जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट

Bazaar Aaj Aur Kal: कल के शेयर बाजार पर जानिए अनिल सिंघवी की दमदार स्ट्रैटेजी
Nifty निचले स्तरों पर 17,425 से 17,525 के बीच सपोर्ट करेगा और ऊपरी स्तरों पर 17,725 से 17,825 पर Nifty में बिकवाली आती दिखेगी. Nifty में 17,800 के ऊपर की क्लोजिंग बाजार के लिए अहम होगी. Bank Nifty 40,200 से 40,500 के बीच सपोर्ट करेगा और ऊपरी स्तरों पर 40,900 से 41,150 के बीच Bank Nifty में खरीदारी आती दिखेगी: अनिल सिंघवी
Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 22 जनवरी 2022,
- अपडेटेड 7:17 PM IST
शेयर मार्केट में सफल निवेशक बनना आसान नहीं है पर इन बातों का ध्यान रखकर आप शुरूआत कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
ग्रे मार्केट में इस कंपनी के जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट IPO की हालत खराब, लिस्टिंग के दिन निवेशकों को लग सकता है झटका
ट्रेक्सन टेक्नोलॉजी के आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट हो चुका है। अब निवेशकों की निगाहें कंपनी की लिस्टिंग पर टिकी हुई हैं। कंपनी शेयर मार्केट में कल यानी 20 अक्टूबर को लिस्ट हो सकती है।
ट्रेक्सन टेक्नोलॉजी के आईपीओ (Tracxn Technologies IPO) के शेयरों का अलॉटमेंट हो चुका है। अब निवेशकों की निगाहें कंपनी की लिस्टिंग पर टिकी हुई हैं। कंपनी शेयर मार्केट में कल यानी 20 अक्टूबर को लिस्ट हो सकती है। ट्रेक्सन आईपीओ पर दांव लगाने वाले निवेशकों को ग्रे मार्केट से अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं। एक्सपर्ट का अनुमान है कि कंपनी शेयर मार्केट में कमजोर शुरुआत कर सकती है।
ग्रे मार्केट में क्या है?
ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट के अनुसार कंपनी के शेयर आज बाजार में 0 रुपये के प्रीमियम पर उपलब्ध हैं। कल ये 3 रुपये के डिस्काउंट पर उपलब्ध थे। जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट निवेशकों को लिहाज से देखें तो यह एक अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता है। ग्रे मार्केट एक कमजोर लिस्टिंग की ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले सप्ताह कंपनी के शेयर 6 रुपये के प्रीमियम पर उपलब्ध थे।
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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
ट्रेक्सन के प्रदर्शन को लेकर UnlisteArena.com के संस्थापक अभय दोषी कहते हैं, “कंपनी ने हाल ही में मुनाफा कमाना शुरू किया है। कंपनी बिजनेस ऑपरेशन भी बहुत बड़ा नहीं है, शायद कमजोर सब्सक्रिप्शन की एक बड़ी वजह यही है। ऐसे में लिस्टिंग इश्यू प्राइस के आस-पास ही हो सकती है।” Religare Broking की रिपोर्ट के अनुसार, “इंडस्ट्री में कंपटीशन काफी ज्यादा है। कंपनी के रेवन्यू में गिरावट आ सकती है अगर ग्राहकों ने सब्सक्रिप्शन को रेन्यू नहीं किया।” ये सभी फैक्टर लिस्टिंग के बाद भी काफी कारगर साबित होंगे।
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(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
रिकॉर्ड हाई पर चल रहे शेयर बाजार में आंख बंद करके पैसा न लगाएं, शंकर शर्मा से जानिए निवेश रणनीति
कई निवेशकों को लग रहा है कि कहीं गाड़ी छूट तो नहीं गई, क्या बाजार में अब भी निवेश किया जा सकता है. तेजी के बाजार में कहां पैसा बन सकता है. दिवाली से पहले निवेश पर सीएनबीसी-आवाज़ के साथ दिग्गज निवेशक और First Global के Co Founder Shankar Sharma ने चर्चा की.
- moneycontrol.com
- Last Updated : October 26, 2021, 13:35 IST
मुंबई. भारतीय शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड हाई पर चल रहे है. मार्केट ने कोरोना काल के बाद निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया. इंडियन इक्विटी मार्केट ने कोरोना काल की गिरावट के बाद 125 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. साथ ही, रिकॉर्ड संख्या में रिटेल निवेशक बाजार से जुड़े हैं. ऐसी परिस्थिति में पैसा लगाने से पहले काफी सोच समझ कर निवेश करना जरूरी है.
इस बार की तेजी विदेशी नहीं बल्कि घरेलू रिटेल निवेशकों के दम पर जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट बनी हुई है. रिटेल निवेशक बाजार में जमकर पैसा डाल रहे हैं. पिछली दिवाली से इस दिवाली के बीच निफ्टी ने 45 परसेंट के धमाकेदार रिटर्न दिए. पिछले कई सालों से पिटे सेक्टर भी अब दौड़ रहे हैं.
कई निवेशकों को लग रहा है कि कहीं गाड़ी छूट तो नहीं गई, क्या बाजार में अब भी निवेश किया जा सकता है. तेजी के बाजार में कहां पैसा बन सकता है. दिवाली से पहले निवेश पर सीएनबीसी-आवाज़ के साथ दिग्गज निवेशक और First Global के Co Founder Shankar Sharma ने चर्चा की.
लॉन्ग टर्म में निवेश फायदेमंद
शंकर शर्मा ने कहा कि बाजार में लॉन्ग टर्म के डेटा का अध्ययन करके ट्रेड लेने चाहिए. लॉन्ग टर्म में निवेश करना निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए अच्छा होता है. रही बात मार्केट की तेजी पर तो यदि आपका बाजार पिछले 2 सालों से लगातार 15 से 20 प्रतिशत की तेजी दिखा रहा है तो तीसरे साल में इसमें तेजी की संभावना 50 प्रतिशत ही रहती है. वहीं यदि कोई भी मार्केट लगातार 3 सालों तक ऊपर की ओर बढ़ता रहा है तो चौथे साल उस मार्केट में करेक्शन आता हुआ दिखाई देगा.
2022 में कमजोर रह सकते हैं अमेरिकी बाजार
शर्मा ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि अमेरिकी बाजार 2019 में मजबूत रहे. उसके बाद 2020 में भी अमेरिकी शेयर बाजारों में रौनक रही. अब ये साल यानी कि 2021 भी अमेरिका के लिए अब तक काफी अच्छा रहा है इसलिए बहुत संभावना है कि अगला साल यानी कि 2022 में अमेरिकी बाजार कमजोर रह सकते हैं.
2022 में भी अच्छे रह सकते हैं भारतीय बाजार
वहीं भारतीय बाजारों के परिप्रेक्ष्य में अपना विश्लेषण जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट साझा करते हुए शंकर शर्मा ने कहा कि भारतीय बाजारों पर नजर डालें तो यहां साल 2018 खराब रहा. उसके बाद साल 2019 भी बहुत अच्छा नहीं रहा. इसके बाद साल 2020 अच्छा रहा जिसके बाद अगले साल 2021 में भारतीय बाजारों में चमक लौटी है. इसका मतलब है कि दो साल लगातार भारतीय बाजार मजबूत रहे हैं इसलिए अगले साल भी यानी कि 2022 में भी बाजार में तेजी नजर आने की संभावना 50 प्रतिशत तक बनती है.
130 करोड़ की जनसंख्या भारतीय बाजारों के लिए हैं इंजन
ग्लोबल मार्केट खराब रहने के बावजूद भारतीय बाजार अच्छे रह सकते हैं इसके पीछे का लॉजिक बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 130 करोड़ के करीब है और ये इकोनॉमी के लिए अच्छा साबित हो सकता है. लेकिन फिर भी साल 2022 में आंख बंद करके पैसा लगाने से बचना चाहिए. निवेशकों को वैल्यूशन की बजाय मोमेंटम वाले ट्रेड लेने की सलाह होगी.
कहां हैं निवेश के मौके
शंकर शर्मा ने कहा कि निवेश पर मुनाफा कमाने के लिए आपको लंबी अवधि का नजरिया अपनाना होगा. फिलहाल बाजार में आये हुए जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट करेक्शन में जिन क्वालिटी कंपनियों के स्टॉक्स गिर चुके हैं उसमें निचले स्तरों पर निवेश का मौका है. इसके अलावा खपत वाली कंपनियों में भी निवेश करना चाहिए. इस साल खपत वाली कंपनियों ने अच्छा मुनाफा कमाकर दिया है और आगे भी इन कंपनियों के शेयर दौड़ते हुए नजर आ सकते हैं.
पोर्टफोलियो में नए जमाने की कंपनियों और बैंकिंग शेयर भी करें शामिल
निवेश पर अपनी राय देते हुए शर्मा ने कहा कि इस साल बाजार में नए जमाने की कंपनियों के आईपीओ लॉन्च होते हुए दिखाई दिये हैं. इन जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट कंपनियों के शेयर्स को भी पोर्टफोलियों में रखना चाहिए. इसमें आगे मोमेंटम नजर आ सकता है. इसके अलावा बैंकिंग शेयरों को भी निवेश करें और बैंक शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में जरूर रखना चाहिए. उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि हमने स्वयं और क्लाइंट्स को एसबीआई के शेयर खरीदवाए हैं.
2021 में अब तक बाजार में शानदार रिटर्न में किस इंडेक्स का कितना रहा योगदान
NIFTY 50 – 31%
SENSEX – 29%
NIFTY MIDCAP 100 – 51%
NIFTY SMALLCAP 100 – 57%
साल 2021 में अब तक सबसे ज्यादा दौड़ने वाले सेक्टर
NIFTY METAL- 77%
NIFTY PSU BANKS – 64%
NIFTY PSE – 50%
NIFTY IT- 47%
NIFTY ENERGY – 44%
NIFTY MEDIA – 43%
NIFTY INFRA – 42%
NIFTY BANK – 30%
साल 2021 में अब तक सबसे ज्यादा दौड़ने वाले निफ्टी शेयर
TATA MOTORS – 167%
BAJAJ FINSERV – 110%
TATA STEEL – 99%
HINDALCO – 94%
GRASIM – 85%
SBI – 83%
WIPRO – 76%
ONGC – 69%
साल 2021 में अब तक मिडकैप ने जमाया रंग
JSW ENERGY – 455%
ADANI TRANS – 305%
HAPPIEST MINDS – 292%
ADANI TOTAL GAS – 275%
IEX – 237%
GUJARAT FLUORO – 225%
ADANI ENT – 222%
TATA ELXSI – 224%
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Share Market Tips: बजट से शेयर बाजार में उछाल आएगी या गिरावट? जानिए एक्सपर्ट की राय
Share Market Tips अब यह समझना महत्वपूर्ण है कि बाजार बजट के बाद कैसा व्यवहार करेंगे। सपाट विकेटों पर खेलने के लिए किसी भी बल्लेबाज को कौशल की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन प्रतिरोधी फास्ट ट्रैक में खेलने के लिए बहुत अधिक हिम्मत की आवश्यकता होती है।
नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। निफ्टी फ्यूचर्स में 13,717 अंक पर और कैश में 13,634 अंक पर बंद हुआ है, जो शीर्ष स्तर से 7.8 फीसद नीचे है। हमने बजट के बाद 10 फीसद गिरावट की उम्मीद की थी, जो बजट से पहले ही आ गई है, जो कि अस्वाभाविक नहीं है। बाजार एफपीआई की सहमति के साथ बड़े हाथों द्वारा तय हुआ है और इसलिए यह उनके ऊपर निर्भर करता है कि वे बाजार को कैसे चलाते हैं। हमने दो सप्ताह पहले हेज शॉर्ट करने का चुना था। हमारी हेज शॉर्ट कॉल 14,600-14,700 के स्तर पर थी। यहां से निफ्टी 1100 अंक टूट चुका है, जो कि काफी बड़ी गिरावट है और इस तरह हमें शॉर्ट के लिए जाने से फायदा हुआ है।
अब यह समझना महत्वपूर्ण है कि बाजार बजट के बाद कैसा व्यवहार करेंगे। सपाट विकेटों पर खेलने के लिए किसी भी बल्लेबाज को कौशल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन प्रतिरोधी फास्ट ट्रैक में खेलने के लिए बहुत अधिक हिम्मत की आवश्यकता होती है। अब हम ऐसी ही परिस्थिती में हैं और इसलिए हमारा विश्लेषण आपको बजट के दिन या उसके बाद अपनी रणनीति निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
स्वाभाविक रूप से पहली प्रतिक्रिया बिकवाली की होगी, क्योंकि बाजार पिछले 7 दिनों से प्रोफिट बुकिंग देख रहा है। जहां निफ्टी 1160 अंक गिर गया है और सेंसेक्स 3775 अंक या 7.55 फीसद गिर गया है। जब सेंसेक्स 50000 पर था, तो बाजार में प्रोफिट बुकिंग उन लोगों के लिए थोड़ी स्वाभाविक थी, जिन्होंने अच्छा मुनाफा बनाया, लेकिन FPI के लिए क्या . हां, उन्होंने पिछले 7 दिनों में 6000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं और उन्होंने मार्केट कैप का 8 फीसद खो दिया है। वे जनवरी के अंत तक 2,64,000 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेशक है और 8 फीसद नुकसान का मतलब है 21,120 करोड़ रुपये। यह नुकसान उठाना 2,64,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाले एफपीआई के संदर्भ में सार्थक नहीं दिखता। इस प्रकार प्रथम दृष्टया लगता है कि कुछ हेज फंड्स पिछले 7 दिनों में यह सोचकर बेचे गए हैं कि साल के सबसे बड़े इवेंट बजट 2021 को देखने के लिए लॉन्ग फंड्स की खरीदारी को कुछ समय के लिए रोक दिया जाए।
हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया है कि 35 बिलियन डॉलर की खरीदारी के बाद कुछ ठहराव आएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खरीदारी खत्म हो गई है। ताजा खरीद बजट के तुरंत बाद शुरू होगी अगर बजट एफपीआई की सोच को संतुष्ट करेगा। अगर ऐसा होता है, तो ताजा खरीद तुरंत चालू हो जाएगी और ऐसे में 1160 अंक की गिरावट 28 दिनों से भी कम समय में रिकवर हो जाएगी और नई तेजी आ जाएगी। लेकिन अगर बजट एफपीआई को संतुष्ट नहीं करता है, तो फिर क्या . उस स्थिति में हमें निफ्टी में 2 से 3 फीसद की और गिरावट देखने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसका मतलब है कि निफ्टी 13,300 तक आ सकता है। इस स्थिति में 13,300 एक बड़ी बात नहीं है और इसलिए आपको 13,300 (+/-100) पर खरीदने का एक शानदार अवसर मिलेगा।
आइए अब हम कुछ तथ्यों पर विचार करते हैं। 14000 के स्तर से ही हम कुछ गिरावट के लिए कह रहे थे, जो नहीं आई थी। 14800 के स्तर से 13634 तक आने के रूप में यह पहली बड़ी गिरावट है, जो इच्छा के अनुकूल है। हमने पहले भी उल्लेख किया था कि अगर निफ्टी बजट के बाद 14800 या 15000 या 15100 से गिरता है, तो कम से कम 10 फीसद की गिरावट आएगी। अभी हमने निफ्टी को 14,800 से 13634 पर आते देखा है, जो 7.83 फीसद है और इतिहास बताता है कि गिरावट की तीसरी श्रेणी 10 से 11 फीसद के लिए है। इसलिए अगर हम 11 फीसद लेते हैं, तो 13,300 एक मजबूत आधार बनना चाहिए। यह भी नहीं है कि सभी शेयर गिर रहे हैं। निफ्टी के 14,600 के स्तर पर BPCL 380 पर था और अब जब निफ्टी 13,600 पर है, तो यह 386 पर ट्रेड कर रहा है।
इस गिरावट में मुख्य योगदान आरआईएल, भारती, मारुति, इंफोसिस, टीसीएस, टाटा मोटर्स, जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट टिस्को, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक और डॉ रेड्डी का है। ये शेयर भारी वजन के होते हैं और इनके ऊपर-नीचे जाने से सूचकांक नियंत्रित होते हैं। सूचकांकों का प्रबंधन अटकलबाजी की किताबों से बाहर है और इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है, भले ही वे 50% बढ़ें या गिरें। वहीं, इस समय मिड कैप और स्मॉल कैप बिल्कुल नहीं गिरे। इसलिए यह गिरावट अच्छी थी और इसे बाजार में अगली उछाल के लिए स्वस्थ माना जाना चाहिए। हम अभी भी बुल रन में हैं और निफ्टी पर अगला लक्ष्य 16,600 से 16,700 है। इसलिए आपको हर गिरावट में वैल्यू स्टॉक्स लेने की कोशिश करनी चाहिए। जुआरी (FएंडO ट्रेडर्स) के पास जुआ खेलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है और वे गिरावट या तेजी दोनों तरफ से खेलते हैं। इसलिए आगे बढ़ते हुए आपको यह पता होना चाहिए कि आपको बजट को किस स्थिति में अच्छा और जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट किस स्थिति में बुरा कहना चाहिए .
निश्चित रूप से कुछ कर रियायतें छोटे करदाताओं के लिए आ सकती हैं। इसे लेकर बहुत सारे सवाल उठाए गए हैं कि मैडम एक शानदार बजट के लिए धन कहां से लाएंगी। इसकी हमने पहले चर्चा की है, इसलिए हम इसमें नहीं जाएंगे। FPI के दृष्टिकोण से हमारे लिए क्या मायने रखता है, ये बजट के विषयों के अलावा दो मुद्दे हैं। इससे पहले कि हम इन 2 घटकों पर चर्चा करें, आइए जानते हैं कि इसके पीछे अन्य संभावनाएं और तर्क क्या हैं।
सरकार निजी कंपनियों द्वारा ली जाने वाली पीएसयू कंपनियों को 5 से 7 साल का टैक्स ब्रेक देने पर विचार कर सकती है। यह कंपनियों के मौजूदा बाजार कैप के 100% प्रीमियम जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट की लागत पर होना चाहिए। उदाहरण के लिए BPCL cmc 84,000 करोड़ रुपये है। सरकार पहले से ऑन रिकॉर्ड कह चुकी है कि वे 1.8 लाख करोड़ रुपये का मूल्यांकन चाहती है। गुरुवार को यह नया था कि सरकार अब इसे बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपये करना चाहती है, ताकि उसे बीपीसीएल में अपनी 53 फीसद हिस्सेदारी के लिए 1.06 लाख करोड़ रुपये मिल सकें। अब यदि टैक्स ब्रेक दिया जाता है, तो कंपनी 5 साल में 135 फीसद की बचत कर सकती है, इसलिए वे 100% प्रीमियम दे सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो सभी पीएसयू छह महीने में दोगुने हो जाएंगे, क्योंकि वे सबसे भारी ओवरसोल्ड और अंडरपरफॉर्मिंग माने जाते हैं, क्योंकि एफपीआई सरकार की अक्षमता पर विश्वास करते हैं। तर्क यह है कि सरकार 20 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के साथ पीएसयू को अच्छी कीमत पर बेच सकती है।
दूसरी बात यह है कि सभी बुरे ऋणों को तत्काल प्रभाव से खराब ऋण बैंक में स्थानांतरित करने के लिए मार्गदर्शन की स्थापना की संभावना हो सकती है। यह शायद पीएसयू की बुक्स को कोविड बेड लोन्स से बचाने के लिए हो सकता है, जो अगली कुछ तिमाहियों में वास्तविकता हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो सभी PSB दोड़ेंगे। इनके अलावा हम कृषि, रक्षा, पानी और इंफ्रा से संबंधित प्रावधानों की बात नहीं कर रहे हैं, जो बजट में होंगे। अब 2 चीजें, जो हम रडार पर रखना चाहते हैं, वह है राजकोषीय घाटा और बाजार उधार।
वित्त वर्ष 2021 के लिए राजकोषीय घाटा 7.7 फीसद (सर्वेक्षण के अनुसार) रहने की उम्मीद है, जबकि बाजार उधार 11 लाख करोड़ रुपये (CARE की रिपोर्ट के अनुसार) है। अब ये बाजार की उम्मीदों के रूप में काम करेंगे। इसलिए अगर राजकोषीय घाटा 7 फीसद से नीचे है, तो यह बहुत बड़ी सकारात्मक बात होगी। कोविड से पहले इसे 3.8 फीसद पर प्रोजेक्ट किया गया था। वहीं, बाजार उधार अगर 8 लाख करोड़ रुपये से कम होती है, तो यह बड़े पैमाने पर सकारात्मक होगा। बजट को सकारात्मक बनाने के लिए वित्त वर्ष 2022 के लिए राजकोषीय घाटा 4 फीसद या 3.8 फीसद से कम होना चाहिए और बाजार उधार 5 लाख करोड़ रुपये से नीचे होनी चाहिए। यह कैसे होगा, हम पहले की रिपोर्टों में चर्चा कर चुके हैं।
इसलिए अगर ये 2 उम्मीदें अच्छी तरह से पूरी होती हैं, तो बाजार 28 दिनों से भी कम समय में 14,800 की ओर जाएगा और फिर आगे समय के साथ 16,600 से 16,700 हो जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो निफ्टी को 13,300 पर अच्छा समर्थन मिलेगा। अंत में हम यह आशा करते हैं कि एफपीआई भारत में रुकने के लिए आए हैं और अगले 2 दशक तक भारत से बाहर जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट नहीं निकलेंगे। वे कभी भी भारतीय बाजारों से पैसा नहीं निकालेंगे। भारत में ऑप्शंस से कमाई दुनिया में सबसे ज्यादा हैं और किसी भी कारोबार से बड़ी है, इसलिए वे यहां रहेंगे।