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स्वैप क्या हैं?

स्वैप क्या हैं?
2008 में मंदी जो आई थी, उसकी बड़ी वजह लेहमन ब्रदर्स कंपनी थी। यह कंपनी लोगों के पैसे को सुरक्षा प्रदान करती थी। ठीक उसी तरह जैसे अभिषेक के पैसे को इंश्योरेंस कंपनी सुरक्षा दे रही थी। साल 2008 के पहले के कुछ सालों में अमेरिकी बैंक लोगों को लोन दे रहे थे। फिर अपना अमाउंट सुरक्षित करने के लिए लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों के पास मामूली ब्याज देकर सुरक्षा ले ले रहे थे। बैंक इंश्योरेंस जैसी कंपनियों के विश्वास पर लोगों को धड़ल्ले से लोन पर लोन देना जा रही रखा। 2008 के वक्त देखा गया कि लोगों के ऊपर लोन इतना अधिक हो गया कि वो उसे चुकाने में असमर्थ हो गए। जिसके बाद बैंक ने लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों से पैसा वापस लौटाने के लिए कहा, लेकिन लेहमैन ब्रदर्स पर बैंकों का क्रेडिट इतना अधिक था कि उनकी सारी संपत्ति बेचने के बाद भी बैंकों का पैसा पूरा नहीं हो रहा था। जिसके बाद लेहमैन ब्रदर्स को दिवालिया घोषित करना पड़ा। इस घटना ने अमेरिका के बाजार, बैंकिंग सिस्टम सबको हिला कर रख दिया। जिसके बाद देखते ही देखते दुनिया भर के बाजार धाराशायी हो गए। लेहमन ब्रदर्स जैसी परिस्थिति क्रेडिट सुइस के सामने भी उभर रही है। बता दें, 2008 में क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप स्प्रेड 2.5 प्रतिशत था। सरल शब्दों में कहा जाए अभिषेक को जितने प्रतिशत ब्याज पर कंपनी ने इंश्योरेंस दिया था। वही, क्रेडिट स्वैप स्प्रेड कहलाता है। यह जितना अधिक होगा रिस्क उतना अधिक रहेगा।

बायनेन्स लिक्विड स्वैप

बायनेन्स लिक्विड स्वैप तरलता के एक पूल पर आधारित है। प्रत्येक पूल में दो टोकन हैं, और टोकन की सापेक्ष मात्रा उनके बीच की कीमत निर्धारित करती है और हमेशा तब तक कारोबार किया जा सकता है जब तक कि पूल में संबंधित टोकन हों। बायनेन्स लिक्विड स्वैप बड़े लेनदेन के लिए अधिक स्थिर मूल्य और कम शुल्क प्रदान करता है।

लिक्विड ट्रेडिंग युग्म के एक पूल का चयन करें और पूल में राशि (संपार्श्‍विक (कोलैटरल)) जमा करें। सिस्टम वर्तमान ट्रेडिंग युग्म पूल के मूल्य अनुपात के अनुसार राशि को दो टोकन में बदल देगा और एक निश्चित मात्रा में पूल हिस्से के साथ तरलता पूल भर देगा। जोड़ने के बाद, पूल के हिस्से को किसी भी समय हटाया जा सकता स्वैप क्या हैं? है और हटाए गए पूल हिस्से को सेव किया जाएगा।

जोड़े गए टोकन पूल लेनदेन से शुल्क आय स्वैप क्या हैं? का एक हिस्सा प्राप्त करते हैं। साथ ही, जोड़े गए टोकन को BNB प्राप्ति फार्मिंग रिवार्ड मिलेगा। लेकिन जब बाजार में टोकन के मूल्य में बेतहाशा उतार-चढ़ाव होता है, तो पूल में हिस्से के धारक को मूल्य में समान लाभ का अनुभव नहीं हो सकता है, इसलिए जोड़ना जोखिम मुक्त गारंटी नहीं है और मूलधन सुरक्षित लाभ उत्पन्न नहीं करता है।

मुद्रा विनिमय क्या है और अर्थव्यवस्था को क्या लाभ हैं ? | What is a currency swap and what are the benefits to the economy in hindi ?

मुद्रा विनिमय क्या है और अर्थव्यवस्था को क्या लाभ हैं ? | What is a currency swap and what are the benefits to the economy in hindi ?

विनिमय दर का अर्थ: विनिमय दर का अर्थ दो अलग-अलग मुद्राओं की सापेक्ष स्वैप क्या हैं? कीमत है, अर्थात "एक मुद्रा का मूल्य दूसरे के सापेक्ष"। जिस बाजार में विभिन्न देशों की मुद्राओं का आदान-प्रदान होता है, उसे विदेशी मुद्रा बाजार कहा जाता है।

रियल एस्टेट कंपनियों ने घर खरीदारों को स्वैप स्‍कीम ऑफर की, क्या है यह स्कीम?

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सुपरटेक और भूटानी जैसे बिल्‍डर भी ऐसी स्‍कीमों के साथ स्वैप क्या हैं? आ रहे हैं. कुछ ब्रोकरेज फर्में डेवलपर के बीच मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभा रही हैं. डेवलपरों का मकसद इसकी मदद से ग्राहकों से बैलेंस अमाउंट निकलवाना है जो वे प्रोजेक्‍ट पूरा होने और बेचने पर देते.

स्‍कीम के तहत घर खरीदार पहले डेवलपर को जो रकम दे चुके हैं, वह नई प्रॉपर्टी में कट जाएगी. ज्‍यादातर ग्राहकों ने कुल रकम का 20-30 फीसदी इन अटके प्रोजेक्‍टों में अपार्टमेंट खरीदने के लिए जमा किया है.

नोएडा की ब्रोकरेज फर्म इनवेस्‍टर्स क्‍लीनिक के संस्‍थापक हनी कत्‍याल ने कहा कि इस तरह पूरी तरह से अलग प्रोजेक्‍ट में स्विच करने के लिए खरीदारों को सिर्फ बाकी रकम देनी पड़ेगी. बिल्‍डरों की कुल कॉस्‍ट में मार्केटिंग, ब्रोकरेज और प्रॉफिट का हिस्‍सा 30 फीसदी होता है.

जापान और भारत ने द्विपक्षीय स्वैप व्यवस्था (बीएसए) का नवीनीकरण किया

जापान और भारत ने द्विपक्षीय स्वैप व्यवस्था (बीएसए) का नवीनीकरण किया |_40.1

जापान और भारत ने द्विपक्षीय स्वैप व्यवस्था (Bilateral Swap Arrangement – BSA)स्वैप क्या हैं? का नवीनीकरण किया है जिसका आकार 75 बिलियन अमरीकी डालर तक है। बीएसए एक दोतरफा व्यवस्था है स्वैप क्या हैं? जहां दोनों प्राधिकरण अमेरिकी डॉलर के बदले में अपनी स्थानीय मुद्राओं को स्वैप कर सकते हैं। इस मामले में ली जाने वाली ब्याज दर समझौते पर हस्ताक्षर करने के समय तय की जाती है और इसलिए स्वैप क्या हैं? यह विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले जोखिम को कम करती है। वास्तविक द्विपक्षीय स्वैप व्यवस्था (बीएसए) पर 2018 में बैंक ऑफ जापान और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।

इस बार भी बैंक ही बनेगा मंदी की वजह? 2008 जैसे हालात का बना डर

इस बार भी बैंक ही बनेगा मंदी की वजह? 2008 जैसे हालात का बना डर

क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसे स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की खराब वित्तीय हालात ने मंदी की आशंकाओं को बल दे दिया है। आइए समझते हैं कि कैसे एक बैंक के दिवालिया होने पर दुनिया भर मंदी आ जाती है। इसके लिए हमें 2008 के दौर में जाना होगा। साल 2008 में क्या कुछ हुआ था वो जानने से पहले बिजनेस के शब्द ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ को समझ लेते हैं, क्योंकि इसी एक शब्द के इर्द-गिर्द पूरी चर्चा घूमेगी।

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