बाजार का लगातार अध्ययन

Marker Biggest Wealth Creators: जानिए किन दिग्गज शेयरों को आपने खरीदा होता तो 5 साल में 10 बाजार का लगातार अध्ययन लाख रुपये बन गए होते 1.7 करोड़!
Market Biggest Wealth Creaters: किसी ने निवेशक ने10 सबसे तेज गति से संपत्ति बढ़ाने वाली कंपनियों का शेयर खऱीदा होता तो 2021 में 10 लाख रुपये 77 फीसदी के दर से बढ़कर 1.7 करोड़ रुपये हो गया होता.
By: ABP Live | Updated at : 15 Dec 2021 03:47 PM (IST)
Edited By: manishkumar
Market Biggest Wealth Creaters: अडानी समूह ( Adani Groups) की बाजार का लगातार अध्ययन कंपनी अडानी ट्रांसमिशन ( Adani Trasmission) ने सबसे तेज गति से निवेशकों को पैसे कमाकर देने वाली कंपनी रही है. 2016 बाजार का लगातार अध्ययन से 2021 के बीच Adani Tramission के शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों की संपत्ति हर साल 93 फीसदी के दर से सलाना बढ़ी है. जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार तीसरी बार सबसे बड़ी वेल्थ क्रिएटर ( Wealth Creator) कंपनी साबित हुई है.
Adani Trasmission सबसे तेज वेल्थ क्रिएटर
मोतीलाल ओसवाल ( Motilal Oswal) के 26वें एनुअल वेल्थ क्रिएशन स्टडी ( Annual Wealth Creation Study) जारी किया है. जिसमें पिछले 5 सालों में सबसे तेज गति के साथ बढ़ने वाले शेयरों के बारे में अध्ययन किया है. मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक 2016 से 2021 के बीच अडानी ट्रांसमिशन ( Adani Trasmission) ने बेहद कम समय में 93 फीसदी के दर से सलाना रिटर्न दिया है. जबकि दूसरे स्थान पर Deepak Nitrite है जिसने इस अवधि में 90 फीसदी के दर से सलाना ग्रोथ दिखाया है. तीसरे स्थान पर अडानी इंटरप्राइजेज ( Adani Enterprises) है जिसने 86 फीसदी और Tanla Platforms ने 85 फीसदी के दर से 2016-21 के बीच रिटर्न दिया है.
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10 लाख बन गए होते 1.7 करोड़
अगर किसी ने निवेशक ने 2016 में 10 लाख रुपये सबसे तेज गति से संपत्ति बढ़ाने वाली इन 10 कंपनियों का शेयर खऱीदा होता तो 2021 में 10 लाख रुपये 77 फीसदी के दर से सलाना ग्रोथ के साथ बढ़कर 1.7 करोड़ रुपये हो गया होता. जबकि इस अवधि में सेंसेक्स ने बाजार का लगातार अध्ययन सलाना केवल 14 फीसदी का ग्रोथ दिखाया है. Adani Enterprises इस दौरान सबसे सदाबहार वेल्थ क्रिएटर रहा है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ा वेल्थ क्रिएटर
इस स्टडी के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में शानदार तेजी के चलते 2016-21 के बीच 9.7 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति ( Market Capitalisation ) जोड़ा है जबकि 2014-19 में कंपनी ने 5.6 लाख करोड़ रुपये संपत्ति ( Market Capitalisation ) जोड़ा था. रिलायंस ने सबसे ज्यादा संपत्ति जोड़ने में अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज का Market Capitalisation 31 फीसदी के दर से सलाना बढ़ा है. रिलायंस के बाद सबसे बड़े वेल्थ क्रिएटर TCS, HDFC Bank और Hindustan Unilever रहा है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
Published at : 15 Dec 2021 03:39 PM (IST) Tags: reliance industries Adani Enterprises Market Biggest Wealth Creaters Motilal Oswal Annual Wealth Creation Study Adani Trasmission Share Price हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
दुनिया में भारत-अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारत और अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल हैं।वहीं, अस्ट्रेलिया का शेयर बाजार सबसे निचले पायदान पर है। मॉर्निंगस्टार इंडिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली.
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारत और अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल हैं।वहीं, अस्ट्रेलिया का शेयर बाजार सबसे निचले पायदान पर है। मॉर्निंगस्टार इंडिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
मॉर्निंगस्टार ने दुनियाभर के शेयर बाजारों का रैंकिंग करने के लिए छह श्रेणियां बनाई थी जिसमें निवेश के ऊपर लगने वाला शुल्क, फंड होल्डिंग्स बाजार का लगातार अध्ययन की पारदर्शिता और हितों के टकराव जैसे मुद्दों को शामिल किया गया। इनमें भारतीय और अमेरिकी बाजार को शीर्ष बाजार का लगातार अध्ययन रैंकिंग प्राप्त हुआ है।
दुनियाभर के बाजारों का अध्ययन
रिपोर्ट में दुनियाभर के 26 शेयर बाजारों का अध्यन किया गया है जिसमें उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बाजार शामिल हैं। इन सभी शेयर बाजार में सबसे खराब रैकिंग अस्ट्रेलिया के शेयर बाजार को रहा। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार शीर्ष पर कायम है जबिक भारतीय बाजार लगातार बेहतर काम करते हुए डिस्क्लोजर फ्रेमवर्क में पहले पायदान पर पहुंच गया है।
इन छह पैमानों पर दी गई रैंकिंग
मॉर्निंगस्टार ने छह मानदंडों के आधार पर 26 शेयर बाजारों का मूल्यांकन औसत से ऊपर, औसत से नीचे और नीचे ग्रेडिंग दिया है। जिन छह मानदंडों के अधार पर मूल्यांकन किया गया है वे हैं संभावनाओं की आसान समझ, शुल्क, पोर्टफोलियो होल्डिंग्स, पोर्टफोलियो मैनेजर और मुआवजा प्रकटीकरण, पहली बार ईएसजी और स्टूवर्डशिप और बिक्री खुलासे।
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जापान-इटली के बाजार औसत से नीचे
रिपोर्ट में बेल्जियम, इटली, जापान, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड के बाजार को औसत से नीचे स्थान दिया गया, जबकि कनाडा, कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, ताइवान और थाईलैंड के बाजार को औसत से ऊपर स्थान दिया गया है।
भारतीय बाजार पर बढ़ा निवेशकों का भरोसा
भारतीय बाजार का आकर्षक मूल्यांकन, पारदर्शिता और तरलता ने विदेशी निवेशकों को कोरोना के बीच भी खूब आकर्षित किया है। इस साल यानी 2020 में भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों ने 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया है। यह उनके निवेश का बाजार का लगातार अध्ययन सर्वकालिक उच्चस्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत एक निवेश गंतव्य है, जो हर हाल में एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि भारत अच्छा है, बल्कि इसका कारण यह है कि अन्य जगहें इससे बदतर हैं।
उभरते बाजारों में बेहतर प्रदर्शन
भारतीय बाजारों को उभरते बाजारों में बाजार का लगातार अध्ययन रखा गया है, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, ताइवान, कोरिया और अन्य कई देश हैं। कोरोना संकट आने के बाद दुनियाभर के बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। भारतीय बाजार भी अछूता नहीं रहा था लेकिन उसके बाद से भारतीय बाजार ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। वैश्विक शेयर बाजारों का आकार लगभग 810 खरब (81 ट्रिलियन) डॉलर है और इसमें भारतीय बाजारों की हिस्सेदारी लगभग बाजार का लगातार अध्ययन 20 खरब डॉलर है। इस तरह वैश्विक स्तर पर भारतीय शेयर बाजारों की हिस्सेदारी लगभग 2 से 2.5 फीसदी है, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी 54 फीसदी, जापान की आठ फीसदी और ब्रिटेन की हिस्सेदारी छह फीसदी है। यानी भारत उसका एक छोटा-सा हिस्सा है। इसके बावजूद निवेशक भारतीय बाजार की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।
लगातार सिकुड़ रहा चंद्रमा, नासा के अध्ययन से हुआ खुलासा, वैज्ञानिक हैरान, जानिए क्या है वजह
नासा के एक अध्ययन में पाया गया है कि चंद्रमा लगातार सिकुड़ता जा रहा है। इससे उसकी सतह पर झुर्रियां पड़ रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है पढ़ें रिपोर्ट.
वाशिंगटन, एएफपी। बचपन में नानी, दादी की कहानियों में जिस चांद का जिक्र हुआ करता है, उसे लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। चंद्रमा अब लगातार सिकुड़ता जा रहा है। इससे उसकी सतह पर झुर्रियां पड़ रही हैं। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित नासा के लूनर रीकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) द्वारा कैद की गई 12,000 से अधिक तस्वीरों के विश्लेषण से सामने आई है। अध्ययन में पाया गया है कि चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव के पास चंद्र बेसिन 'मारे फ्रिगोरिस' में दरार पैदा हो रही है और जो अपनी जगह से खिसक भी रही है।
बता दें कि कई विशाल बेसिनों में से एक चंद्रमा का 'मारे फ्रिगोरिस' भूवैज्ञानिक नजरिये से मृत स्थल माना जाता है। जैसा बाजार का लगातार अध्ययन बाजार का लगातार अध्ययन की धरती के साथ है, चंद्रमा में कोई भी टैक्टोनिक प्लेट नहीं है। बावजूद यहां टैक्टोनिक गतिविधियों के पाये जाने से वैज्ञानिक हैरत में हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा में ऐसी गतिविधि ऊर्जा खोने बाजार का लगातार अध्ययन की प्रक्रिया में 4.5 अरब साल पहले हुई थी। इसके कारण चंद्रमा की सतह छुहारे या किसमिश की तरह झुर्रीदार हो जाती है। इस प्रक्रिया में चंद्रमा पर भूकंप आते हैं।
वैज्ञानिकों का मत है कि ऊर्जा खोने की प्रक्रिया के कारण ही चंद्रमा पिछले लार्खों वर्षों से धीरे धीरे लगभग 150 फुट (50 metres) तक सिकुड़ गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरी लैंड के भूगर्भ विज्ञानी निकोलस चेमर ने कहा कि इसकी काफी संभावना है कि लाखों साल पहले हुई भूगर्भीय गतिविधियां आज भी जारी हों। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों ने 1960 और 1970 के दशक में चंद्रमा पर भूकंपीय गतिविधि को मापना शुरू किया था। उनका यह विश्लेषण नेचर जीओसाइंस में प्रकाशित हुआ था। इसमें चंद्रमा पर आने वाले भूकंपों का अध्ययन था।
Sensex Update: शेयर बाजार में लगातार छठे दिन गिरावट, सेंसेक्स 509 अंक और टूटा
घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 509 अंक से अधिक लुढ़क कर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट बनी हुई है.
मुंबई, 28 सितंबर : घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 509 अंक से अधिक लुढ़क कर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट बनी हुई है. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 509.24 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,598.28 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 621.85 अंक तक नीचे आ गया था. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 148.80 अंक यानी 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,858.60 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से आईटीसी, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज और पावरग्रिड शामिल हैं. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार में मंगलवार को मिला-जुला रुख रहा. यह भी पढ़ें : 5जी लिए भारत में उपभोक्ता 45 प्रतिशत अधिक भुगतान करने को तैयार: एरिक्सन अध्ययन
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनाद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मंदी को लेकर चिंता के बीच घरेलू बाजार में ऊंचे मूल्य को लेकर निवेशक आशंकित हैं. वहीं विदेशी निवेशक निवेश के लिये सुरक्षित जगह की तलाश में उभरते बाजारों से निकल रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूत बुनियाद के साथ तेजी है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मंदी को लेकर चिंता बढ़ने से शेयर बाजार में जोखिम लेने से निवेशक बच रहे हैं.’’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.08 प्रतिशत घटकर 86.20 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 2,823.96 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.