डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए?

डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए?
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गिल्ट फंड कैसे काम करते हैं? क्या इस फंड में किसे निवेश करना चाहिए?
सेबी के नियमों के मुताबिक गिल्ट फंडों को अपने एसेट का कम से कम 80 फीसदी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना जरूरी है.
- Paurav Joshi
- Publish Date - August 1, 2021 / 01:39 PM IST
गिल्ट फंड को इक्विटी फंड्स या लिक्विड फंड्स की तुलना में बेहतर एसेट क्वालिटी में निवेश करने के लिए जाना जाता है
अक्सर आपने डेट फंड का जिक्र सुना होगा. इसके साथ ही आपने गिल्ट फंड (Gilt Funds) का भी नाम सुना होगा. गिल्ट फंड डेट फंड्स की एक कैटेगरी होती है. गिल्ट फंड स्कीम सरकारी सिक्योरिटी में निवेश करती है. सेबी के नियमों के मुताबिक गिल्ट फंडों को अपने एसेट का कम से कम 80 फीसदी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना जरूरी है.
गिल्ट फंड कितने तरह के होते हैं?
लघु अवधि के म्यूचुअल फंड – इस के तहत अल्पकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है, जो बहुत कम अवधि की होती हैं. सामान्यतः ये म्यूचुअल फंड अगले 15-18 महीनों में परिपक्व हो जाते हैं.
दीर्घ अवधि के म्यूचुअल फंड– इसके तहत दीर्घकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है. इनकी परिपक्वता अवधि 5 साल से 30 साल तक होती है. गिल्ट फंडों में सरकारी प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि जितनी अधिक होती है, उतनी ही अधिक ब्याज दर में बदलाव की संभावना होती है.
गिल्ट फंड कैसे काम करते हैं?
चूंकि गिल्ट फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है. यह मध्यम और दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, इसलिए गिल्ट फंड का फंड मैनेजर इन प्रतिभूतियों में निवेश करता है. परिपक्वता पर निवेशक को निवेशित पूंजी के साथ-साथ ब्याज मिलता है. निवेशक गिल्ट फंड का अच्छी तरह लाभ ले सकते हैं, क्योंकि इसमें पूंजी का कोई जोखिम नहीं होता है. इस तरह गिल्ड फंड कम जोखिम वाला निवेश विकल्प है, जिसमें मध्यम रिटर्न मिलता है.
गिल्ट फंड में किसे निवेश करना चाहिए?
गिल्ट फंड कम जोखिम वाली डेट प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, इसलिए यह ऐसे निवेशकों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प होता है, जो पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं और सुरक्षित विकल्प की चाह रखते हैं. गिल्ट फंड, बॉन्ड फंड से अलग होते हैं, क्योंकि बॉन्ड फंड मुख्य रूप से कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, जबकि गिल्ट फंड जी-सेक जैसी उच्च क्रेडिट रेटिंग वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. गिल्ट फंड सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को पूंजीगत जोखिम का सामना न करना पड़े तथा मध्यम रिटर्न भी मिलता रहे. गिल्ट फंड को इक्विटी फंड्स या लिक्विड फंड्स की तुलना में बेहतर एसेट क्वालिटी में निवेश करने के लिए जाना जाता है. इसीलिए गिल्ट फंड उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो जोखिम मुक्त निवेश की तलाश कर रहे हैं या उच्च गुणवत्ता वाली डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना चाहते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
गिल्ट फंडों में तभी निवेश करें जब आप ब्याज दरों पर नजर रखने में सक्षम हों. आपको पता होना चाहिए कि स्कीम से कब एग्जिट करना है और कब इसमें एंट्री करना है. चूंकि डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का बॉन्ड पर बहुत फर्क पड़ता है.इसलिए गिल्ट फंड में निवेश के मामले में काफी सावधानी डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? की जरूरत है.
जोखिम से दूर रह करना चाहते हैं कमाई, जानिये क्या है आपके लिये सबसे अच्छा विकल्प
डेट ऐसे लोगों के लिए बेहतर विकल्प होते हैं जो अपने पोर्टफोलियो में बाजार के जोखिम को नहीं शामिल करना चाहते.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Apr 02, 2022 | 7:04 AM
27 साल के प्रोफेशनल आशीष मेहता पिछले 5 साल से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में पैसा लगा रहे हैं. नौकरी की शुरुआत के वक्त से ही इक्विटी (equity) फंड में SIP के जरिए 3,000 रुपए महीने लगा रहे हैं. उन्हें पूरा भरोसा है कि जिस अनुशासन के साथ वे पैसा लगा रहे हैं और जैसे बाजार ऊपर भाग रहा है, वे अपने टारगेट को आसानी से हासिल कर पाएंगे. हालांकि, एक कॉलेज में प्रोफेसर उनकी मां शारदा पुराने जमाने के निवेश साधनों में निवेश करती हैं. उन्हें तो बैंकों के एफडी (Fixed Deposit), आरडी पसंद आते हैं. एक दिन दोनों में इस बारे में खूब बहस हुई.
डेट फंड में जोखिम कम रिटर्न ज्यादा
आशीष ने पूछा कि आखिर वह आरडी जैसी योजनाओं में पैसा क्यों लगाती हैं. तो उनकी मां ने बताया कि एक तो आरडी में पैसा मिलने की गारंटी है और दूसरे हर महीने अपने आप एक निश्चित रकम कट जाती है. इससे उन्हें किसी तरह का झंझट नहीं होता. अब आशीष ने डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? उन्हें बताया कि वे म्यूचुअल फंड्स में भी पैसा लगा सकती हैं. रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा और पैसा सेफ भी है. आशीष ने बताया कि आपको तो डेट फंड में पैसा लगाना चाहिए. रही बात, हर महीने निवेश के सुविधा की तो मैं देखता हूं कि डेट फंड में क्या ऐसा संभव है. आशीष ने उन्हें बताया कि कई म्यूचुअल फंड हाउस डेट में भी SIP की सुविधा देते हैं. यानी उनकी मां SIP के जरिए डेट फंड्स में पैसा लगा सकती हैं. अब उनकी मां ने सवाल उठाया कि क्या डेट में SIP से पैसा लगाना ठीक है या नहीं?
SIP निवेश का बेहतर विकल्प
म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीम्स में SIP गुजरे कुछ वक्त में काफी पॉपुलर हुई हैं. इसमें शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में फायदा मिलता है क्योंकि पूरी लागत की एवरेजिंग हो जाती है और छोटी-छोटी यूनिट्स में निवेश होता है. जब बाजार बढ़ता है तो निवेशकों को कीमतों में बढ़त का फायदा मिलता है. बाजार में उतार-चढ़ाव वाले दौर में SIP को बेहतरीन विकल्प माना जाता है. अब सवाल ये भी डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? है कि क्या डेट जैसे साधनों में रुपये की कॉस्ट एवरेजिंग का फॉर्मूला लागू होगा, जबकि इनमें उतार-चढ़ाव कम होता है? इक्विटी मार्केट की तरह डेट मार्केट में भी अपने तरह का उतार-चढ़ाव होता है. ब्याज दरों के घटने और बढ़ने से बॉन्ड की कीमतों में गिरावट आती है, हालांकि लंबी अवधि में ये असर ज्यादा बड़ा नहीं होता है. जो लोग कम रिस्क चाहते हैं उनके लिए अपनी हर महीने की सेविंग्स को SIP के जरिए लगाना एक सही विकल्प है.
जोखिम नहीं पसंद तो डेट में लगायें रकम
डेट फंड में SIP के जरिए निवेश करने से आपको आसान तरीके से FD या RD के जैसा रिटर्न मिलेगा. हां, इसमें एक प्लस पॉइंट यह है कि आपको बैंक FD के मुकाबले टैक्स भी कम देना होगा. अब आपको बताते हैं कि इस बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है. GCL सिक्योरिटीज के वाइस चेयरमैन रवि सिंघल कहते हैं कि डेट ऐसे लोगों के लिए बेहतर विकल्प होते हैं जो अपने पोर्टफोलियो में बाजार के जोखिम को नहीं शामिल करना चाहते. निवेशकों को ऐसे डेट फंड लेने चाहिए जो कि SIP के लिहाज से बेहतर हों. लॉन्ग-टर्म के होराइजन के हिसाब से देखें तो डायनेमिक बॉन्ड फंड, गिल्ट फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड आदि SIP के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं. तो आशीष की राय से उनकी मां भी अब राजी होती दिख रही हैं…उन्हें भी लग रहा है कि डेट फंड में तो SIP के जरिए पैसा लगाना ही सबसे सही है.
इन म्यूचुअल फंड्स स्कीम में पैसा लगाने वालों पर गहराया संकट, अब क्या करें निवेशक
अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले दो महीने से एक खास स्कीम मे . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated :डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? May 11, 2019, 08:41 IST
अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? क्योंकि पिछले दो महीने से एक खास स्कीम में पैसा लगाने वाले निवेशक लगातार अपने वित्तीय सलाहकार को फोन कर रहे हैं या फिर इसको लेकर उनसे सलाह मांग रहे हैं. ये फंड्स स्कीम डेट म्यूचुअल फंड की है. इसमें पैसा लगाने वाले निवेशकों की इन दिनों नींद उड़ी है, क्योंकि इस समय डेट फंड्स को लेकर लगातार निगेटिव खबरें आ रही है. इस पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डेट फंड का संकट की शुरुआत IL&FS से हुई है. इसमें कई डेट म्यूचुअल फंडों का पैसा फंस गया. कंपनी इनका पैसा लौटाने में डिफॉल्ट कर गई. फिर डीएचएफएल का संकट सामने आया. इसके बाद जी ग्रुप की कंपनियों और रिलायंस कैपिटल डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? से जुड़ी कंपनियों ने पेमेंट को अटका दिया. इस कड़ी में सबसे नया नाम यस बैंक का है. आइए जानें अब क्या डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? करें निवेशक.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मौजूदा स्थितियों से अगर जरूरत से ज्यादा परेशान हैं तो आप डेट म्यूचुअल फंड बेच सकते हैं. एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि उन डेट स्कीमों की पहचान करें जो आपके लिए संकट पैदा कर सकती हों. उदाहरण के लिए कुछ एफएमपी के साथ संकट हो सकता है. लेकिन, आप इनके बारे में तब तक कुछ ज्यादा नहीं कर सकते हैं जब तक इनकी मैच्योरिटी का समय नहीं आ जाता है. इस तरह आप केवल इंतजार कर सकते हैं. (ये भी पढ़ें-शेयर बाजार में गिरावट आने पर अगर हुआ म्यूचुअल फंड SIP में घाटा, अब तुरंत करें ये काम)
>> सेबी के वर्गीकरण के बाद निवेशकों के लिए स्कीमों से जुड़े जोखिम के प्रकार को समझना बहुत आसान हो गया है. निवेशकों को अपनी स्कीमों को देखना चाहिए. साथ ही इनसे जुड़े जोखिम को समझना चाहिए.
डेट फंड्स क्या होते हैं- डेट फंड ऐसे म्युचुअल फंड हैं जो निवेशकों का पैसा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं. डेट इंस्ट्रूमेंट्स से मतलब - कॉल मनी, बॉन्ड, डिबेंचर्स, सरकारी सिक्योरिटीज, डिपॉजिट सर्टिफिकेट और कमर्शियल पेपर हैं. अलग अलग फाइनेंशियल लक्ष्यों के मुताबिक अलग अलग डेट फंड होते हैं. (ये भी पढ़ें-5000 रुपये लगाकर 49 लाख रुपये कमाने का तरीका! ऐसे करें शुरुआत)
डेट फंड कितनी तरह के होते हैं- डेट फंड कई तरह के होते हैं जैसे लिक्विड फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड, शॉर्ट टर्म फंड, गिल्ट फंड, इनकम फंड, क्रेडिट ऑप्युर्चनिटी फंड, मंथली इनकम प्लान और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान.
लिक्विड फंड्स किसे कहते हैं- बहुत कम वक्त के लिए निवेश करने वाले फंड लिक्विड फंड कहलाते हैं और लिक्विड फंड को मनी मार्केट फंड भी कहा जाता है. लिक्विड फंड में कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते तक के लिए निवेश संभव होता है और अगर कुछ ज्यादा पैसा आ गया तो उसे इस फंड में शिफ्ट किया जा सकता है. इन फंड में कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है.
लिक्विड फंड से रकम तुरंत बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है और इन फंड्स में बहुत थोड़े वक्त के लिए निवेश कर सकते हैं. ये फंड बहुत कम वक्त की सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं और इन सिक्योरिटीज में रकम डूबने का रिस्क ना के बराबर होता है. इनमें निवेश सबसे सुरक्षित लेकिन रिटर्न भी कम होता है.
अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स किसे कहते हैं- अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में कुछ हफ्ते से 3 महीने तक निवेश संभव होता है और लिक्विड फंड के मुकाबले अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में रिस्क ज्यादा होता है. दूसरे लॉन्ग टर्म फंड के मुकाबले कम रिस्क होता है और ये एफडी से ज्यादा रिटर्न देते हैं.
ये फंड उन निवेशकों के लिए जो अपना पैसा कुछ महीनों के लिए निवेश करना चाहते हैं. ये फंड अपना पोर्टफोलियो थोड़े पीरियड के लिए डेट इस्ट्रूमेंट में रखते हैं और ये फंड सरकारी सिक्योरिटीज, डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स, कंपनियों और दूसरे फाइनेंस इंस्टिट्यूशंस में डिपॉजिट करते हैं.
शॉर्ट टर्म फंड्स क्या होते हैं- शॉर्ट टर्म फंड थोड़े ज्यादा वक्त के निवेश के लिए होते हैं और शॉर्ट टर्म फंड में आमतौर पर 3 महीने से डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? 1 साल तक के लिए निवेश करते हैं.
ये फंड 1 साल या कुछ ज्यादा में मैच्योर हो जाते हैं. इसमें सरकारी डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? सिक्योरिटीज और कंपनियों के कमर्शियल पेपर में निवेश किया जाता है और ब्याज दरों में बदलाव की वजह से लिक्विड और अल्ट्रा शॉर्ट टर्म के मुकाबले ज्यादा रिस्क होता है. शॉर्ट टर्म फंड्स ज्यादा रिस्क उठाने वाले निवेशकों के लिए बेहतर फंड होते हैं.
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