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Bitcoin Trader क्या है

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क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.

क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Jan 10, 2022 | 2:48 PM

Cryptocurrency Exchange Explained: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लोग यह समझते हुए करते हैं कि इसमें उन्हें छोटी अवधि में बड़ा रिटर्न मिलेगा. यह जोखिम भरा भी है क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का सबसे आसान और सीधा तरीका इसकी ट्रेडिंग (खरीदना और बेचना) का है. आप किसी भी क्रिप्टो क्वॉइन जैसे बिटक्वॉइन, Ethereum, Dogecoin, Cadence आदि की ट्रेडिंग कर सकते हैं. इन्हें ऑनलाइन एक्सचेंज के जरिए किया जाता है, जहां निवेशक अकाउंट को खोल और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप डिजिटल और रुपये या डॉलर के बदले एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं और इनमें एक कमीशन या ट्रांजैक्शन फीस ली जाती है. CoinDCX, CoinSwitch Kuber, और UnoCoin भारत में मौजूद कुछ ऑनलाइन एक्सचेंज के उदाहरण हैं. एक निवेशक ऑनलाइन एक्सचेंज का क्रिप्टो क्वॉइन्स को वापस रुपये या डॉलर में बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद वे अपने बैंक अकाउंट से राशि को विद्ड्रॉ कर सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कैसे काम करता है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी के खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी या ब्रोकरेज कंपनी की तरह काम करता है. इसके जरिए खरीदार कई तरीकों का इस्तेमाल करके पैसे जमा करा सकता है जैसे सीधे बैंक से ट्रांसफर, यूपीआई, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना आदि. इसकी सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर एक कमीशन या फीस तय की गई है.

जो पहली चीज खरीदार या निवेशक को करनी होती है, वह है कि सही ऑनलाइन एक्सचेंज को खोजना. इसके लिए प्लेटफॉर्म के इतिहास, विश्वसनीयता और यह ट्रेडिंग के लिए आपको क्या बेनेफिट्स देगा, ये शामिल हैं. इसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है, जो बेहद आसान है.

आपको एक्सचेंज को चुनकर उसके ऐप को डाउनलोड करना और अकाउंट बनाना है. यह आपसे कुछ जानकारी जैसे ईमेल एड्रेस के लिए पूछेगा. फिर, उस ईमेल एड्रेस पर एक वेरिफिकेशन ईमेल भेजा जाएगा और केवाईसी डिटेल्स भी पूछी जा सकती हैं. अपनी ईमेल आईडी पर एड्रेस को वेरिफाई करें और केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर लें. इसके बाद ऐप पर पासवर्ड लगाएं और आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए तैयार हैं.

ऐप, वॉलेट या एक्सचेंज से जुड़ा कोई पासवर्ड नहीं खोएं. इसे बाद में रिकवर नहीं किया जा सकता है.

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ

Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)

दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.

कब हुई थी बिटकॉइन की शुरुआत? (History of Bitcoin)
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई. कई देशों में इस वर्चुअल करंसी में ट्रेडिंग (Virtual Currency trading) को लीगल माना गया और बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती गई. मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 18000 डॉलर के पार निकल चुकी है. यह एक तरह की डिजिटल करंसी (Digital Currency) है. इसकी शुरुआत सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के शख्स ने की थी. भारत में भी गुपचुप तरीके से बिटकॉइन ट्रेडिंग (Bitcoin me trading kaise karein) की जा रही है. हालांकि, सरकार ने अब तक इसे लेकर नीतियां नहीं बनाई हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट से इसकी मंजूरी मिल चुकी है.

कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.

बिटकॉइन का भी है एक्सचेंज (Bitcoin cryptocurrency trading exchange)
Kraken के जरिए बिटकॉइन में ट्रेडिंग (Bitcoin trading) की जा सकती है. यह क्रिप्टोकरंसी का एक्सचेंज (Cryptocurrency exchange) है. जिसे 2011 में बनाया गया था. इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है. इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है. अकाउंट वेरिफाइ (Account verification) होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं. ट्रेडिंग के लिए चार्ट (Bitcoin trading chart) मौजूद होता है, जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है. आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर (How to order bitcoin) देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं. बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है. इन्वेस्टमेंट के हिसाब से लोगों को ये काफी लुभावना लगता है.

खरीद-फरोख्त की नहीं होती कोई जानकारी (Bitcoin investment details)
बिटकॉइन (Bitcoin) के लेनदेन का एक लेजर बनाया जाता है. दुनिया में लाखों व्यापारी भी बिटकॉइन से लेनदेन करते हैं. हालांकि, किसी भी केंद्रीय बैंक ने अभी इसको मान्यता नहीं दी है. अमेरिका की कई दिग्गज कंपनियां भी बिटकॉइन को स्वीकार करती हैं. इंटरनेट की दुनिया में इसकी खरीद-फरोख्त कराने वाले कई एक्सचेंज हैं. इंटरनेट की कई वेबसाइट और ऐप के माध्यम से इसकी खरीद-फरोख्त होती है. इसमें खरीद-फरोख्त करने वालों की जानकारी छुपी रहती है.

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क्या है बिटकॉइन का नुकसान? (Disadvantage of Bitcoin)
बिटकॉइन करेंसी से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी. इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते Bitcoin Trader क्या है हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल Bitcoin Trader क्या है करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

क्रिप्टो व्यापार करना सीखें

Learn to Trade Crypto

निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को पसंद हैं क्योंकि वे बहुत अस्थिर हैं और यदि बाजार में सही ढंग से समय बद्ध हैं, तो ट्रेडिंग क्रिप्टो मुद्राएं पारंपरिक निवेशों की तुलना में बहुत अधिक रिटर्न ला सकती हैं। यह मत भूलो कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अपनी अस्थिर प्रकृति के कारण जोखिम भरा और लाभदायक दोनों है। वैसे हेजिंग या डाइवर्सिंग से रिस्क कम किया जा सकता है.

क्रिप्टो मुद्रा व्यापार एक सीएफडी ट्रेडिंग खाते के माध्यम से किया जा सकता है या एक्सचेंज के माध्यम से आधार सिक्के खरीदने और बेचने के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टो मुद्रा सीएफडी ट्रेडिंग व्यापारियों को अंतर्निहित सिक्कों के मालिक बनने के बिना क्रिप्टो मुद्राओं के मूल्य आंदोलनों पर अनुमान लगाने की अनुमति देता है.

व्यापारी लंबे या छोटे हो सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य में वृद्धि या गिरावट आएगी। क्रिप्टो मुद्रा CFDs को उत्तोलन के साथ कारोबार किया जा सकता है, हालांकि लाभ या हानि की गणना अभी भी आपके पूर्ण स्थिति आकार के अनुसार की जाती है, इसलिए उत्तोलन लाभ और हानि दोनों को बढ़ाता.

जैसा कि आप देख सकते हैं, क्रिप्टो मुद्राओं का व्यापार करना काफी मुश्किल है.

लेकिन यह उतना कठिन नहीं है जितना कि यह ध्वनि हो सकता है.
लेट देखें कि यह कैसे काम करता है

क्रिप्टो मुद्रा व्यापार के बारे में जानें

क्रिप्टो करेंसी के साथ व्यापार करना सीखना भ्रमित हो सकता है। आइए देखें कि क्या हम आपको क्रिप्टो के साथ अधिक आरामदायक व्यापार महसूस करने में मदद करने के लिए मूल बातें तोड़ सकते हैं.

जैसा कि हमने पहले कहा था कि क्रिप्टो मुद्रा के साथ कोई भी व्यापार जोखिम का एक बड़ा सौदा के साथ आता है, क्योंकि यहां तक कि अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो मुद्राओं की अस्थिरता काफी अप्रत्याशित हो सकती है, जो एक जोखिम है जिसे प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन हम इसके बारे में एक और लेख में बात करेंगे.

नोट: हमेशा उतना ही निवेश करें जितना आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं, और अधिक नहीं

क्रिप्टो मार्केट क्या है? यह शेयर बाजार से कैसे अलग है? (What Is A Crypto Market? How Is It Different From the Stock Market?)

वर्तमान परिदृश्य में क्रिप्टो बाजार प्रचलन में है। ज्यादा लाभ के कारण कई लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में गहरी रुचि दिखाई है। क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग सीएफडी (CFD) अकाउंट के माध्यम से क्रिप्टो की कीमतों में उतार चढ़ाव या क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री का अनुमान लगाता है। क्रिप्टोकरेंसी बाजार अत्यधिक अस्थिर होता है। इस अस्थिरता के कारण ही इसकी तुलना अक्सर शेयर बाजारों से की जाती है। अक्सर लोग इन दोनों के बीच का अंतर नहीं समझ पाते।

लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमने आपको कवर कर लिया है! यहां शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट के बीच के अंतर पर एक विस्तृत गाइड दी गई है, इसलिए अगली बार जब आपके मित्र आपके साथ क्रिप्टो के बारे में बात करेंगे तो आपके पास भी अपने विचार होंगे। पढ़ते रहें!

क्रिप्टो बाजार क्या है?

आइए हम आपको बुनियादी बातें बताते हैं। बाजार एक ऐसी जगह है जहां माल का व्यापार, खरीद और बिक्री होती है। तो यह सीधी सी बात है कि क्रिप्टो बाजार एक ऐसा बाजार है जहां क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार किया जाएगा। हालांकि, यह थोड़ा अलग है। ये वास्तव में भौतिक रूप से नहीं होते। वे केवल आपकी स्क्रीन पर मौजूद होते हैं और ब्लॉकचेन पर संचालित होते हैं।

क्रिप्टो नेटवर्क विकेंद्रीकृत होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे सरकार जैसे किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा प्रशासित या समर्थित नहीं होते। बल्कि, वे कंप्यूटर के नेटवर्क पर चलते हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के माध्यम से खरीदा और बेचा जा सकता है। उन्हें ‘वॉलेट’ में भी स्टोर किया जा सकता है, आप WazirX पर इन दोनों का लाभ उठा सकते हैं।

पारंपरिक मुद्राओं के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी केवल एक ब्लॉकचेन पर संग्रहीत स्वामित्व के साझा डिजिटल रिकॉर्ड के रूप में होती है। जब कोई उपयोगकर्ता किसी अन्य उपयोगकर्ता को क्रिप्टोकरेंसी क्वाइंस भेजना चाहता है, तो वे इसे उनके डिजिटल वॉलेट में भेज देते हैं। लेन-देन को तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक कि इसे माइनिंग के माध्यम से ब्लॉकचेन में सुनिश्चित और संवर्धित नहीं किया जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग नए क्रिप्टोकरेंसी टोकन बनाने के लिए भी किया जाता है।चूंकि हम कई बार ब्लॉकचेन का जिक्र कर रहे हैं, आपके मन में ये सवाल उठ सकता है कि यह ब्लॉकचेन वास्तव में क्या है? क्या आपको लेगो ब्लॉक्स याद हैं जिनके साथ आप बचपन में खेलते थे? उन्हें आपस में जोड़कर आप टावर कैसे बनाते थे?

ब्लॉकचेन भी काफी हद तक यही काम करता है। बस इस मामले में, लेगो ब्लॉक के बदले डेटा के ब्लॉक का उपयोग किया जाता है। ब्लॉकचेन ‘ब्लॉक’ में लेन-देन का दस्तावेजीकरण करता है और चेन के सामने नए ब्लॉक को जोड़ देता है।

पहले यह माना जाता थाकि कि क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों और मनी लॉन्ड्रिंग के उपयोग के लिए थी लेकिन अब स्थिति काफी बदल चुकी है। आज यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी गेमिंग उद्योग, मीडिया और यहां तक ​​कि स्वास्थ्य सेवा में भी क्रांति ला सकती है।

हालांकि, क्रिप्टो बाजार शेयर बाजार से काफी अलग है। यदि आप क्रिप्टो बाजार में नौसिखिया हैं, लेकिन स्टॉक में काफी अनुभवी हैं, तो यह आपके लिए एक कठिन क्षेत्र हो सकता है। स्टॉक और क्रिप्टो के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि इनका मूल्यांकन कैसे किया जाता है। स्टॉक को वैध कंपनियों द्वारा समर्थित किया जाता है जिनसे लाभ कमाने की उम्मीद की जाती है। वे अपने मूल्यांकन के हिस्से के रूप में भौतिक संपत्ति को शामिल करते हैं। वास्तव में, यदि आप गणित में अच्छे हैं तो आप शेयरों की कीमत का अनुमान लगा सकते हैं।

दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी ज्यादातर मामलों में संपत्ति द्वारा समर्थित नहीं होती हैं। उनका अनुमान ज्यादातर उनके प्रचार के आधार पर लगाया जाता है, हालांकि कुछ को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर भी मूल्य वृद्धि मिलती है। नतीजतन, यह एक अधिक व्यक्तिपरक मूल्यांकन है। इसलिए, यह भविष्यवाणी करना हमेशा आसान नहीं होता है कि कोई विशेष मुद्रा इसके लायक है या नहीं।

शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट में अंतर

ऊपर बताए गए मूल्यांकन में अंतर के अलावा, दोनों बाजारों के बीच कई अन्य मूलभूत अंतर हैं। आइए उनकी चर्चा करें।

#1 विकेंद्रीकृत बनाम केंद्रीकृत एक्सचेंज

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत होते हैं, जबकि स्टॉक केंद्रीकृत संरचना के तहत होते हैं। इसका मतलब है कि क्रिप्टो संचालन और लेनदेन किसी केंद्रीय बैंक या किसी अन्य केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होते। यह विकेंद्रीकरण क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं को अत्यधिक पारदर्शिता और नियंत्रण प्रदान करता है। हालांकि, स्टॉक और क्रिप्टो द्वारा अर्जित लाभ कर के अधीन होते हैं।

इस अनियमित प्रकृति का एक नुकसान यह है कि क्रिप्टो बाजार में धोखाधड़ी का खतरा अधिक हो सकता है। भारत में शेयर बाजार केंद्रीकृत विनियमन के तहत काम करता है। यह कुप्रबंधन और धोखाधड़ी को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित होता है।

#2 अस्थिरता

स्टॉक और क्रिप्टोकरेंसी दोनों को कभी-कभी एक जैसा माना जाता है क्योंकि ये बाजार परिवर्तन के अधीन होते हैं। हालांकि, उनकी अस्थिरता बहुत अलग होती है। क्रिप्टो एक्सचेंज एक अत्यधिक आकर्षक ट्रेडिंग विकल्प है क्योंकि उभरते बाजार के कारण इसमें ज्यादा जोखिम होता है।

यह क्रिप्टो बाजार को बेहद अस्थिर बनाता है और इसके कारण त्वरित और उच्च लाभ भी होता है। इसकी तुलना में, शेयर बाजार अत्यधिक स्थिर, कुछ अर्थों में पारंपरिक भी होता है और विविध व्यापारिक विकल्प प्रदान करता है। शेयर बाजार में निवेश पर लाभ का अनुमान करना अपेक्षाकृत आसान होता है।

#3 लाभ को नियंत्रित करने वाले कारक

शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट दोनों ही मांग और आपूर्ति द्वारा नियंत्रित होते हैं। हालांकि, इस मांग और आपूर्ति को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अलग-अलग होते हैं। शेयर बाजार राजनीतिक स्थिति, स्टॉक से संबंधित कंपनी के बारे में समाचार, प्राकृतिक आपदाओं आदि द्वारा प्रभावित होता है।

दूसरी ओर, क्रिप्टो की कीमतें आम तौर पर इसकी चर्चा द्वारा नियंत्रित होती हैं। हम आपको एक निष्पक्ष चेतावनी दें, कि यह एलोन मस्क के ट्वीट की तरह साधारण भी हो सकता है। कभी-कभी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव इसकी कार्यक्षमता पर भी निर्भर करता है।

निष्कर्ष

स्वाभाविक Bitcoin Trader क्या है रूप से, लोग अपने पैसे को बढ़ाने के लिए एक अच्छे स्रोत में निवेश करना चाहते हैं। सभी तरह के निवेश विकल्प में कुछ निश्चित जोखिम होते ही हैं। हालांकि, प्रत्येक निवेश अस्थिरता के मामले में भिन्न होता है, और कुछ बड़े पैमाने पर आर्थिक आघात को आसानी से झेल सकते हैं।

इसी कारण, क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार 21 वीं सदी में शीर्ष निवेश विकल्प के रूप में उभरे हैं। इसने क्रिप्टो मार्केट बनाम शेयर बाजार पर एक बड़ी बहस को प्रेरित किया है। कोई भी अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, दोनों में से किसी में या दोनों में निवेश करना चुन सकता है। आप कई लोकप्रिय क्रिप्टो एक्सचेंजों को देखकर क्रिप्टो में सुरक्षित रूप से निवेश कर सकते हैं, WazirX उनमें से एक है।

अन्य लेख:

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

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