अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

रुपये के कमजोर होने का असर कैसे करें कम
कमजोर आर्थिक आंकड़ों की वजह से रुपया दो महीने के निचले स्तर पर आ गया। ऐसे में निवेशक उदार विप्रेषण योजना (एलआरएस) पर विचार कर सकते हैं जिसके जरिये एक व्यक्ति विदेश में सालाना 250,000 डॉलर तक का निवेश कर सकता है।
अगर आपका बच्चा जल्द ही अमेरिका के किसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए जाने वाला है और आपको आने वाले दिनों में उसकी फीस का भुगतान करना होगा तब मार्च में रुपये के 72 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर और अप्रैल में 75 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आने से आपकी चिंता जरूर बढ़ी होगी। निश्चित तौर पर चिंता का बड़ा कारण लंबी अवधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन है।
पिछले 10 वित्तीय वर्षों के दौरान, औसतन डॉलर (2010-11 और 2020-21 के बीच) के मुकाबले रुपये में 4.7 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि दर से गिरावट आई है। आज लोगों के पास कई लक्ष्य हैं जिनके लिए उन्हें विदेशी मुद्राओं में खर्च करने की जरूरत होगी, मसलन बच्चों की उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा (अस्थायी रूप से प्रतिबंधित), विदेश में घर खरीदने जैसे कामों के लिए। जाहिर है उन्हें एक पोर्टफोलियो बनाने की जरूरत है जो मुद्रा अवमूल्यन के रुझान से उनका बचाव कर सके।
उच्च मुद्रास्फीति
लंबी अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन क्यों होता रहता है? एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ कहते हैं, 'हमारी अर्थव्यवस्था में उच्च मुद्रास्फीति दर के कारण भारत अपने व्यापारिक साझेदारों की तुलना में व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का रुझान खो रहा है।' अमेरिका में आमतौर पर कम महंगाई दर (दो फीसदी या उससे कम) होती है जबकि भारत में यह काफी ज्यादा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक कामगार) आधारित मुद्रास्फीति पिछले 10 वित्त वर्षों में औसतन 6.7 प्रतिशत रही है। प्रतिस्पर्धा में इसी कमी के कारण रुपये का अवमूल्यन होता है। बरुआ बताते हैं कि भारतीय बाजारों में ज्यादा पूंजी प्रवाह होने से अवमूल्यन का स्तर ज्यादा होता है।
अंतरराष्ट्रीय फंडों में निवेश
इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि विभिन्न जगहों वाला पोर्टफोलियो हो यानी जिसमें डॉलर परिसंपत्ति हो। सेबी के पंजीकृत निवेश सलाहकार और फि ड्यूसियारिज के संस्थापक अविनाश लुथरिया कहते हैं, 'एक साधारण पोर्टफोलियो बनाएं जिसमें निफ्टी इंडेक्स फंड और एसऐंडपी 500 इंडेक्स फंड का 50:50 का अनुपात शामिल हो।' विदेश में निवेश करने से आपको न केवल भौगोलिक विविधता का लाभ मिलेगा बल्कि डॉलर आधारित परिसंपत्तियों में निवेश से आपका पोर्टफोलियो मुद्रा जोखिम के लिहाज से कम संवेदनशील होगा।
अमेरिका के बाजार में 2009 के बाद से ही लगातार तेजी बनी रही है जिसकी वजह से कई निवेशक इस बात पर हैरानी जताते हैं कि इसमें निवेश करना समझदारी है या नहीं। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार विशाल धवन कहते हैं, 'सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का रास्ता अपनाकर अमेरिकी फंड में अपने निवेश की शुरुआत कर दें। इसके अलावा, सिर्फ बड़ी तकनीकी कंपनियों के शेयरों पर ध्यान न दें जिनमें सबसे ज्यादा तेजी दिखी है बल्कि निवेश में ज्यादा विविधता बरतें।'
एक व्यापक वैश्विक स्तर के विविध इक्विटी फंड में निवेश करना एक और विकल्प है। पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल इक्विटी अपॉच्र्युनिटी फंड चलाने वाले पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजित मेनन कहते हैं, 'भारत में निवेशकों के अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें लिए यह जानना मुश्किल है कि भविष्य में कौन सा देश या किस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। ग्लोबल फंड के लिए वे यह काम विशेषज्ञ फंड मैनेजरों को सौंप सकते हैं।'
मेनन बताते हैं कि उनका फंड दुनिया भर में नए क्षेत्रों पर जोर देता है जिनमें ऑन-डिमांड इकनॉमी (वीडियो स्ट्रीमिंग, एजुकेशन ऑन डिमांड आदि), क्लाउड आधारित तकनीक, डेटा सिक्योरिटी, ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान सेवा, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और स्वास्थ्य तकनीक शामिल है। बेहतर प्रभाव के लिए निवेशक को अंतरराष्ट्रीय फंडों को इक्विटी पोर्टफोलियो में कम से कम 15-20 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी में लाना होगा।
एलआरएस
निवेशक उदार विप्रेषण योजना (एलआरएस) का विकल्प भी चुन सकते हैं जिसमें उन्हें प्रति व्यक्ति सालाना 250,000 डॉलर तक निवेश की अनुमति मिलती है। उन्हें ब्रोकिंग मंच पर एक अकाउंट खोलना होगा जिससे भारतीय निवेशक सीधे अमेरिका जैसे बाजारों में निवेश कर पाएंगे। इसके प्रति मुख्य आकर्षण की वजह यह है कि निवेशक को एक्सचेंज-ट्रेडेड-फंड्स (ईटीएफ) और शेयरों के मामले में अधिक विकल्प मिलते हैं जिनमें से वह चुन सकते हैं। लुथरिया कहते हैं, 'हालांकि कर से जुड़ा अनुपालन ज्यादा जटिल हो गया है।' ऐसे में केवल बड़े निवेशक ही इसका विकल्प चुन सकते हैं।
सोने में निवेश
सोना में निवेश से निवेशकों को रुपये के अवमूल्यन का मुकाबला करने में भी मदद मिल सकती है। सोना की अंतरराष्ट्रीय कीमत डॉलर में तय होती है। सोना की भारतीय कीमत अंतरराष्ट्रीय डॉलर की कीमत से ली जाती है। मान लीजिए कि अगर आपके पास एक डॉलर की कीमत जितना सोना है और एकडॉलर 75 रुपये के बराबर है। अगर रुपये में गिरावट 75 से 80 के बीच हो तब भी आपके पास जो सोना है उससे आप अब भी एक डॉलर खरीद सकते हैं।
हालांकि सभी जिंसों की तरह सोना में भी लंबे समय तक तेजी और गिरावट देखी जाती है। ऐसे में अगर आप लंबी अवधि में सोना में निवेश करते हैं तब पोर्टफोलियो में इसकी हिस्सेदारी 10-15 फीसदी तक होनी चाहिए।
समझें बारीकियां
आम तौर पर रुपये के अवमूल्यन से निर्यातकों को फायदा मिलता है जबकि आयातकों पर इसका उलटा असर पड़ता है। जो लोग डायरेक्ट स्टॉक पोर्टफोलियो चलाते हैं उन्हें अपने निवेश में मुद्रा अवमूल्यन के प्रभाव को गहराई से समझने की जरूरत है। सेबी में पंजीकृत स्वतंत्र इक्विटी शोध कंपनी स्टालवर्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जतिन खेमानी कहते हैं, 'कुछ कंपनियां कच्चे माल का आयात करती हैं और अपने तैयार माल का एक हिस्सा निर्यात करती हैं इसलिए उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं है। कई अपने शुद्ध विदेशी मुद्रा निवेश के जरिये बचाव करते हैं ताकि अल्पावधि में ज्यादा उतार-चढ़ाव से उनका बचाव हो सके।'
सेबी द्वारा पंजीकृत स्वतंत्र इक्विटी अनुसंधान कंपनी, स्टालवर्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के मुख्य कार्याधिकारी और संस्थापक जतिन खेमानी कहते हैं कि कुछ कंपनियों की अपने उत्पाद की प्रकृति और अनुकूल औद्योगिक ढांचे के लिहाज से मूल्य निर्धारण की ताकत है और यह मुद्रा के प्रतिकूल उतार-चढ़ाव के लिहाज से कीमतों में संशोधन लाने में सक्षम है।
वह आगे कहते हैं कि प्रभाव को सामान्य बनाने के बजाय निवेशकों को प्रत्येक कंपनी के कारोबारी मॉडल को समझने की जरूरत है। खेमानी ने कहा, 'आप इस बात पर गौर करिये कि पहले जब मुद्रा में तेजी से उतार-चढ़ाव दिखा तब वित्तीय स्थिति कैसी थी। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि कारोबारी मॉडल कितना लचीला है।'
सेबी की पंजीकृत निवेश सलाहकार कंपनी प्लूटस कैपिटल के प्रबंध अधिकारी अंकुर कपूर कहते हैं, 'आईटी क्षेत्र में बढ़त की संभावना है। फार्मा, केमिकल और पेंट में असर इस बात पर निर्भर करेगा कि इनका कितना निर्यात होता है और कितनी कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं क्योंकि इनमें से सभी इनपुट आयात करते हैं। सभी क्षेत्रों में विविध पोर्टफोलियो का निर्माण करें ताकि मुद्रा में होने वाले उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया जा सके।'
आपका NFO निवेश चेकलिस्ट
बाजार-समर्थित प्रतिभूतियों में अपने फंड को पार्क करने के इच्छुक निवेशक हमेशा नए और दिलचस्प निवेश के रास्ते तलाश रहे हैं। इसलिए, फंड हाउस और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां एक निवेशक के पोर्टफोलियो में अधिक मूल्य लाने के लिए निवेश उत्पादों का एक अभिनव मिश्रण बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। एक नया फंड ऑफर, उनमें से एक है। नए फंड में निवेश करने से पहले अपने आप से पूछने के लिए यहां कुछ प्रश्न दिए गए हैं।
NFO या ‘New Fund Offer’, अनिवार्य रूप से एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी द्वारा शुरू किया गया एक नया म्यूचुअल फंड है। AMC ने आम तौर पर इन NFO को उन उत्पादों को प्रदान करने के लिए लॉन्च किया है जो पहले से ही उनके प्रसाद के गुलदस्ते में मौजूद नहीं हैं और नए आउटलेट के साथ निवेशकों को अपने फंड को तैनात करने में मदद करते हैं। जबकि मौजूदा म्यूचुअल फंड में, फंड पहले ही कुछ शेयरों और प्रतिभूतियों में निवेश कर चुका है। NFO में फंड पहली बार इन प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए पूंजी जुटा रहा है।
अनिवार्य रूप से दो प्रकार के NFO हैं। एक ओपन एंडेड फंड है जहां NFO की अवधि समाप्त होने के बाद फंड को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाता है। लॉन्च के बाद निवेशक फंड में प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं। दूसरा वैरिएंट क्लोज एंडेड फंड्स है जहां एक निवेशक NFO अवधि के बाद फंड में प्रवेश या निकासी नहीं कर सकता है, जब तक कि इसकी परिपक्वता नहीं हो जाती।
NFO एक निवेशक को निवेश करने के लिए नए विषयों या क्षेत्रों की विविधता लाने और सक्षम बनाने में सक्षम बनाता है। एक निवेशक, वर्तमान पोर्टफोलियो का आकलन करने के बाद, एक NFO में निवेश कर सकता है एक नई संपत्ति वर्ग में लाने के लिए या एक अभिनव विषय जैसे: एक NFO देखें एक फार्मा सेक्टर या NFO को समर्पित है, जो एक मल्टी-एसेट फंड है, जहां फंड एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश करता है।
NFO और मौजूदा म्यूचुअल फंड किसी के पोर्टफोलियो के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक सही NFO कैसे चुनता है? निवेशकों को निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए जो उन्हें सही निवेश निर्णय लेने में सक्षम करेगा:
नए फंडों को इक्विटी, डेट, हाइब्रिड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, ईटीएफ या सेबी द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली किसी भी अन्य प्रतिभूतियों द्वारा समर्थित किया जा सकता है। ऐसे फंड भी हो सकते हैं जो घरेलू प्रतिभूतियों की ओर केंद्रित हैं या कुछ जो अंतरराष्ट्रीय या सीमा पार विविधीकरण का एक सा प्रदान करते हैं। एक निवेशक को अपनी इकाइयों को खरीदने से पहले नए फंड के परिसंपत्ति आवंटन का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना चाहिए। एक NFO के संबंध में एक निवेशक जो अंतिम विकल्प बनाता है, उसे अपने दीर्घकालिक निवेश लक्ष्यों, अपेक्षित रिटर्न और जोखिम की भूख पर व्यवस्थित रूप से निर्भर होना चाहिए।
उद्घाटन और समापन तिथि प्रदान करें
एक पारंपरिक म्यूचुअल फंड के विपरीत, जहां कोई भी किसी भी समय निवेश कर सकता है – NFO केवल एक विशिष्ट समय अवधि के लिए खुले हैं। यह अवधि 3 दिन से लेकर 15 दिनों तक कहीं भी हो सकती है। इस प्रकार, एक NFO में निवेश करने के इच्छुक निवेशक को पेशकश के समापन और समापन की तारीख पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह निर्धारित अवधि के दौरान इकाइयों की खरीद करता है।
एसेट मैनेजमेंट कंपनी और फंड मैनेजर
AMC और फंड मैनेजर जो एक नए फंड ऑफर का समर्थन करते हैं, वह इसकी सफलता के लिए अभिन्न है। एक अच्छी बाजार प्रतिष्ठा और सफल उत्पादों का एक सिद्ध रिकॉर्ड के साथ AMC नए AMC के बिना किसी ऐतिहासिक समर्थन के निवेश पर बेहतर रिटर्न प्रदान करने की अधिक संभावना है। इसके अलावा, स्थापित क्रेडेंशियल्स वाला एक फंड मैनेजर यह सुनिश्चित करता है कि नए फंड को अच्छी तरह से निर्देशित किया जाए और लगातार चेक और बैलेंस में रखा जाए। यह सुनिश्चित करता है कि निवेश किए गए धन का उचित उपयोग किया जाता है और निवेशक को उसकी गाढ़ी कमाई का उचित सौदा मिलता है।
किसी भी तरह के निवेश के लिए रिटर्न की दर एक महत्वपूर्ण निर्धारणकर्ता है। चूंकि, नए फंड पहली बार जनता के लिए खुल रहे हैं, इसलिए किसी को भी निवेश करने से पहले अच्छी तरह से बता देना चाहिए। AMC और निवेश के ट्रैक रिकॉर्ड / प्रदर्शन को ध्यान में रखना चाहिए
भविष्य में रिटर्न देने की क्षमता को समझने के लिए निवेश श्रेणी। इसके अलावा, रेट ऑफ रिटर्न निवेशक के निवेश की अवधि और जोखिम की भूख का एक कारक है। इसलिए, किसी को यह स्पष्ट होना चाहिए कि कोई विशेष फंड क्यों चुन रहा है।
म्यूचुअल फंड निवेश उद्योग हर तरह के निवेशक के लिए उपलब्ध एक विकल्प के साथ बहुत बड़ा और विविध है। ऐसे परिदृश्य में, निवेश करने से पहले हमेशा अच्छी तरह से शोध करना उचित है। जो लोग सीधे निवेश करते हैं, उनके लिए डिजिटल रूप से समझ रखने वाले ऐप निवेशकों के लिए आवश्यक जानकारी तक आसान पहुंच है। मोबाइल एप्लिकेशन / ऐप्स में ऐसे अंतर्निर्मित ट्यूटोरियल हैं जो निवेशकों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन लोगों के लिए जो ‘डू-इट- इनवेस्टर्स’ नहीं हैं, उन्हें निश्चित रूप से वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। समझदारी से निवेश करें! यह सब के बाद आपकी मेहनत की कमाई है!
निम्नलिखित में से किस म्यूचुअल फंड कंपनी ने मार्च 2022 में एक विशेष एंड-टू-एंड महिला-नेतृत्व वाली वित्तीय सशक्तिकरण पहल #LaxmiForLaxmi शुरू की है?
Key Points अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें
- HDFC म्यूचुअल फंड ने एक विशेष एंड-टू-एंड महिलाओं के नेतृत्व वाली वित्तीय सशक्तिकरण पहल #LaxmiForLaxmi की घोषणा की है।
- यह एक अनूठी मिस्ड कॉल सेवा के माध्यम से महिला निवेशकों को उनके निकट एक महिला वित्तीय विशेषज्ञ से जोड़ेगा।
- महिला वित्तीय विशेषज्ञ महिला निवेशक के प्रश्नों का मार्गदर्शन और समाधान करेगी, उदाहरण के लिए - म्यूचुअल फंड में क्यों और कैसे निवेश करें, SIP के लाभ आदि।
Additional Information
- LIC म्यूचुअल फंड ने श्री टी.एस. रामकृष्णन को 1 मार्च, 2022 से अपने प्रबंध निदेशक और CEO के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है।
- एक्सिस म्यूचुअल फंड ने एक्सिस निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स फंड लॉन्च करने की घोषणा की है, जो निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स को ट्रैक करने वाला एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है।
- UTI म्यूचुअल फंड (UTI) ने एक ओपन-एंडेड स्कीम UTI S&P BSE लो वोलैटिलिटी इंडेक्स फंड लॉन्च किया है, जो S&P BSE लो वोलैटिलिटी टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) की प्रतिकृति/ट्रैकिंग करता है।
- कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने कोटक मिडकैप 50 ETF लॉन्च करने की घोषणा की है, जो एक ओपन-एंडेड योजना है जो निफ्टी मिडकैप 50 इंडेक्स को ट्रैक करेगी।
- निप्पॉन इंडिया एमएफ के परिसंपत्ति प्रबंधक निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (NAM इंडिया) ने निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF और निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड (FOF) को लॉन्च करने की घोषणा की है।
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Last updated on Dec 2, 2022
The ESIC UDC Final Result Out! The Employees' State Insurance Corporation released the final result for ESIC UDC 2022 on 7th November 2022 on the official website. A total of 5995 candidates cleared the Computer Skill Test & 344 candidates have not qualified the Phase 3 (Computer Skill Test). The ESIC UDC Phase 3 Exam was held on 28th August 2022. This was the last stage before the final selection. The candidates who are finally selected will receive a salary between ₹25,500 - ₹81,100.
Petrol – Diesel Price Today : पेट्रोल-डीजल के दाम जारी, आज 1 लीटर तेल के लिए देने होंगे इतने पैसे
Petrol – Diesel Price Today : भारतीय तेल कंपनियों ( Indian Oil Companies ) ने शनिवार 3 दिसंबर को पेट्रोल और डीजल की कीमतों ( Petrol & Diesel Price ) में कोई बदलाव नहीं किया है ! इस तरह आज लगातार 191वां दिन है जब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत ( Crude Oil Price ) में गिरावट के बाद शनिवार को भारत में पेट्रोल, डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है !
Petrol – Diesel Price Today
Petrol – Diesel Price Today
शनिवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमत ( Petrol Price ) 106.31 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 106.03 रुपये, नई दिल्ली में 96.72 रुपये और चेन्नई में 102.63 रुपये प्रति लीटर है ! आम लोगों के लिए यह एक बार फिर राहत की बात है ! उल्लेखनीय है कि शनिवार और रविवार को कोई नई कीमत जारी नहीं की जाती है ! सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel Rate ) के दाम जारी किए ! तेल कंपनियों ने लगातार 191वें दिन आम लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel ) के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. आज ईंधन के दाम स्थिर हैं !
अंतर्राष्ट्रीय बाजार प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कई दिनों से कच्चे तेल ( Crude Oil ) के दाम में लगातार गिरावट हो रही है. WTI क्रूड की कीमत 85.61 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमत 91.63 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गई है ! इससे पहले सरकार ने 21 मई को एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी ! पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें प्रति लीटर की कटौती की गई ! इसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत ( Petrol & Diesel Price ) में कमी आई है ! इसके बाद देश में डीजल ( Diesel Price ) 9.50 रुपये और 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया ! केंद्र की घोषणा के बाद राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और केरल की सरकारों ने भी वैट में कटौती की !
इस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ( Petrol Price ) 96.72 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. वहीं, मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है ! जबकि ( Petrol & Diesel Price ) कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर है ! वहीं, चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है !
यहां सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल पाएं
पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel ) बिक रहा है. जहां पेट्रोल 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल 79.74 रुपये प्रति लीटर है !
पेट्रोल के दाम आज (03 दिसंबर, 2022) – शहरवार सूची ( Petrol – Diesel Price Today )
City | Petrol Price (₹/L) | Change (₹/L) * |
---|---|---|
लखनऊ | 96.44 | -0.04 |
दिल्ली | 96.72 | 0.00 |
पटना | 107.24 | 0.00 |
जयपुर | 108.48 | -0.52 |
पुणे | 105.96 | -0.71 |
आगरा | 96.63 | -0.08 |
मुंबई | 106.31 | 0.00 |
अहमदाबाद | 96.42 | -0.35 |
सालेम | 103.84 | 0.27 |
नागपुर | 106.04 | -0.17 |
नासिक | 106.51 | 0.45 |
कारण जो Petrol और Diesel की कीमत को प्रभावित करते हैं
पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel ) के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है. विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें ( Crude Oil Price ) क्या हैं, इसके आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों ( Petrol & Diesel Price ) में बदलाव होता है !
जानिए अपने शहर में पेट्रोल और डीजल के दाम ( Petrol – Diesel Price Today )
आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें ( Petrol & Diesel Price ) रोजाना बदलती हैं और सुबह 6 बजे अपडेट हो जाती हैं ! आप एसएमएस के जरिए भी पेट्रोल-डीजल ( Petrol & Diesel ) का रोजाना का रेट जान सकते हैं ! इंडियन ऑयल ( Indian Oil ) के ग्राहक 9224992249 नंबर पर RSP के साथ सिटी कोड और 9223112222 नंबर पर BPCL ग्राहक लिखकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ! वहीं, HPCL उपभोक्ता 9222201122 नंबर पर HP Price भेजकर कीमत पता कर सकते हैं !
चेक करें अपने शहर का रेट
राज्य स्तर पर पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स के कारण अलग-अलग शहरों में पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel Rate ) के दाम भी अलग-अलग हैं. आप अपने शहर में रोजाना एसएमएस के जरिए भी पेट्रोल और डीजल ( Petrol & Diesel ) के दाम चेक कर सकते हैं ! इंडियन ऑयल ( Indian Oil ) के उपभोक्ता 9224992249 पर RSP लिख सकते हैं और HPCL के उपभोक्ता 9222201122 पर HPPRICE लिख सकते हैं ! BPCL (BPCL) के उपभोक्ता RSP लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज सकते हैं !
सुबह 6 बजे जारी हो जाते हैं नए रेट
हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल के नए दाम ( Petrol & Diesel new Rate ) जारी किए जाते हैं. जिसके बाद सुबह 6 बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं ! बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमत ( Petrol & Diesel Price ) में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य चीजों के जुड़ने से इसकी कीमत मूल कीमत से लगभग दोगुनी हो जाती है ! इस वजह से पेट्रोल डीजल ( Petrol & Diesel ) के दाम इतने ज्यादा हैं !
ऐसे जान सकते हैं Petrol & Diesel के रेट
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ( Oil Marketing Companies ) एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी सुबह 6 बजे नई कीमतें जारी करती हैं ! आप अपने शहर में पेट्रोल डीजल ( Petrol & Diesel Price ) के ताजा दाम कंपनी की वेबसाइट Associates.indianoil.co.in.PumpLocator और SMS के जरिए चेक कर सकते हैं ! एसएमएस के जरिए घर बैठे अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के रेट ( Petrol & Diesel Rate ) जानने के लिए आपको अपने मोबाइल पर 9224992249 पर RSP मैसेज करना होगा ! हर शहर का कोड अलग-अलग होता है ! सिटी कोड जानने के लिए आप इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर जा सकते हैं !