कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले?

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में ट्रेडर्स ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर को खरीदता और बेचता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडर ब्रोकर की वेबसाइट की सुविधा के द्वारा इस प्रक्रिया को करता है। इसके लिए ट्रेडर को KYC और ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का अकाउंट खुल जाता है। इसके बाद ब्रोकर अपने ग्राहक को एक यूजर आईडी और पासवर्ड देता है। इसको डाल कर ट्रेडर लॉगिन करके शेयर को खरीद या बेच सकता है। ट्रेडिंग एकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ दिया जाता है जिससे शेयर खरीदे जाने पर वह डीमैट अकाउंट में चला जाता है।
[Intraday Trading] What is Intraday Trading meaning in Hindi | Intraday Trading Kya Hai
हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में जानगे की Intraday Trading kya hota hai और Intraday Trading meaning in Hindi क्या होता है । ये तो आपको पता ही होगा की आज के समय लोगो के पास धेर्य नाम की कमी है । जिस कारन लोग आज के समय अपने Paise se Profit कमाने के लिए लम्बे समय तक धेर्य नही रख सकते है । जिसके चलते लोग investing की बजाये Trading को चुनना पसंद करते है । जिसमे Intraday Trading best option है Share Market se paisa कमाने के लिए।
ऐसे में यदि आप भी Intraday Trading करना चाहते हो लेकिन आपको नही पता की Intraday Trading kya hai और Intraday Trading kaise kare in Hindi में जानना चाहते है, तो आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे । जिससे की हम आपको आसानी से समझा सकेगे की what is Intraday Trading meaning in Hindi और Intraday Trading Profit कैसे कमाया जाता है ।
Intraday Trading kya hai ?
जब बात Trading की माध्यम से जल्दी Share Sell कर उससे Profit कमाने की बात आती है, तो ऐसे में सभी जुबान पर Intraday Trading का ही नाम आता है । जिसमे सभी Traders का मुख्य एक ही लक्ष्य होता है की वो किसी भी Company के शेयर कम दाम में खरीद कर उसके साथ अपना Intraday Trade Profit book करे । इस प्रकार की प्रक्रिया को ही हम Intraday Trading के नाम से जानते है ।
यदि हम इसको आसान भाषा में समझे तो Intraday Trading में आपको शेयर को कम दाम में खरीद कर उसको Same Day प्रॉफिट के साथ बेचना होता है जिसमे हम Intraday Trading के नाम से जानते है ।
what is Intraday Trading meaning in Hindi
Intraday Trading का मतलब शेयर को अपने प्रॉफिट के साथ उसी दिन बेचना होता है जिस दिन आपने Intraday Trading के लिए शेयर ख़रीदे थे । Intraday Trading के नाम से जाना जाता है ।
यदि कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? आप Intraday Trading करना चाहते हो लेकिन आपको नही पता है की Intraday Trading kaise kre, तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित points को Intraday Trading step by step follow कर सकते हो । जिसकी मदद से आप आसानी से Intraday Trading kaise krte hai इसके बारे में step by step बारीकी से जान सको ।
- सबसे पहले आपको आपको Trading करने के लिए किसी Broker की मदद से अपना Trading और Demat Account खुलवा सकते है, चाहे तो आप इसके लिए Upstox and 5 paisa app का भी उपयोग कर सकते हो ।
- इसके बाद कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? आपको app में अपने id की मदद से login हो जाना है और उसके बाद आपको अपनी पसदं के Stock का चयन करना है और उसके बाद आपको कौन सी Trading करना है उसको चुनना है और उसके बाद आप Share buy कर सकते है ।
- इसके बाद कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? आप अपने शेयर के भाव का बढ़ने का इंतज़ार करे और उसको मुनाफे के साथ ज्यादा दाम में अपने सभी शेयर को बेच कर मुनाफा कमा सकते है ।
Intraday Trading related FAQ
Stock की खरीद के same day ही प्रॉफिट कमाने के लिए बेचने को ही intraday Tradaing कहते है ।
9:00 a.m. to 2:00 p.m
एनएसई और बीएसई शेयर बाजार का समय सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक है। इसके अलावा, सुबह 9 बजे से 9.15 बजे तक एक Pre-opening session और अपराह्न 3.30 बजे के बाद एक post-closing session है जो शाम 4.00 बजे तक चलता है।
कई विशेषज्ञों का सुझाव है कि इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय सुबह 10.15 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक है। सुबह की अस्थिरता आमतौर पर सुबह 10.00 से 10.15 बजे तक कम हो जाती है, जिससे यह इंट्राडे ट्रेड करने का सही समय बन जाता है।
ट्रेडिंग छोटा निवेश, निवेश है लंबी ट्रेडिंग
शेयर बाज़ार में हम-आप जैसे लोगों के लिए लम्बे समय का निवेश एक तरह की ट्रेडिंग है क्योंकि आप वॉरेन बफेट या राकेश झुनझुनवाला की तरह किसी कंपनी का मालिकाना लेने या उसके प्रबंधन में शामिल तो नहीं हो जा रहे। निवेश कुछ साल के बाद बेचेंगे नहीं तो फायदा कैसे होगा! इसलिए लम्बा निवेश भी ट्रेडिंग है। दूसरी तरफ ट्रेडिंग भी छोटे समय का निवेश है। इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक दिन के लिए, स्विंग व मोमेंटम ट्रेडिंग कुछ दिनों या हफ्तों के लिए और पोजिशनल ट्रेडिंग कुछ महीनों के लिए। तीन महीने या 90 दिन में मुनाफा काट लिया तो ठीक, नहीं तो वह ट्रेडिंग कुछ सालों का लम्बा निवेश बन जाती है। आम निवेशकों या रिटेल ट्रेडरों को शेयर बाज़ार में इस तरह का लचीलापन बरतना चाहिए क्योंकि इसी में उनका फायदा है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
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निवेश – तथास्तु
भारत में शेयर बाज़ार से कमाने की कारगर रणनीति यही है कि ट्रेडर मौका देखे तो निवेशक बन जाए तो निवेशक को ज़रूरत पड़े तो ट्रेडर बन जाए। वैसे, दोनों के बीच बड़ी साफ विभाजन रेखा है। ट्रेडर हमेशा सटोरिया होता है। वह बहुत कम जानकारी जुटाकर अनजाने में छलांग लगाता है। वहीं, निवेशक कतई सटोरिया नहीं होता। वह जितना संभव है, उतना जानकर ही दांव लगाता है। वह जो भी शेयर खरीदे, उसके पीछे निष्पक्ष व […]
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भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …
कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले?
यह पुस्तक प्रसिद्ध रिसर्च एनालिस्ट महेश चंद्र कौशिक की नवीनतम पुस्तक है। वर्तमान में शेयर बाजार में पुरानी तकनीकें लगभग निष्प्रभावी हो चुकी है, क्योंकि डिस्काउंट ब्रोकर हाउसेज के आ जाने से व बाजार में ऑप्शन व डिलीवरी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी के बढ़ जाने से अब वह समय चला गया, जब निवेशक किसी शेयर की बड़ी मात्रा को खरीदकर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न के लिए होल्ड करते थे। वर्तमान समय में ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो इंट्रा-डे में ट्रेड करके एक ही दिन में मुनाफा समेट रहे हैं या ऑप्शन में सात दिवस की छोटी एक्सपायरी की कॉल पुट में पैसा बना रहे हैं या स्विंग ट्रेड में छोटे प्रॉफिट ले रहे हैं, जिससे मार्केट में छोटे दायरे में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं।
वर्तमान पुस्तक इसी संदर्भ में लिखी गई है। यह अपने प्रकार की अकेली ऐसी पुस्तक है, जिसमें इंट्रा-डे, ऑप्शन ट्रेड व स्विंग ट्रेड को शामिल करके लेखक ने गागर में सागर समेटने का सार्थक प्रयास किया है। इस पुस्तक में लेखक ने अपने 15 वर्ष के ट्रेडिंग अनुभव को 41 टिप्स के माध्यम से साझा किया है, जो शेयर बाजार में प्रॉफिट कमाने के इच्छुक छोटे व बड़े सभी निवेशकों के लिए आवश्यक है।
पुस्तक की प्रत्येक टिप विचारोत्तेजक है, जो निवेशक के दिमाग में आशा व विश्वास की नई रोशनी जगाकर उसकी शेयर बाजार पर नई-नई तकनीकों की तलाश को पूर्ण विराम देती है, क्योंकि पुस्तक में पूर्णतः अनुशासित तरीके कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? से निवेश करने की सभी आधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डाला गया है।
The Author
भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकान्त बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ के सहायक संपादक (1987) बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। नवभारत के स्थानीय संपादक (1994-97) रहने के बाद वे जी न्यूज के कार्यकारी संपादक रहे। विपुल राजनीतिक लेखन के अलावा भारतीय संस्कृति पर इनका लेखन खासतौर से सराहा गया। काफी समय तक भारत के मील पत्थर (रविवार्ता, नवभारत टाइम्स) पाठकों का सर्वाधिक पसंदीदा कॉलम रहा, जो पर्याप्त परिवर्धनों और परिवर्तनों के साथ ‘भारतगाथा’ नामक पुस्तक के रूप में पाठकों तक पहुँचा। 9 नवंबर, 1943 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में जनमे श्री बाली को हमेशा इस बात कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? पर गर्व की अनुभूति होती है कि उनके संस्कारों का निर्माण करने में उनके अपने संस्कारशील परिवार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज और उसके प्राचार्य प्रोफेसर शांतिनारायण का निर्णायक योगदान रहा। इसी हंसराज कॉलेज से उन्होंने बी.ए. ऑनर्स (अंग्रेजी), एम.ए. (संस्कृत) और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही संस्कृत भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. के बाद अध्ययन-अध्यापन और लेखन से खुद को जोड़ लिया। राजनीतिक लेखन पर केंद्रित दो पुस्तकों—‘भारत की राजनीति के महाप्रश्न’ तथा ‘भारत के व्यक्तित्व की पहचान’ के अलावा श्री बाली की भारतीय पुराविद्या पर तीन पुस्तकें—‘Contribution of Bhattoji Dikshit to Sanskrit Grammar (Ph.D. Thisis)’, ‘Historical and Critical Studies in the Atharvaved (Ed)’ और महाभारत केंद्रित पुस्तक ‘महाभारतः पुनर्पाठ’ प्रकाशित हैं। श्री बाली ने वैदिक कथारूपों को हिंदी में पहली बार दो उपन्यासों के रूप में प्रस्तुत किया—‘तुम कब आओगे श्यावा’ तथा ‘दीर्घतमा’। विचारप्रधान पुस्तकों ‘भारत को समझने की शर्तें’ और ‘महाभारत का धर्मसंकट’ ने विमर्श का नया अध्याय प्रारंभ किया।
रॉकेट की स्पीड से भाग रहे ये 5 पेनी स्टॉक, 22 दिन में ही निवेशकों के पैसे डबल से ज्यादा, मिला 180% तक का रिटर्न
Multibagger penny stocks list: अगर आप पेनी स्टॉक (कम कीमत वाले) में पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर हो सकती है। आज हम आपको 5 ऐसे पेनी शेयर (Penny share) के बारे में बता रहे हैं जिसने महीनेभर में अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। इन शेयरों की कीमत बेहद कम है लेकिन रिटर्न जबरदस्त है। महीनेभर में इन शेयरों ने लगभग 180 पर्सेंट तक का छप्परफाड़ रिटर्न (Stock return) दिया है। आइए जानते हैं इन शेयरों कैसे इंट्रा डे के लिए शेयर का चयन करने के एक दिन पहले? के बारे में.
आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग
What is trading account in hindi
- ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
- Trading Account ऐसे करता है काम
- ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है: शेयर बाजार में निवेश करने या फिर ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से यही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इसमें ट्रेडर अपने Buy या Sell करने के आर्डर को ब्रोकर को कॉल करके बता देता है। या फिर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से खुद ही अपना आर्डर करता है।
ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –
- पासपोर्ट साइज फोटो
- नॉमिनी की फोटो
- एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
- कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
- डीमैट अकाउंट की डिटेल
Trading Account ऐसे करता है काम –
ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।
ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।
वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।