इन्वेस्टिंग

शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे

शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे

शेयर खरीदने के नियम सम्पूर्ण जानकारी 2022

शेयर खरीदने के नियम आर्टिकल में आज आप जानने वाले हैं कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों का खयाल रखना चाहिए| सेबी के द्वारा वर्तमान में शेयर खरीदने के निय में कुछ बदलाव किए गए हैं| ये बदलाव 1 सितंबर 2021 से लागू होने वाले हैं| सेबी के द्वारा शेयर खरीदने के नियम में क्या बदलाव किए गए हैं? इनके बारे में भी इस आर्टिकल मैं आपको जानकारी देने वाला हूं|

दोस्तों अगर आप इंट्राडे में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो यह नियम जानना आपके लिए बहुत जरूरी है| इस नियम से पहले आपको ब्रोकर की तरफ से इंट्राडे में ट्रेडिंग करने के लिए 8 से 10 गुना ज्यादा लिमिट दी जाती थी| लेकिन सेबी के इस नियम के बाद यह लिमिट मिलना बंद होने वाला है|

शेयर खरीदने के नियम आर्टिकल में आज मैं आपको शेयर खरीदते समय किन किन बातों का आपको ख्याल रखना चाहिए इनके बारे में भी डिटेल में जानकारी देने वाला हूं|

सेबी के द्वारा 1 सितंबर 2021 से शेयर खरीदने के लिए दिए जाने वाले पिक मार्जिन को 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा| इंट्राडे ट्रेडिंग में अगर आप एक लाख के शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में 75 हजार रुपये आपको मार्जिन के तौर पर रखने होंगे? लेकिन इस नए नियम के बारे में लोग अलग अलग कैलकुलेशन सामने रख रहे है| शेयर खरीदने के नए नियम के बारे मैं १ सितम्बर २०२१ के दिन ही आपको डिटेल मैं जानकारी मिलने वाली है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने के नियम

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने के नियम कौन कौन से है इसके बारे मैं अब मैं आपको जानकारी देता हु. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा लिक्विडिटी वाले शेयर चुनने चाहिए| लिक्विडिटी वाले शेयर में ऊपर और नीचे की तरफ मोमेंट आती रहती है| अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो लिक्विडिटी वाले शेयर के सपोर्ट लेवल पर आप खरीदी कर सकते हैं और रेसिस्टेंट लेवल के आसपास आप बिकवाली कर सकते हैं.

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने के लिए आप शेयर के पीवॉट प्वाइंट का उपयोग कर सकते हैं| शेयर का पीवॉट प्वाइंट क्या होता है? इसके बारे में अगर आपको जानकारी नहीं है तो आपको बता दूं कि किसी भी शेयर के पिछले दिन के हाई, लो, और क्लोज को ऐड करने से आपको जो रकम मिलती है उसे 3 से भाग देने से किसी भी शेयर का पीवॉट प्वाइंट मिलता है|

अगर कोई शेयर उसके पीवॉट प्वाइंट से ऊपर है तो उस शेयर के भाव में तेजी आ सकती है| और अगर कोई शेयर अपने पीवॉट प्वाइंट से नीचे ट्रेड कर रहा है तो उसमें गिरावट आने की पोसिबिलिटी होती है| इस प्रकार आप पीवॉट प्वाइंट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने के नियम के तौर पर कर सकते हैं|

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर पसंद करने के लिए आप टेक्निकल एनालिसिस का भी उपयोग कर सकते हैं| टेक्निकल एनालिसिस में आप मूविंग एवरेज, इंडिकेटर,ट्रेंडिंग लाइन, सपोर्ट लेवल, रेसिस्टेंट लेवल का उपयोग करके भी शेयर खरीद सकते हैं|

स्विंग ट्रेडिंग के लिए नियम

स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने के नियम कौन से है? इनके बारे में अब मैं आपको जानकारी देने वाला हूं| दोस्तों स्विंग ट्रेडिंग ट्रेडिंग का एक ऐसा प्रकार है जिसमें आप कम समय में बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं|

स्विंग ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत कम समय के लिए खरीदा या बेचा जाता है| स्विंग ट्रेडिंग की समय अवधि २-३ दिन से लेकर 15 दिन या एक मंथ की भी हो सकती है| स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग होता है| किसी भी शेयर मैं आने वाली तेजी या मंदी का लाभ आप स्विंग ट्रेडिंग के जरिये उठा सकते है.

इन्वेस्टमेंट के लिए नियम

दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट में किसी भी शेयर में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो शेयर खरीदने के नियम क्या है? ये आपको पता होना चाहिए| इसके बारे में अब मैं आपको डिटेल में जानकारी देने वाला हूं|

किसी ने सही कहा है कि करेक्शन इन्वेस्टर का मित्र होता है| अगर आप किसी भी शेयर में लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो आपको एक हेल्थी करेक्शन के बाद ही इन्वेस्टमेंट करना चाहिए| अगर आप बड़े करेक्शन के बाद, शेयर मार्केट में किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करते हैं तो, लंबी अवधि के बाद आपको अपनी धनराशि पर बहुत ही अच्छा रिटर्न्स प्राप्त हो सकता है|

टेक्निकल एनालिसिस, और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए भी आप अच्छे और मजबूत से पसंद कर सकते हैं| लंबी अवधि के लिए निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि, आपको हर रोज मार्केट देखने की जरूरत नहीं रहती| शेयर मार्केट में आ रहे छोटे बड़े उतार-चढ़ाव को आप शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे नजर अंदाज कर सकते हैं| क्योंकि आपका नजरिया लंबी अवधि के निवेश का होता है|

फ्यूचर मैं शेयर खरीदने के नियम

फ्यूचर ट्रेडिंग में शेयर खरीदने के नियम कौन से है? इनके बारे में अब मैं आपको जानकारी देने वाला हूं| दोस्तों अगर आप फ्यूचर ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम जानना बहुत आवश्यक है| फ्यूचर ट्रेडिंग में शेयर खरीदने और बेचने के लिए बहुत कम समय होता है| फ्यूचर ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास मार्केट का अनुभव,टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है|

फ्यूचर ट्रेडिंग करने के लिए आप टेक्निकल एनालिसिस की मेथड का उपयोग कर सकते हैं| जैसे की मैंने ने आगे बताया कि आप टेक्निकल एनालिसिस मेथड जैसे की सपोर्ट लेवल, रेसिस्टेंट,कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न, इंडीकेटर्स, मूविंग एवरेज, और दूसरी मेथड का उपयोग फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए कर सकते हैं|

फ्यूचर ट्रेडिंग में आपको एक निश्चित समय अवधि में शेयर खरीदना या बेचना होता है| अगर आपके पास टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान है, या आप फंडामेंटल एनालिसिस जानते हैं तो आपके सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं| इसका उल्टा अगर आपके पास टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस का कोई ज्ञान नहीं है तो आपको फ्यूचर ट्रेडिंग में बहुत बड़े लोस का भी खतरा हो सकता है.

निष्कर्ष:

दो स्तों अब आपको जानकारी मिल चुकी होगी की शेयर खरीदने के नियम क्या है| अगर आप एक सफल इंट्राडे ट्रेडर, स्विंग ट्रेडर या इन्वेस्टर बनाना चाहते है तो आपको हमेशा अपना ज्ञान बढ़ाते रहना चाहिए. आप मेरी वेबसाइट पर शेयर मार्केट कोर्स, टेक्निकल एनालिसिस कोर्स और फंडामेंटल कोर्स बिलकुल फ्री मैं सिख सकते है और वो भी हिंदी मैं तो विजिट जरुर करे. थैंक्स फॉर विजिट.

What is Face Value of Share in Hindi – शेयर बाज़ार में फेस वैल्यू क्या होता है

What is Face Value of Share in Hindi – फेस वैल्यू क्या होता है : शेयर बाज़ार में निवेश करते समय अक्सर आपने फेस वैल्यू (Face Value) का शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे नाम जरूर सुना होगा। तो चलिए दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानते हैं कि आखिर शेयर बाज़ार में फेस वैल्यू क्या होता है (What is Face Value in Hindi) और किसी भी कंपनी के लिए फेस वैल्यू क्यों महत्त्वपूर्ण है जानते हैं इसके बारे में सब कुछ विस्तार से हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

फेस वैल्यू किसे कहा जाता है – What is Face Value of Share in Hindi

किसी भी कंपनी के वास्तविक मूल्य को फेस वैल्यू (Face Value) कहा जाता है। कंपनियाँ फेस वैल्यू का निर्धारण शेयर जारी करने से पहले करती है। जब कोई कंपनी पहली बार आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर जारी करती है, तो सबसे पहले कंपनी फेस वैल्यू (Face Value) को तय करती है। शेयर बाज़ार में फेस वैल्यू को Par Value भी कहा जाता है।

उदाहरण के लिए एस.के कंपनी का फेस वैल्यू (Face Value) 20 रुपए है और शेयर मार्केट में इसका प्राइस 100 रुपए है। ऐसे में उस कंपनी का फेस वैल्यू (Face Value) यानी वास्तविक मूल्य 20 रुपए माना जाएगा। जब आप उस कंपनी के शेयर को खरीदते हैं, तो 80 रुपए के अधिक प्रीमियम पर मिलता है। इसलिए जब भी किसी कंपनी के शेयर को खरीदते है, तो उस शेयर का फेस वैल्यू (Face Value) क्या है, इसके बारे में जरूर पता कर लें।

किसी कंपनी का फेस वैल्यू कैसे चेक करें – How to check Face Value of a Company in Hindi

How to check Face Value of a Company in Hindi

किसी भी कंपनी के शेयर का फेस वैल्यू कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट यानी कि बैलेंस शीट से ज्ञात कर सकते हैं। इसके अलावा NSE की ऑफिशियल वेबसाइट या मनीकंट्रोल (Moneycontrol) जैसी ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए किसी भी कंपनी के शेयर का फेस वैल्यू ज्ञात किया जा सकता है।

फेस वैल्यू क्यों महत्त्वपूर्ण है – Why Face Value is important

फेस वैल्यू (Face Value) का प्रथम कार्य शेयरधारकों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूट करना होता है। क्योंकि कंपनियाँ अपने शेयरधारकों को डिविडेंड फेस वैल्यू (Face Value) पर घोषित करता है। उदाहरण के लिए एस. के कंपनी ने 200% डिविडेंड घोषित किया है। तो शेयरधारकों को लाभांश यानी डिविडेंड उस शेयर के फेस (Face Value) वैल्यू पर ही देता है।

जैसे कि कंपनी का डिविडेंड 200% है और फेस वैल्यू 20 रुपए है, तो

डिविडेंड= 20×200%= 40 रुपया

इसके अनुसार एस के कंपनी अपने एक शेयर पर शेयरधारकों को 40 रुपए डिविडेंड वितरित करना होगा। हालांकि कई नये निवेशक यह सोचते हैं कि उन्हें डिविडेंड मार्केट प्राइस पर मिलेगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। क्योंकि कंपनियाँ डिविडेंड फेस वैल्यू पर वितरित करती है।

इन सभी के अलावा फेस वैल्यू का उपयोग शेयर प्रीमियम ज्ञात करने के लिए किया जाता है। जैसे कि किसी कंपनी का Face Value 20 रुपये है और शेयर को 400 रुपये में इशु किया गया है। तो उस शेयर का प्रीमियम वैल्यू (Premium Value) 380 रुपये होगा।

फेस वैल्यू से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ – Some Important Information Related to Face Value

  • पर वैल्यू (Per Value) और फेस वैल्यू दोनों एक ही होते हैं। हिन्दी में इसे अंकित मूल्य के नाम से भी जाना जाता है।
  • अगर कोई कंपनी अपने शेयर को फेस वैल्यू से ज्यादा कीमत पर बेच रही है, तो उसे प्रीमियम वैल्यू कहा जाता है।
  • अधिकांश कंपनियाँ अपने शेयर को फेस वैल्यू से ज्यादा कीमत पर शेयरधारकों को बेचती है। किसी भी शेयर का फेस वैल्यू 1 रुपए से लेकर 100 रुपए के बीच हो सकता है।
  • ऐसे में कोई कंपनी अगर अपने शेयर को फेस वैल्यू से भी कम कीमत शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे में बेच रहा है। तो इस प्रकार के शेयर को AT DISCOUNT शेयर कहाँ जाएगा।

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अंतिम शब्द

दोस्तों हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि फेस वैल्यू क्या होता है (What is Face Value of Share in Hindi) और यह क्यों महत्त्वपूर्ण है हम उम्मीद करते हैं कि आपको आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।

आपको आर्टिकल जरूर पसंद आया तो इस आर्टिकल को अपने फ़ेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंकडिन अकाउंट के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी शेयर करे और इस ब्लॉग को आगे बढ़ने में मदद करे। यदि आप ऐसे ही खबरों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट के साथ जुड़े रहे। बहुत जल्द मिलते हैं एक नई आर्टिकल के साथ नमस्कार।

निवेश और जटिल होता जा रहा हैं .

एक समय था जब शेयर मार्केट (stock market) में निवेश करना या इसकी चाल को समझना आसान हुआ करती थीं। बाज़ार में पुराने अनुभवी विशेषज्ञों की मानें, तो स्टॉक मार्केट प्रतिवर्ष मानसून की पहली बौछारों के साथ अथवा दिवाली के आस-पास में ऊपर चला जाता था। एवं साल के अंत में फिर नीचे की और रुख करता, जिसे शेयर बाजार की भाषा में मार्केट करेक्शन (market correction) कहा जाता हैं। लेकिन अब अर्थव्यवस्था में गतिशीलता एवं विस्तार से भारत की आर्थिक गति-विधि दुनियां के साथ जुड़ने लगा, जिससे जटिल कारक जैसे समय समय पर यू. एस. (U.S - United States of America) की अल्प अवधि ब्याज दरें बड़ने की संकेत, यूरोपियों बाजार से उम्मीद अनुसार प्रदर्शन न मिल पाना, साथ हीं देश व्यापी एवं वैश्विक स्तरीय समाचार व राजनैतिक माहौल (political enviroments) में उथल-पुतल इसे दिन ब दिन जटिल बनाता जा रहा हैं।

stock market Secrets

ऐसे में पिछले 2 साल (2019 की अंत से covid-19) कोरोना वाइरस (corona virus - pendamic) नामक महामारी के चलते दुनियां भर के साथ-साथ भारत में भी अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर देखने को मिला। जहां लोगों की नौकरी खत्म हो रहें, छोटे, मझौले स्तर के कारोबार ठप सा हो गए, बड़े बड़े उद्योगों पर भी अच्छे खासे असर देखने को मिल रहें। जिससे विकास दर यानी "GDP" की रफ्तार धीमी होती दिखाई पड़ रही हैं। ऐसे में inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर का लगातार बढ़ते रहना जिसका डायरेक्ट असर शेयर मार्केट पर भी पड़ा। इन सभी अनिश्चितता के कारण शेयर बाजार की चाल काफ़ी सुस्त दिखाई देने लगा। हालाकि इस कोरोना महामारी काल की शुरुवात से मार्च 2020 (march -2020) तक मार्केट में भरी गिरावट देखने के बाद भी, वर्तमान में बाज़ार की स्थिति को अगर देखें, जहां मार्च, 2020 में BSE के सेंसेक्स-30 इंडेक्स (BSE - SENSEX-30 indices) 29330.12 अंक था वहीं अभी जनवरी, 2022 लगभग 2 साल में सेंसेक्स 60,000 अंक के ऊपर कारोबार कर रहा हैं। वहीं इसमें रिटर्न शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे प्रतिशत की बात करें तो तकरीबन +103% से भी ज्यादा की रिटर्न अब तक मार्च,2020 से जनवरी 2022 तक दर्ज की जा चुकी हैं।

Sensex-30 इंडेक्स

शेयर बाजार में सफ़लता उपलब्धि प्राप्ति की राज (Secrets of Stock Market Success):-

  • निवेश रणनीति : जैसे हीं आप शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हो, वैसे हीं आपके निवेश रणनीति, "प्रतिधारा" (Contrarian) अर्थात बाजार के बारे में आम धारणाओ से एकदम विपरीत शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे नज़रिया रखना हैं। इस प्रकार के रणनीति कार निवेशक खास तौर पर उन क्षेत्रों या कंपनियों में निवेश करने पर जोर देता हैं, जिन पर निवेशकों की राय फिलहाल अनुकूल नहीं हैं। जितने भी मार्केट शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे एक्सपर्ट आपको देखेंगे वे सब किसी भी समय कुछ खास सेक्टर ( और उनमें शामिल शेयरों ) के पक्ष में होते हैं। यह वर्तमान में चल रही भीड़ की मानसिकता हैं जो निवेशकों (investor's) को इन शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे मार्केट एक्सपर्ट ने अपने बताए अनुसार सेक्टर या शेयरों की ओर आकर्षित करना चाहती हैं।
  • प्रतिधरा निवेश का अर्थ हैं, फिलहाल चल रही निवेश प्रवृत्ति के विपरित ( शेयर मार्केट में जब हर कोई एक सा सेक्टर या शेयर में निवेश कि बात करता हों) अपनी नज़रिया रखना। यह नज़रिया उन शेयरों की पहचान करने में विश्वास करता हैं, जिनकी मजबूत बुनियादी होती हैं और साथ आगे अच्छी बाट़त की संभावना होती हैं, लेकिन कुछ समय के लिए ऐसा प्रतीत होता हैं कि इन शेयर, अपनी सेक्टर बेसिस इंडेक्स या अन्यों शेयरों की तुलना में कुछ खास रिटर्न नहीं देता या नहीं चल-पता है, मानो इस तरह का शेयर कुछ समय के लिए बाजार को नजर अंदाज कर रहा हैं। "ऐसे समय में इस प्रकार की शेयर आम तौर पर अपने वास्तविक भाव (कीमत - price) से कम कीमत पर उपलब्ध होते है, जिससे "धैर्यबान प्रतिकूल निवेशक" उनका फायदा उठाता हैं।

क्या वास्तव में शेयर मार्केट की कुछ सीक्रेट्स होती हैं?

बैसे बता दे, कि शेयर मार्केट में सिक्रेक्ट (secrets) नाम का कुछ नही है, ये महज़ एक भ्रम एक मिथक धारणा हैं उन निवेशकों के जिन्हें लगता हैं की "शेयर बाजार में कुछ बहुत बड़ी राज छिपे हुए हैं जिसके जानकारी एक बार मिल जाए, तो फिर वो भी मोटे पैसा बनाने वाली हैं।"

"शेयर बाजार भविष्य में प्रदर्शन का वर्तमान मूल्य हैं (The present value of stock market performance in the future)." भारत के जाने माने निवेशक एवं बिग बुल (big - bull) के नाम से सुप्रसिद्ध श्री राकेश झुनझुनवाला ( invester - Rakesh Jhunjhunwala) हमेशा एक बात कहते हैं, की " मार्केट इस सुपरिटेंड और भाव भगवान हैं " (market is superintend and price is god.)" और यहीं सच है।

आपकी सोचने मात्र बाजार की चाल बदलने वाली नहीं हैं, लेकिन कुछ खास कारक है एवं यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो निम्नों सभी प्रकार की मार्केट स्ट्रेटर्जी को अपने निवेशित जीवन काल में उतर लेना है एक जीवन संगीनी की तरह. जैसे, आप जिस किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने वाले हैं उससे पहले उसके बारे में अनुसंधान (research) कर लेना अति आवश्यक होता हैं। स्वाभाविक रूप से जब आप किसी शॉपिंग मॉल अथवा सब्जी बाजार जाते है, कुछ खरीदने सबसे पहले आप चीजों को कई बार देखते है, क्या, कैसा है जांचते हों और फिर मोल-भाव इतने सारे तमाम छानबीन के बाद अंत में एक निर्णय लेते हैं, तो फिर शेयरों को खरीदते वक्त आप कैसे सोच सकते कि बगैर किसी जानकारी, बगैर किसी रिसर्च से आपको अपनी निवेश पर फायदा होगा? कभी कभार हो सकता हैं कि आपका बगैर किसी रिसर्च की निवेश से कुछ फायदा हो भी जाए लेकिन जब आपकी लंबी रेस की सफर में इस प्रकार की तुक्के से भारी भरकम नुकसानों का समाना करना पड़े तब क्या होगा? इसलिए यदि आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो कभी किसी के टिप्स पर निर्भर न रहे कर अपनी आप रिसर्च करें हमेशा कुछ नया सीखते रहें। अपनी आसपास हो रहे छोटी छोटी घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करे इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। शेयरों की रिसर्च करने के लिए मूल-भूत दो प्रकार की रिसर्च एनालिसिस जैसे.

Trading से पैसे कैसे कमाते हैं | Trading Se Paise Kaise Kamaye 2022

इस पोस्ट में जानेंगे – ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ), ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi ), Trading से पैसे कैसे कमाए (Trading Se Paise Kaise Kamaye).

Trading के बारे शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह पोस्ट आपके लिए लिखा है। इस लेख में आपको पूरी जानकारी जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं (Trading Se Paise Kaise Kamaye) तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा।

शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है, मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है। अगर आप शेयर मार्किट बारे में विशेष कुछ नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि – नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए (Must read)

ट्रेडिंग क्या है ( Trading kya hai ).

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग का मतलब क्रय और विक्रय से हैं, जब हम किसी चीज को खरीदते हैं और उसे बेच देते हैं इस प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. हमारे आसपास हम बहुत सी चीजों को देखते हैं जो किसी ना किसी के द्वारा खरीदी बेची जाती है, वह सभी लोग जो इन चीजों के क्रय विक्रय में शामिल होते हैं ट्रेडर कहलाते हैं।

इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में जब आप शेयरों की खरीदारी और विक्रय करते हैं तब आप शेयर मार्केट में एक ट्रेडर कहलाते हैं, और आपके द्वारा की गई क्रिया जिसमें आप शेयर को खरीदते हैं और बेचते हैं ट्रेडिंग कहलाती है।

शेयर मार्केट दो तरह से पैसा लगाया जाता है, एक है निवेश तो दूसरा ट्रेडिंग। सेम डे या शार्ट टर्म के लिए किसी शेयर के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब शेयर ख़रीदते समय कंपनी की एनालिसिस कैसे करे यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है। इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं। यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Positional Trading क्या है?

Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।

Position Trading को Delivery Trading भी बोलते है, क्योंकि Position मतलब अपनी जगा फिक्स करना जैसे कि Intraday Trading हम एक दिन के लिए Trading कर सकते थे, ठीक वैसे ही Position Trading में हम अपने Stock को जो हमे Buy या Sell क्या है उसको हम होल्ड करके रख सकते है, कुछ टाइम के लिए।

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