फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग

शेयर बाजार कैसे काम करता है

शेयर बाजार कैसे काम करता है
शेयरों की खरीद और बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में ऑनलाइन तरीके से की जाती है स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से क्रेता विक्रेता शेयर खरीदने और बेचने का काम करते हैं इसी को शेयर मार्केट या शेयर बाजार कहते हैं सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया सेबी SEBI के अधीन शेयर बाजार काम करता है

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

भारत में अब शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बहुत से लोग शेयर बाजार में नए-नए है, जिन्हें शेयर बाजार कैसे काम करता है, इसका बिल्कुल भी पता नहीं है. ऐसे में वह अपना नुकसान कर लेते हैं और फिरशेयर मार्केट को हमेशा के लिए छोड़ देते हैं. आपके साथ भी ऐसा नहीं हो, इसलिए आज हम आपके लिए शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स लेकर आए हैं, जिन्हें आजमाकर अपनी मेहनत की पूंजी को खोने से बच सकते हैं.

शेयर मार्केट में गिरावट से जब सब लोग डरे हो और नुकसान के डर से शेयर बेच रहे हो तो आप निडर हो जाओ यानी शेयर खरीद लो, और बढ़ते मार्केट में जब सब लोग लालची (निडर) हो जाये तो आप डर जाओ यानी शेयर बेच दें

Warren buffet (दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्केट के खिलाड़ी)

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के लिए हम नीचे दिए कुछ महत्त्वपूर्ण टिप आजमा सकते हैं:-

  • सब जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं, उसके आप भी खरीद लो. ये सबसे बड़ी बेवकूफी है, कभी भी लोगों की देखा-देखी में पैसे ना लगाए.
  • अपनी पूरी पूंजी एक साथ शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कभी ना करें, हमेशा कुछ हिस्सा ही लगाए.
  • कभी भी सारा पैसा एक कंपनी में ना लगाए, हमेशा अलग-अलग कंपनियों में पैसे लगाएं, अगर कुछ नुकसान में रहती है तो कुछ आपको फायदा दिल सकती हैं. कम शेयर बाजार कैसे काम करता है से कम कंपनीज में अपना पैसा लगाएं
  • जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं, उसके बारे में पहले रिसर्च करे : जैसे – लोन कितना है, कंपनी के सर्विस और प्रोडक्ट की मार्केट में कितनी पकड़ है, पिछले वर्षो से कितने मुनाफे में रह रही है, क्या इसका प्रोडक्ट या सर्विस भविष्य में भी काम आती रहेगी और कंपनी के पास कितनी सम्पति है. इन बातों से आप कंपनी की मजबूती जान लेंगे
  • हमेशा लम्बे समय के लिए पैसे लगाए, कभी भी एक-दो महीने के लिए पैसे न लगाए, कुछ सालो के लिए पैसे इन्वेस्ट करें. कंपनी के शेयर कम ज्यादा होते रहते हैं, अगर आप कम समय के लिए निवेश करते हैं तो नुकसान कर सकते हैं, आप 2 साल, 5 साल, 10 साल ऐसे लगा सकते हैं
  • ट्रेडिंग करने से बचे, यानी एक दिन या कुछ दिन के लिए शेयर खरीदे और बेच दिए. जैसे आज भाव बढ़ने वाले हैं, आपने खरीदे और फिर शाम को या अगले कुछ दिन में बेच दिए. ऐसे में ज्यादातर नुकसान ही होता है, किसी को भी कुछ पता नहीं रहता हैं कि आज मार्केट उपर जायेगा या नीचे.
  • स्टॉप लोस का सख्ती से पालन करें, स्टॉप लोस का मतलब है, शेयर एक तय कीमत से नीचे जानें पर बेचा जाता है(जैसे 100 का शेयर है तो आप 90 स्टॉप लोस रखलो तो जैसे ही 90 पर शेयर आए तो बेचा जाता है). जिससे आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं. कई बार अचानक हुई कोई घटना, कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर या कोई घोटाला आदि के कारण किसी कंपनी के शेयर प्राइस अचानक से गिर सकते हैं.
  • कभी भी गिरते हुए शेयर को ना खरीदे, अक्सर हम सोच लेते हैं कि इतना तो गिर गया अब और क्या गिरेगा. लेकिन ध्यान रहे शून्य भी होता है और शून्य तक शेयर जा भी सकता है. इसलिए जब शेयर गिर रहा है तो उसे रुकने दे और आपको विश्वास है की ये कंपनी मजबूत है, शेयर की कीमत बढ़ेगी तो आप शेयर को किसी प्राइस पर रुकने दे और जब वह वापस बढ़ने लगे तो आप खरीदें.
  • जब सब लोग लालच में खरीद रहे हैं, कि ये इस कंपनी के शेयर और उपर जाएंगे, वह शेयर रोज highबना रहा है तो आप उस शेयर को बेच दे. क्योंकि वह शेयर मार्केट की तरह परफॉर्म नहीं कर रहा है और वह जल्दी ही गिर जाता है. जब अच्छी कंपनी होने बावजूद लोग बेच रहे हैं और रोज low बना रहा है तो आप शेयर खरीद ले.
  • बड़े इन्वेस्टर्स पर नजर रखें, वो जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं, उसके आप भी खरीदों और जिसके बेच रहे हैं उसके आप भी बेच दो. बड़े इन्वेस्टर में म्यूच्यूअल फण्ड कंपनीज, इंटरनेशनल इन्वेस्टर, इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर के पास बहुत ही अनिभावी टीम होती है. ये बहुत ज्यादा पैसे लगाते हैं, ये किसी कंपनी में तभी पैसे लगायेंगे जब वह कुछ अच्छा करने वाली होती है.
  • शेयर मार्केट के बारे में सटीक पता लगाना किसी के बस की बात नहीं है, सभी रिसर्च करके लम्बे समय के लिए पाको बता सकते हैं. अगर आप कुछ पेड सर्विस लेकर शेयर मार्केट में पैसे लगा रहे हैं तो संभाल जाये. हमेशा स्वयं रिसर्च करें और उसके बाद ही पैसे लगाए.

दोस्तों, आपको ये आर्टिकल कैसा लगा, हमने अपने अनुभव और सीखे हुए के आधार पर शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स आपको बताए हैं. आपको कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर लिखें.

कुछ सवाल जो आपके दिमाग में आ सकते हैं

शेयर मार्केट में पैसे क्यों डूब जाते हैं?

पैसे डूबने का सबसे बड़ा कारण है हमें शेयर मार्केट की समझ नहीं होना, ऐसे में शेयर बाजार कैसे काम करता है हम नुकसान कर लेते हैं. हम बिना किसी रिसर्च के शेयर मार्केट में पैसे लगा देते हैं और फिर नुकसान हो जाता है तो शेयर बाजार को दोष दे देते हैं.
जिस कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं उसके बारे में सभी जानकरी जुटाए फिर ही उसके शेयर खरीदे. इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए ये आर्टिकल पढ़ें

शेयर मार्केट में हर बार फायदा कैसे कमायें?

शेयर मार्केट में हम पूरी रिसर्च के साथ 10 या अधिक कंपनियों में हमारा पैसा लगायेंगे तो कभी नुकसान नहीं होगा, इससे हमें हर बार फायदा होगा. अगर 10 में से 3 कंपनी नुकसान देती भी है तो बाकी की 7 कंपनी के शेयर आपको फायदा दिलाएंगी ही अगर आपने पूरी रिसर्च करके शेयर खरीदे हैं.

शेयर कब खरीदे की फायदा हो?

शेयर खरीदने का कोई दिन या समय नहीं होता है. अगर आप लम्बे समय केलिए पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं तो शेयर जब मन करे तब खरीदे. कब खरीदने से ज्यादा जरूरी है किस कंपनी के शेयर खरीदे. इसके लिए आपको कंपनीज की लिस्ट बनाकर उनपर रिसर्च करनी चाहिए और फिर कुछ कंपनी को चुनकर उनक ही शेयर खरीदने चाहिए.
अधिक जानने के लिए आर्टिकल पढ़ें

शेयर बाजार में नए लोगों को क्या करना चाहिए?

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के लिए नए लोगों सबसे पहले मजबूत कंपनियों में पैसे लगाने चाहिए जो काफी लम्बे समय से मौजूद हैं और अभी भी अच्छा काम कर रही हैं. इन कंपनियों के डूबने की संभावना लगभग शून्य होती है, आप इनमें लम्बे समय के लिए पैसा लगाए.

IPO: क्या होता है आईपीओ, कैसे किया जाता है इसमें निवेश? आसान भाषा में समझें सबकुछ

IPO New

IPO: ये दौर निवेश का है। आज बड़े पैमाने पर कई लोग अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को अपनाकर करोड़ों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। हाल में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भी अपने आईपीओ के जरिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है। ऐसे में कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आईपीओ होता क्या है और इसमें निवेश कैसे किया जाता है? पिछले साल भी आईपीओ टर्म काफी ट्रेंड में था। पारस डिफेंस, पेटीएम, जोमेटो जैसी कई बड़ी कंपनियां आईपीओ के जरिए अपने स्टॉक मार्केट में लेकर आई थीं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं, जो आईपीओ के विषय में नहीं जानते। वो अक्सर आईपीओ को लेकर कई सवाल करते हैं। अगर आप भी आईपीओ के बारे में नहीं जानते, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज हम जानेंगे कि आईपीओ क्या होता है और इसमें इन्वेस्ट कैसे किया जाता है?

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क्या होता है आईपीओ

आईपीओ से तात्पर्य प्रारंभिक पब्लिक पेशकश (Initial Public Offering) से है। आईपीओ एक कंपनी के द्वारा लाया जाता है। आईपीओ के जरिए एक कंपनी स्टॉक मार्केट में शेयर के बदले लोगों से धन उठाती है। कोई भी कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार पब्लिक के लिए लेकर आती है, उसे ही आईपीओ कहा जाता है।

How to Become Millionaire investing in stock market

कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ को जारी करती हैं। एक बार जब कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाती है, उसके बाद निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आईपीओ की मदद से कंपनियां कैपिटल इकट्ठा करने शेयर बाजार कैसे काम करता है का काम करती हैं। कंपनियां आईपीओ को तभी जारी करती हैं, जब उन्हें ज्यादा मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है।

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आईपीओ में निवेश कैसे करें?

आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास एक वैलिड डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। इसके बाद आप जिस स्टॉक ट्रेडिंग एप्स से अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाया है। उस स्टॉक ट्रेडिंग एप के जरिए आसानी से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं।

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देश में इस समय लोग बड़े पैमाने पर एलआईसी के आईपीओ में निवेश कर रहे हैं। एलआईसी आईपीओ की बिडिंग डेट 4 से 9 मई के बीच है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना में है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में शेयर बाजार कैसे काम करता है से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।

दोस्तों, हमने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।

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शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें

शेयर बाजार क्या है शेयर बाजार की जानकारी हिंदी में शेयर कैसे खरीदे और बेचे शेयर क्या होता है शेयर का अर्थ हिस्सा होता है किसी शेयर बाजार कैसे काम करता है कंपनी का शेयर आप खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार हो जाते हैं शेयरों की खरीद बिक्री जहां पर की जाती है वह शेयर बाजार कहलाता है भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 50 है इन्हीं स्टॉक एक्सचेंज में कंपनियों के शेयर

शेयरों की खरीद और बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में ऑनलाइन तरीके से की जाती है स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से क्रेता विक्रेता शेयर खरीदने और बेचने का काम करते हैं इसी को शेयर मार्केट या शेयर बाजार कहते हैं सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया सेबी SEBI के अधीन शेयर बाजार काम करता है

शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं.
शेयर खरीदने और बेचने के लिए सबसे पहले आपको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होगी

डीमैट अकाउंट सेबी रजिस्टर्ड अधिकृत एजेंटों के माध्यम से या बैंकों के माध्यम से खुलवाया जा सकता है डीमेट अकाउंट के माध्यम से आप बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या अन्य एक्सचेंज से शेयर खरीद और बेच सकते हैं डीमेट अकाउंट आपका बैंक अकाउंट जैसा होता है बैंक अकाउंट में रुपए पैसे का लेना देना किया जाता है ऐसे ही डीमेट अकाउंट में शेयरों की जमा निकासी की जाती है
डिमैट अकाउंट ओपन होने के बाद आप ने जिस कंपनी का अकाउंट ओपन किया है उस कंपनी के सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप पर लॉगिन करके शेयर बाजार मे शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें
आप अपने डिमैट अकाउंट के वॉलेट में कुछ पैसे जमा करें उन्हीं पैसों के हिसाब से आप शेयर मार्केट में शेरों की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमा सकते हैं मान लीजिए आपने एसबीआई का शेयर ₹200 में खरीदा और आपको लग रहा है कि एसबीआई का शेयर ₹210 तक ट्रेड करेगा अगले कुछ समय में या कुछ दिनों में एसबीआई का शेयर यदि 208 रुपए ₹210 में हो जाता है तो आप अपने शेयर बेच कर प्रॉफिट कमा सकते हैं

शेर खरीदने और बेचने का सॉफ्टवेयर
शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपका डीमैट अकाउंट जिस कंपनी में खुला हुआ है उसी कंपनी के माध्यम से आपको सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप प्रोवाइड किया जाएगा शेयर मार्केट का सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप आपको उसी कंपनी के द्वारा प्रदान किया जाएगा जिस कंपनी में आपका डिमैट अकाउंट ओपन होगा

ट्रेडिंग किसे कहते हैं
स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयरों की खरीद बिक्री को ही ट्रेडिंग कहा जाता है आप शेयर खरीद कर उसी दिन बेचे या अगले कुछ दिनों के बाद बेचे

इंट्राडे ट्रेडिंग किसे कहते हैं
शेयरों की खरीद बिक्री को ट्रेडिंग कहते हैं जो शेयर सुबह 9:15 बजे से खरीद कर 3:15 तक बेच दिए जाते हैं या उन शेयरों को बेचना अनिवार्य होता है ऐसे शेयरों की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं इंट्राडे ट्रेड उसी दिन शेयर को खरीदना और उसी दिन शेयर को बेचने से है

शेर बाजार खुलने का समय
भारत में शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज खुलने का समय प्री ओपन 9:00 बजे और क्लोज 3:30 पर हो जाता है इसी समय के अंदर सारे स्टाक एक्सचेंज खुले रहते हैं और शेरों की खरीद बिक्री चालू रहती है नेशनल होलीडेज शनिवार और रविवार को भारतीय शेयर मार्केट बंद रहता है भारत के अलावा सिंगापुर अमेरिका जापान आदि अलग-अलग देशों के स्टॉक एक्सचेंज फ्री ओपन 8:30 पर हो जाते हैं

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
डीमेट अकाउंट आप प्रमुख बैंकों के माध्यम से सेबी रजिस्टर्ड एजेंटों के माध्यम से आप डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं एसबीआई बैंक आईसीआईसीआई बैंक पंजाब नेशनल बैंक और भी बहुत सारी बैंक डीमेट अकाउंट की सुविधा प्रदान करती हैं सेबी रजिस्टर्ड कुछ कंपनियां डिमैट अकाउंट की सुविधा प्रदान करते हैं जैसे जरोदा 5paisa एंगल ब्रोकिंग samco आदि बहुत सारी कंपनियां आपका फ्री में डीमैट अकाउंट ओपन करती हैं

डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पैन कार्ड आधार कार्ड पासपोर्ट साइज दो फोटो कैंसिल चेक बुक और एक अकाउंट जिस पर ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो उपयुक्त सारी चीजें यदि आपके पास है तो आप डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं डीमेट अकाउंट ऑनलाइन घर बैठे खोज सकते हैं आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी (अकाउंट ओपन होने के बाद कुछ कंपनियां पोस्ट के माध्यम से उनके पते पर कुछ डॉक्यूमेंट पोस्ट करने पड़ते हैं जैसे पासपोर्ट साइज दो फोटो कैंसिल चेक बुक और सिग्नेचर किए हुए कुछ फॉर्म)


Q क्या मैं शेयर खरीद और बेच सकता हूं


A हां आप डीमैट अकाउंट के माध्यम से भारत के किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की खरीदारी और बिकवाली कर सकते हैं

Q क्या शेयर बाजार से पैसे कमाए जा सकते हैं

A शेयर बाजार में नफा और नुकसान दोनों होता है शेयर बाजार में लाभ के साथ-साथ हानि की भी संभावनाएं बनी रहती हैं

Q क्या महिलाएं भी शेयर खरीद और बेच सकती हैं

A जी हां भारत का वह नागरिक जो 18 वर्ष से ऊपर है और वयस्क है वह व्यक्ति शेयर मार्केट में डीमैट अकाउंट के माध्यम से शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकता है

Career in Share Market: स्टॉक मार्केट में करियर बनाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, जॉब के ढेरों विकल्प

A career in Share Market: स्टॉक मार्केट में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. अगर आप अपना करियर इस क्षेत्र में बनाना चाहते हैं तो बस आपको कुछ चीजों की जानकारी होनी चाहिए.

Career in Share Market: स्टॉक मार्केट में करियर बनाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, जॉब के ढेरों विकल्प

TV9 Bharatvarsh | Edited By: रत्नप्रिया

Updated on: Nov 18, 2021 | 9:36 AM

Career in Share Market: अगर आप शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में दिलचस्पी रखते हैं तो इन सारे शब्दों से आप पहले से वाकिफ होंगे. शेयर बाजार में पैसा लगाना इन दिनों आम हो गया कई लोग इस शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं. लेकिन शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है इस मार्केट में पैसा लगाने के लिए काफी जानकारी होनी चाहिए नहीं आपको नुकसान भी हो सकता है. शेयर मार्केट पैसे कमाने का जरिया हो सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्षेत्र में अगर आपकी दिलचस्पी है तो आप अपना करियर भी बना सकते हैं.

जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है. शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है और बिना ब्रोकर आप डिमैट अकाउंट नहीं खोल सकते हैं.

2 तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर – फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर – दूसरा होता है डिस्काउंट ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आप कोर्स कर सकते हैं. स्टॉक ब्रोकर कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज होनी बेहद जरूरी है. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. शनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है.

जॉब्स की क्या संभावनाएं है?

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन (Educational Qualification) और एक्सपीरियंस (Experience)के आधार पर इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर (Equity Advisor), स्टॉक एडवाइजर (stock advisor),वेल्थ मैनेजर (wealth manager), फाइनेंशियल एनालिस्ट(financial analyst), इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (investment advisor), सिक्योरिटी एनालिस्ट (security analyst) और रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं.

इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की काफी अच्छे स्कोप हैं. स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है.

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