद्दीन को दिखाया गया। वापसी पर रतनसिंह उसे छोड़ने द्वार पर आये। इसी समय उसके सैनिकों ने धोखे से रतनसिंह को बंदी बनाया और अपने शिविर में ले गये। अब यह शर्त रखी गयी कि यदि पद्मिनी अलाउद्दीन के पास आ जाए, तो रतनसिंह को छोड़ दिया जाएगा।
यह समाचार पाते ही चित्तौड़ में हाहाकार मच गया; पर पद्मिनी ने हिम्मत नहीं हारी। उसने कांटे से ही कांटा निकालने की योजना बनाई। अलाउद्दीन के पास समाचार भेजा गया कि पद्मिनी रानी हैं। अतः वह अकेले नहीं आएंगी। उनके साथ पालकियों में 800 सखियां और सेविकाएं भी आएंगी।
अलाउद्दीन और उसके साथी यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्हें पद्मिनी के साथ 800 हिन्दू युवतियां अपने आप ही मिल रही थीं; पर उधर पालकियों में पद्मिनी और उसकी सखियों के बदले सशस्त्र हिन्दू वीर बैठाये गये। हर पालकी को चार कहारों ने उठा रखा था। वे भी सैनिक ही थे। पहली पालकी के मुगल शिविर में पहुंचते ही रतनसिंह क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं को उसमें बैठाकर वापस भेज दिया गया और फिर सब योद्धा अपने शस्त्र निकालकर शत्रुओं पर टूट पड़े।
कुछ ही देर में शत्रु शिविर में हजारों सैनिकों की लाशें बिछ गयीं। इससे बौखलाकर अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला बोल दिया। इस युद्ध में राव रतनसिंह तथा हजारों सैनिक मारे गये। जब रानी पद्मिनी ने देखा कि अब हिन्दुओं के जीतने की आशा नहीं है, तो उसने जौहर का निर्णय किया।
रानी और किले में उपस्थित सभी नारियों ने सम्पूर्ण शृंगार किया। हजारों बड़ी चिताएं सजाई गयीं। ‘जय हर-जय हर’ का उद्घोष करते हुए सर्वप्रथम पद्मिनी ने चिता में छलांग लगाई और फिर क्रमशः सभी हिन्दू वीरांगनाएं अग्नि प्रवेश कर गयीं। जब युद्ध में जीत कर अलाउद्दीन पद्मिनी को क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं पाने की आशा से किले में घुसा, तो वहां जलती चिताएं उसे मुंह चिढ़ा रही थीं।
सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर बनाई मजबूत पकड़
नई दिल्ली: भारत और आस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउण्ड पर खेला जा रहा है। तिसरे दिन का खेल समाप्त होने तक आस्ट्रेलिया अच्छी स्थिती में पहुंच गया है। पहली पारी में आस्ट्रेलिया के बनाएं 338 रनों के जबाब में भारत की पहली पारी 244 रनों पर सिमट गयीं।
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भारत की ओर से सर्वाधिक रनों का योगदान शुभमन गिल और पुजारा ने दिया। दोनों ने 50 50 रन बनाएं। पुजारा ने 50 रन बनाने के लिए 176 गेंदो का सामना किया। आस्ट्रेलिया के ओर से पैट कामिंस ने सर्वाधिक चार विकेट लिए। हेजलवुड और स्टार्क ने क्रमशः 2 और 1 विकेट लिए। भारतीय टीम पहली पारी के आधार पर आस्ट्रेलिया से 94 रनों से पिछड़ गयीं। कंगारूओं ने अपनी दूसरी पारी में भी अच्छी शुरूआत की।
स्टम्पस तक आस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में दो विकेट खोकर 103 रन बना लिए है। आस्ट्रेलिया की ओर से लब्यूर्सन 47 और स्मिथ 29 रन बना के खेल रहें है। भारत की ओर से आर अश्विन और सिराज क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं ने 1-1 विकेट लिया। तिसरे दिन का खेल खत्म होने तक आस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 197 रनों की हो गई है।
Varansi Gyanvapi mosque:कार्यवाही के समय जगह -जगह मौजूद कलाकृतियों ने ठिठकने पर किया मजबूर, चौकते रहे तथ्य
कार्यवाही रविवार को ठीक आठ बजे शुरू हो गयी। पल-पल कीमती है इसलिए दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी घड़ियों को देखा। दिन निकले ज्यादा वक्त तो नहीं बीता था लेकिन तब तक धूप तीखी हो गयी थी। गर्मी ज्यादा बढ़े उससे पहले मस्जिद परिसर के खुले हिस्से गुबंद की वीडियो और फोटोग्राफी पहले करना तय किया गया। इबादत की जगह पर सभी नंगे पैर दाखिल हुए। गुबंद के अंदर की संरचना को ज्यादा से ज्यादा करीब से देखने की कोशिश कर रहे थे। ऊपर जाकर वह इतना सकरा हो गया था कि वहां तक पहुंचने के बाद सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था लेकिन उसकी बनावट चौंका रही थी इसलिए हर कोई उसे अपनी नजर से देखने का कौतूहल छोड़ नहीं पा रहा था। थोड़ा वक्त तो लगा लेकिन कई महत्वपूर्ण तथ्यों को समेटकर टीम सीढ़ियों से चढ़कर छत पर पहुंची।
तब तक तेज धूप से छत तपने लगी थी। नंगे पैर दो कदम भी चलना मुश्किल था लेकिन फोटोग्राफर व वीडियोग्राफर के साथ सभी ने कोने-कोने तक पहुंचकर पूरी संरचना को देखा। लगातार चूना-पेंट होने से गुंबद की बाहरी दीवार सख्त हो गयी है। तीखी धूप ने ज्यादा देर रुकने नहीं दिया। नमाज वाली जगह पर हालनुमा बड़े कमरे की छत से लेकर फर्श तक हर किसी ने निगाह दौड़ायी। चौकाने वाले तथ्य यहां भी मौजूद रहे। कई आकृतियां ऐसी थीं जो वादी पक्ष को रुककर देखने और उसकी फोटो और वीडियोग्राफी कराने को मजबूर कर रही थीं। दीवारें और खंभों पर खास नजर रही। यहां जैसे-जैसे कार्यवाही बढ़ रही वैसे-वैसे उत्सुकता भी बढ़ती जा रही थी। सौ से ज्यादा फोटो यहां खींची गयीं। वीडियोग्राफी भी लंबे समय तक चली।
इसके बाद पूरी टीम एक बार फिर तहखाने की ओर चल पड़ी। यहां पहुंचकर अंधेरे की वजह से सभी के पैर ठिठके। तत्काल सर्च लाइट का इंतजाम किया गया। बंद जगह में गर्मी की वजह से सभी तर-बतर होते रहे। दशकों बाद कोई यहां आ रहा था इसलिए विषैले जंतुओं का डर भी सता रहा था। फिर भी कदम आगे बढ़ते गए। यहां आने की रूचि वादी पक्ष की खासतौर पर रही। एक दिन पहले दीवारों पर मिली तमाम आकृतियों से उन्हें और भी कुछ हासिल होने की उम्मीद थी। फिर एक बार दीवारों, खंभों पर निगाह डालते चलते रहे। बहुत कुछ ऐसा था जिसे फिर कैमरों में कैद कराना जरूरी समझ आया तो वैसा ही कराया।
इस दौरान परिसर में मौजूद तालाब के पास भी लोग पहुंचे। एक पक्ष चाहता था कि उसके पानी को निकाल कर फोटो व वीडियोग्राफी हो हालांकि ऐसा हो नहीं सका। कार्यवाही के दौरान कुछ लोग एडवोकेट कमिश्ननर की नाराजगी का शिकार भी हुए। उन्हें कुछ वक्त के लिए कार्यवाही से दूर किया गया। तय समय दोपहर 12 बजे कार्यवाही बंद की गयी। भीषण गर्मी ने सबको बेहाल कर दिया था। परिसर में ही रुककर पानी आदि पिया। इस दौरान कागजी औपचारिकता पूरी गयी। अगले दिन की कार्यवाही पर भी चर्चा हुई। इन सब में डेढ़ घंटे का वक्त चला गया। लगभग डेढ़ बजे एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही से जुड़े सभी लोग वापस लौट गए।
क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं गयीं
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Home national पनामा पेपर्स लीक मामले में ऐश्वर्या को ईडी का समन, बच्चन परिवार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 3
नयी दिल्ली: पनामा पेपर्स लीक मामले में सेंट्रल एजेंसी प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) एक बार फिर हरकत में आ गयी है। इस मामले में एक बार फिर बाॅलीवुड एक्ट्रेस एश्वर्या राय बच्चन को प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) ने समन भेजा है और ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा हैं। बता दें कि इससे पहले भी दो बार ईडी के अधिकारियों ने समन भेजा था। दोनों ही बार एश्वर्या ने क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं ईडी अधिकारियों से समय मांगा था। इसके लिए पनामा पेपर्स मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल के समक्ष उनकी तरफ से स्थगन की याचिका दायर की गई थी। जानकारों की मानें तो, पनामा पेपर्स लीक मामले में ईडी की पूछताछ से अमिताभ बच्चन परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से दिल्ली में पूछताछ की जा सकती है। बता दें कि पनामा पेपर्स मामले में भारत के करीब 500 लोगों के शामिल होने का दावा किया गया था। इनमें देश के कई नेता, अभिनेता, बिजनेसमैन सहित कई चर्चित लोग क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गयीं शामिल हैं।
अमिताभ बच्चन को भी भेजा जा सकता है समन जानकारी के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए ईडी ने पहले ऐश्वर्या के पति और फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन से भी पूछताछ की थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों ने कहा है कि इस मामले में जल्द ही अमिताभ बच्चन को भी समन भेजा सकता है और उनसे भी पूछताछ हो सकती है।
ये है पनामा पेपर्स लीक मामला
पनामा पेपर्स कांड तीन अप्रैल, 2016 को शुरू हुआ जब कंपनी की डिजिटल आर्काईव्स से करीब 1.15 करोड़ फाइलें लीक हो गयीं। इस पेपर्स लीक कांड ने दो देशों के शासनाध्यक्षों को पद से हटने पर मजूबर कर दिया जबकि अन्य कई बड़ी हस्तियों की साख खराब कर दी। लीक हुई फाइलें जर्मनी के अखबार एसजेड को मिली थीं, जिसने बाद में उन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट को सौंप दिया था। इस मामले में कई बड़ी हस्तियों को देना पड़ा था इस्तीफा इस लीक कांड के कारण आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिग्मुंदुर डेविड गुनलॉगसन को इस्तीफा देना पड़ा था जबकि पाकिस्तान की अदालत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शीर्ष राजनीतिक पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इस लीक कांड में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, फुटबॉल स्टर लिओनल मेस्सी, अर्जेनटिना के राष्ट्रपति मौरिसिओ मासरी आदि का नाम भी आया है। अमेरिकी की सेन्टर फॉर पब्लिक इंटेग्रिटि के अनुसार, इसे लेकर 79 देशों में कम से कम 150 जांचें चल रही हैं।