निवेश की रकम

एकमुश्त कैलकुलेटर: ऑनलाइन एकमुश्त निवेश योजना कैलकुलेटर का उपयोग करने का तरीका जानें
एकमुश्त निवेश कैलकुलेटर निवेशकों को एकमुश्त निवेश पर रिटर्न का अनुमान लगाने में सहायता करता है। एक को बस आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होती है और कैलकुलेटर दिए गए डेटा के आधार पर अनुमानित परिपक्वता मूल्य की गणना करेगा।
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EARN MONEY AND SAVINGS : चाहते हैं छोटी सी रकम को बड़ा बनाना, तो यहां करें निवेश, बनें करोड़पति
Earn Money and Saving Scheme : अगर आप भी स्मॉल सेविंग्स (Small Savings) के साथ शानदार रिटर्न और निवेश (Invest) की सुरक्षा के बारे में सोच रहे हैं, तो अब सोचना नहीं निवेश (Invest) करना शुरू कीजिए। वर्तमान समय में लोगों का आकर्षण शेयर बाजार (Share Market) की तरफ काफी देखा जा रहा है। हर कोई शेयर बाजार (Share Market) में निवेश (Invest) का इच्छुक है। शेयर मार्केट (Share Market) ने अपने निवेशकों (Investors) की किस्मत बदल दी है। इसके साथ ही कई निवेशकों (Investors) को शेयर मार्केट (Share Market) में घाटे का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि इसका कारण निवेशकों (Investors) का जिस कंपनी के शेयर (Share) खरीद रहे हैं, उसके बारे में जानकारी न रखना ही है। कई बार निवेशक (Investors) बिना उस कंपनी के बारे में जाने, बिना उसका रिटर्न हिस्ट्री चेक किए ही अपना पैसा निवेश (Invest) कर देते हैं। और इसके बाद उन्हें निराशा हाथ लगती है, उनका पैसा डूबने लगता है। अगर आप एक ऐसी जगह निवेश (Invest) करना चाहते हैं, जहां निवेश (Invest) की राशि सुरक्षित रहे और अच्छा रिटर्न मिले। तो आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ स्कीम के बारे में.
अगर आप स्मॉल सेविंग्स (Small Savings) के साथ शानदार रिटर्न और निवेश (Invest) की सुरक्षा के बारे में सोच रहे हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश (Invest) करने की एक खासियत भी है कि इसमें निवेश (Invest) करने पर निवेशक (Investors) को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ेगा। आपको बता दें कि इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत निवेशक (Investors) को 1.5 लाख रुपये तक के निवेश (Invest) रकम, ब्याज और स्कीम के मैच्योर हो जाने पर टैक्स से छूट दिया जाता है। इसके साथ ही निवेश की रकम इस योजना में निवेश (Invest) करने वाले निवेशक (Investors) को बेहतरीन ब्याज भी मिल रहा है। वर्तमान में (खबर लिखे जाने तक) निवेशकों (Investors) को इस योजना में निवेश (Invest) करने पर 7.1% का ब्याज मिलता है।
अगर आप स्मॉल सेविंग्स (Small Savings) के साथ शानदार रिटर्न और निवेश (Invest) की सुरक्षा के बारे में सोच रहे हैं, तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम (National Savings Certificate Scheme) भी आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है इस योजना में निवेश (Invest) की शुरुआत मात्र 100 रूपये निवेश की रकम से की जा सकती है। वहीं इस योजना में निवेश (Invest) की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम (National Savings Certificate Scheme) में भी निवेश (Invest) करने की एक खासियत भी है कि इसमें निवेश (Invest) करने पर निवेशक (Investors) को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ेगा। आपको बता दें कि इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत निवेशक (Investors) को 1.5 लाख रुपये तक के निवेश (Invest) रकम, ब्याज और स्कीम के मैच्योर हो जाने पर टैक्स से छूट दिया जाता है। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate Scheme) की मेच्योरिटी 5 साल होती है। इसके साथ ही इस योजना में निवेश (Invest) करने वाले निवेशक (Investors) को बेहतरीन ब्याज भी मिल रहा है। वर्तमान में (खबर लिखे जाने तक) निवेशकों (Investors) को इस योजना में निवेश (Invest) करने पर सलाना 6.8% का ब्याज (चक्र वृद्धि ब्याज) मिलता है।
स्मॉल सेविंग्स (Small Savings) के साथ शानदार रिटर्न और निवेश (Invest) की सुरक्षा के बारे में सोच रहे निवेशकों (Investors) के लिए किसान विकास पत्र Kisan Vikas Patra) भी काफी बेहतर साबित हो सकता है। इसके साथ ही इस योजना में निवेश (Invest) करने वाले निवेशक (Investors) को बेहतरीन ब्याज भी मिल रहा है। वर्तमान में (खबर लिखे जाने तक) निवेशकों (Investors) को इस योजना में निवेश (Invest) करने पर सालाना 6.9 % का ब्याज मिलता है। इसके साथ ही इस योजना के मैच्योर होने की अवधि 124 महीने है। इस योजना में न्यूनतम निवेश (Invest) राशि की सीमा 1,000 रुपये है। वहीं इसमें अधिकतम निवेश (Invest) राशि की कोई सीमा नहीं है। परंतु इस योजना में अन्य योजन की तरह टैक्स में छूट नहीं मिलता है।
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महिलाओं के लिए इनवेस्टमेंट टिप्स: अपने बचत के पैसों को कहां निवेश करें, जिससे मिले अच्छा रिटर्न और सुरक्षित भविष्य
पैसे कमाने के कई रास्ते हो सकते हैं, लेकिन एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसलिए अपनी पहली नौकरी शुरू करने के साथ ही निवेश के बारे में सोचना चाहिए। अगर आप होम मेकर हैं तो शादी के बाद आपको बचत और निवेश शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यही वो वक्त होता है जब खर्च के बाद आपके हाथ में कुछ पैसे बचते हैं। इस वक्त शुरू किया गया निवेश आपका और आपके पार्टनर का भविष्य सुरक्षित बना सकता है। इसलिए हम यहां इन्वेस्टमेंट के वो तरीके बता रहे हैं जो 20-35 साल की महिलाएं अपना सकती हैं.
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
चाहे आप कामकाजी महिला हों या होम मेकर, पब्लिक प्रोविडेंट फंड आपके लिए निवेश का अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें 15 साल तक निवेश करना होता है जिस पर सरकार 7.1% की ब्याज देती है। सालाना निवेश की राशि 500 से 1.5 लाख रुपए तक हो सकती है। इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है। इतना ही नहीं, इसमें निवेश की रकम पर टैक्स छूट भी ली जा सकती है। इसके अलावा इसमें मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है।
एक उदाहरण के जरिए इसके फायदे समझने की कोशिश करते हैं। अगर आप PPF खाते में हर महीने 5 हजार रुपए 15 साल तक जमा करती हैं। कुल जमा राशि होगी 9 लाख रुपए। इस पर 7.1% की दर से 7.27 लाख रुपए ब्याज मिलेगा। इस तरह मेच्योरिटी के बाद आपको कुल 16.27 लाख रुपए मिलेंगे।
2. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट सबसे सुरक्षित निवेश की स्कीम में से एक है। इसमें आप एक निश्चित रकम एक निश्चित समय के लिए निवेश कर सकती हैं। जिस पर 8% की दर से ब्याज मिलता है। स्कीम मेच्योर होने के बाद आपको पूरा पैसा मिल जाता है। ये स्कीम महिलाओं के लिए इसलिए अच्छी है क्योंकि एक निश्चित समय में आपकी बचत ब्याज समेत वापस मिल जाती है।
एक उदाहरण से समझते हैं। अगर आपने 1 लाख रुपए का नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पांच साल के लिए बनवाया तो मेच्योरिटी के बाद आपको 1.46 लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही आप इनकम टैक्स सेविंग भी कर सकती हैं।
3. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (FD)
फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम निवेश के साथ-साथ सेविंग का भी एक अच्छा विकल्प है। इसमें आपके खर्च के बाद जो भी रकम बचती है, उसकी आप FD करवा सकती हैं। अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग दर से ब्याज मिलता है। जरूरत पड़ने पर मेच्योरिटी से पहले भी एफडी तोड़ी जा सकती है। इसे किसी भी बैंक में खोला जा सकता है।
उदाहरण से समझते हैं। अगर आपने 5 साल के लिए 1 लाख रुपए की एफडी करवाई है, तो 6.5% की सालाना ब्याज दर से आपको पांच साल बाद 1.38 लाख रुपए मिलेंगे। ये निवेश का सुरक्षित विकल्प है।
4. म्यूचुअल फंड्स
अब बात करते हैं निवेश के एक ऐसे विकल्प की जिसमें थोड़ा रिस्क है, लेकिन रिटर्न भी ज्यादा है। म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में सीधा निवेश नहीं होता। इसमें आप फंड मैनेजर के जरिए निवेश करती हैं। आप सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए थोड़ा-थोड़ा पैसा भी म्यूचुअल फंड में डाल सकती हैं। आप अपने मोबाइल पर ऐप्लिकेशन डाउनलोड करके म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकती हैं।
इस निवेश पर होने वाले प्रॉफिट में से म्यूचुअल फंड कंपनी अपनी फीस काट कर बाकी रकम आपको दे देती है। म्यूचुअल फंड्स की कई अलग-अलग स्कीम्स मार्केट में उपलब्ध हैं, जैसे- डेब्ट फंड्स, इक्विटी फंड्स, बैलेंस्ड फंड्स आदि। म्यूचुअल फंड में होने वाला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है। इसमें आपको इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है।
5. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सोने में निवेश के कई विकल्प हो सकते हैं। मसलन- गहने, सोने के सिक्के, गोल्ड बुलियंस वगैरह। लेकिन इन सबमें सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। इस सरकारी स्कीम में निवेश से रिस्क बेहद कम हो जाता है और बेफिक्र होकर रिटर्न हासिल कर सकती हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को रिजर्व बैंक जारी करता है इसलिए इसकी शुद्धता को लेकर कोई झंझट नहीं होता।
गोल्ड बॉन्ड पर आपको सालाना 2.50% ब्याज मिलता है। गोल्ड बॉन्ड के मेच्योर होने पर उस वक्त बाजार में सोने की जो कीमत होती है, उस पर आप बेच सकती हैं। इसकी खासियत ये है कि फिजिकल सोने की तरह इसके स्टोरेज की चिंता नहीं करनी होती।
Bank FD में भी होते हैं कई रिस्क, 100% रकम नहीं है सेफ, निवेश करने से पहले जरूर जान लें ये बातें
Zee Business हिंदी 2 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम
Bank FD को निवेश का एक पारंपरिक जरिया माना जाता है. तमाम लोग आज भी जितना भरोसेमंद फिक्स्ड डिपॉजिट की स्कीम को मानते हैं, उतना किसी को नहीं मानते. एफडी मार्केट के जोखिम से मुक्त होती है और इसमें आपको एक निश्चित रिटर्न मिलता है. ये सच है कि मार्केट की तुलना में एफडी काफी सुरक्षित है, लेकिन एफडी में भी पैसा 100 फीसदी सेफ नहीं होता है. एफडी पर भी कुछ रिस्क फैक्टर्स और ड्रॉबैक्स होते हैं जिनके बारे में तमाम लोग नहीं जानते हैं. आइए आपको बताते हैं.
5 लाख तक का डिपॉजिट ही सुरक्षित
अगर आपको लगता है कि एफडी पर आपकी रकम पूरी तरह से सुरक्षित रहती है, तो ऐसा नहीं है. अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफॉल्ट कर जाए, तो निवेशकों का सिर्फ 5 लाख तक का डिपॉजिट ही सेफ रहता है. इसका कारण है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपए तक की ही इंश्योरेंस गारंटी देता है. यानी बैंक के दिवालिया होने या बैंक के डूबने की स्थिति में अकाउंट होल्डर को केवल 5 लाख तक की ही रकम मिलेगी, भले ही अकाउंट होल्डर के 10 लाख रुपए बैंक में जमा हों.
लिक्विडिटी की समस्या
बैंक एफडी में लिक्विडिटी का इश्यू होता है. अगर आप एफडी को समय से पहले तुड़वाते हैं तो इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी पड़ती है. एफडी पर क्या पेनल्टी अमाउंट होगा, ये बैंकों में अलग अलग हो सकता है. अगर आपने कोई टैक्स सेविंग एफडी में निवेश किया हुआ है, तो आप इसको 5 साल की अवधि से पहले भी निकाल सकते हैं. लेकिन इस स्थिति में आपको टैक्स में छूट नहीं मिल पाती है.
रीइन्वेस्टमेंट में नुकसान की आशंका
एफडी पर मिलने वाला ब्याज बढ़ता और घटता रहता है, ऐसे में अगर आपने रीइन्वेस्टमेंट का विकल्प चुना है तो आपकी रकम टेन्योर पूरा होने के बाद अपने आप फिर से रीइन्वेस्ट हो जाएगी. लेकिन ऐसे में अगर ब्याज दरें और घट गईं तो आपको निवेश की रकम भी अमाउंट पर घटा हुआ ब्याज ही मिलेगा यानी आपका रिटर्न पहले से कम होगा.
इस स्थिति में पाबंदी का रिस्क
सभी बैंकों की हर गतिविधि पर आरबीआई अपनी नजर बनाकर रखता है. अगर किसी भी बैंक के फाइनेंशियल्स में गड़बड़ी मिलती है, तो रिजर्व बैंक उस पर पाबंदी लगा सकता है. ऐसे में डिपॉजिटर्स का पैसा भी होल्ड होने का खतरा रहता है. इस स्थिति में निवेशक को रकम वापस मिलने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है और नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.