शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है

विविधता: निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण के मामले में सबसे शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए निफ्टी 50 ईटीएफ एक निवेशक के लिए शेयरों और क्षेत्रों में उत्कृष्ट विविधीकरण प्रदान करता है।
इक्विटी में नए हैं, तो कुछ ऐसे कर सकते है निवेश
कई निवेशक जो इक्विटी में नए हैं, शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है अक्सर समझ नहीं पाते कि सही निवेश पथ पर कैसे आरंभ किया जाए। इक्विटी के प्रति रुचि आमतौर पर लंबी अवधि में मुद्रास्फीति से ऊपर रिटर्न बनाने की संभावना से बनती है। हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कुछ इक्विटी एक्सपोजर की आवश्यकता होती है, चाहे वह म्युचुअल फंड, प्रत्यक्ष स्टॉक या इन दोनों के संयोजन के माध्यम से हो। लेकिन अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे स्टॉक से शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी का चयन करना आसान नहीं है।आपको किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति, व्यावसायिक संभावनाओं, उद्योग मूल्यांकन, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की आवश्यकता है। अगर यह आपको मुश्किल लगता है, तो निफ्टी 50 ईटीएफ आपके लिए उपयुक्त विकल्प है।
लेखक : करुणेश देव
ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) क्या है: ईटीएफ शेयर्स का एक समूह है जो विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है, एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह कारोबार करता है लेकिन म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा पेश किया जाता है। आप बाज़ार के समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की इकाइयां खरीद और बेच सकते हैं।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्यान
- Jaya Rai
- Publish Date - April 7, 2021 / 01:14 PM IST
सेंसेक्स में एचसीएल टेक दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर था, वहीं इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी देखी गयी
अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर इन बातों को जाने बिना आपने निवेश किया तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. शेयर बाजार (Stock Market) में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो आपको बेहतरीन रिटर्न मिलता है. वहीं कई बार जाने-अनजाने में निवेशकों को भारी नुकसान भी शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है उठाना पड़ जाता है. ऐसे में शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको 7 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने से आपको शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न मिलेगा.
शेयर बाजार में रोज भिड़ते हैं ये 2 'जानवर', कभी होती है मोटी कमाई तो कभी लाखों करोड़ हो जाते हैं स्वाहा
शेयर बाजार में हर रोज कई शेयर चढ़ते हैं तो कई गिरते हैं. इस उतार-चढ़ाव की वजह होती है शेयरों की लिवाली और बिकवाली. यानी हर रोज बुल और बीयर के बीच एक टकराव होता है.
शेयर बाजार (Share Market) में अक्सर आपको दो जानवरों के नाम सुनने को मिलते होंगे. पहला है बुल (Bull) यानी बैल और दूसरा है बीयर (Bear) यानी भालू. अगर आप शेयर बाजार में पैसे नहीं भी लगाते हैं तो हर्षद मेहता पर बनी वेब सीरीज 'स्कैम 1992' तो जरूर देखी होगी. इसमें भी बार-बार बुल और बीयर का जिक्र हुआ है. हर्षद मेहता को उस वक्त का बिग बुल (Big Bull) कहा जाता था. वहीं मनु भाई मुंद्रा को उस वक्त का बीयर कहा जाता था. ऐसे में बहुत से लोग ये नहीं समझ पाते हैं कि आखिर शेयर बाजार का बुल और बीयर से क्या लेना-देना.
पहले जानिए बुल के बारे में
बुल यानी बैल. ये शेयर बाजार शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है के वो ट्रेडर होते हैं, जिनका काम बाजार को ऊपर ले जाना होता है. इन्हें 'तेजड़िया' भी कहा जाता है. बैल से इनकी तुलना इसलिए की जाती है, क्योंकि बैल अपनी सींघ से हमला करते हुए सामने वाले को ऊपर की तरफ उछालता है. यानी बुल वो होते हैं जो बाजार को ऊपर की तरफ उछालते हैं.
ये निवेशक शेयरों में निवेश करने का काम करते हैं, वो भी लंबे वक्त के लिए. ये लंबा वक्त 2 साल से लेकर 10-20 साल तक आसानी से हो सकता है. भारत के बिग-बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला भी ऐसे ही निवेशक थे. जब ये लोग शेयरों को लंबे वक्त के लिए खरीद लेते हैं तो बाजार में उनकी शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है मांग बढ़ती है, जिससे उनके दाम भी बढ़ते हैं. बशर्ते जिस कंपनी के शेयर खरीदे गए हैं, उसमें कोई दिक्कत ना हो वरना शेयरों में गिरावट आ जाती है. ये निवेशक खुद मुनाफा कमाने के साथ-साथ बाजार में भी तेजी बनाए रखने की कोशिश करते हैं. इसी वजह से इन्हें बुल कहा जाता है.
बीयर के बारे में भी जानिए
बीयर यानी भालू. ये शेयर बाजार के वो ट्रेडर होते हैं, जो बाजार को नीचे की तरफ धकेलने या यूं कहें कि गिराने का काम करते हैं. बीयर से इनकी तुलना इसलिए की जाती है, क्योंकि वह अपने पंजे के नीचे की तरफ मारता है. ऐसे में सामने वाला नीचे गिरता है. इन्हें 'मंदोड़िया' भी कहते हैं.
जब भी अर्थव्यवस्था या शेयर बाजार या किसी खास कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर आती है, तो बीयर कमाई करते हैं. वह कमाई के लिए शॉर्ट सेलिंग का सहारा लेते हैं, जिसके तहत पहले शेयर बेच दिए जाते हैं शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है और फिर उन्हें खरीदा जाता है. इस तरह जो मार्जिन होता है, वह इन बीयर की कमाई होती है. बीयर का काम होता है कि वह बुरी खबरों को अधिक से अधिक हवा देते हैं. लोगों में एक डर पैदा करने की कोशिश होती है कि उनका भारी नुकसान होने वाला है. ऐसे में अधिकतर लोग शेयर बेचने लगते हैं और बाजार गिरने लगता है.
स्टॉक ब्रोकर
स्टॉक ब्रोकर(inventory dealer) वह फर्म होते हैं जो सरकार से मान्यता शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है प्राप्त होते हैं। जोकि शेयर का लेखा जोखा रखते हैं। और अपने ग्राहकों के शेयर खरीदने बेचने से लेकर उनका संपूर्ण शेयर मार्केट का लेखा-जोखा रखते हैं। शेयर ब्रोकर आपको काफी सावधानी से चुनना चाहिए क्योंकि सभी अलग-अलग शेयर शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है ब्रोकर्स के चार्ज अलग-अलग होते हैं। शेयर बाजार मैं शेयर मार्केट में कई सारे ब्रोकर लिस्टेड हैं जैसे कि शेरखान, एंजल ब्रोकिंग, up inventory, जीरोधा ,5paisa आदि।
कितने पैसों से कर सकते हैं निवेश?
शेयर मार्केट में मिनिमम निवेश धनराशि (cash) से जुड़े कई सारे सवाल निवेशकों के मन में होते हैं। जो कि काफी ज्यादा कन्फ्यूजन (Confusion) पैदा करते हैं। परंतु किसी भी निवेशक को कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। यहां पर आप मिनिमम (Minimal) ₹100 से लेकर भी निवेश कर सकते हैं।
इससे कम भी परंतु आपको यह जानना आवश्यक है, की आप जिस स्टॉक ब्रोकर के पास अपना डीमेट खाता खुलवा रहे हैं वह कितना कमीशन चार्ज (fee cost) करता है। उसके अनुसार आप अपने अकाउंट में पैसे जमा कर सकते हैं। यहां पर कोई भी ब्रोकर मिनिमम चार्ज नहीं रखता है।
यह केवल किसी एक शेयर को खरीदने इतना पैसा होना चाहिए जिससे कि वह शेयर खरीद कर आपके डीमैट खाते में जमा हो शेयर मार्केट में निवेश कैसे किया जाता है जाए और उस शेयर की प्राइस के अनुसार राशि और कमीशन कट जाए।
निवेश करने के लिए दो महत्वपूर्ण तरीके
- पहला इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday buying and selling)
- दूसरा डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग (supply primarily based buying and selling)
इंट्राडे ट्रेडिंग(intraday buying and selling) में निवेशक शेयर बाजार की उतार चढ़ाव और फ्लकचुएशन (Fluctuation) को देखकर दिन का दिन में पैसा कमाना चाहते हैं। जिसे की इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday buying and selling) कहते हैं। इसमें आपको सौदा दिन के दिन में ही या बाजार बंद होने तक समाप्त करना होता है।
यदि आप शेयर खरीद रहे हैं तो वह शेयर आपको बाजार बंद होने तक वापस बेचना होता है। और आपको बीच का जो लाभ होता है वह मिल जाता है। यदि इसमें आपको हानि होती है तो जितनी हानि हुई है उतने पैसे ब्रोकर को देना होगा।
डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग
इस प्रकार की ट्रेडिंग वे लोग करते हैं , जो लंबे समय के लिए निवेश करते हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग (supply buying and selling) में निवेशक शेयर खरीदता है और वह अपने डिमैट अकाउंट (demat account) में उन्हें रखता है। जब उन शेयर का भाव ज्यादा बढ़ जाता है।