पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं

एक्सिस म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड
मुंबई- एक्सिस म्यूचुअल फंड ने निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इंडेक्स फंड है जो निफ्टी नेक्स्ट 50 ट्रैकिंग करेगा। इसके फंड मैनेजर जिनेश गोपानी हैं। यह 7 जनवरी को खुला है और 21 जनवरी को बंद होगा।
कंपनी ने प्रेस बयान में बताया कि इसमें कम से कम 5 हजार रुपए का निवेश किया जा सकता है। इस फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को निफ्टी की टॉप 50 कंपनियों के आगे वाली कंपनी में निवेश करने का मौका मिलेगा। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स निफ्टी 100 इंडेक्स में से 50 कंपनियों पर फोकस करेगा। यह 51 से 100 के बीच की कंपनियां होंगी।
हाल के माहौल में तमाम कंपनियो ने तमाम कदम उठाए हैं। इसमें मजबूत फंडिंग, मैनेजमेंट की पेडिग्री, नए बिजनेस मॉडल आदि हैं। कंपनी के एमडी चंद्रेश निगम ने कहा कि एक्सिस म्यूचुअल फंड लगातार अपनी फिलॉस्फी पर फोकस कर रहा है। यह बेहतर प्रोडक्ट की डिजाइन कर रहा है। एक्सिस निफ्टी नेक्स्ट 50 फंड ऐसे समय में लांच किया जा रहा है, जब निवेशक पैसिव रणनीति को समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय में निवेश करने वालों के लिए यह एक उपयुक्त प्रोडक्ट है।
पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के नए संस्करण की दुनिया भर के बाजारों में काफी हलचल देखने को मिल रही है। बाजार के रुख को लेकर म्यूचुअल फंड निवेशक भी सतर्क हैं. हालांकि, म्यूचुअल फंड की कई श्रेणियां पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं हैं जो कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न प्रदान करती हैं। इन्हीं कैटेगरी में से एक है इंडेक्स म्यूचुअल फंड। कायरता की एक पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं और लहर के बीच, निवेशक इन फंडों में आ गए। बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर इंडेक्स म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडेक्स म्यूचुअल फंड में जोखिम कम और लागत कम होती है। बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि इंडेक्स फंड म्यूचुअल फंड की एक श्रेणी है। इसे पैसिव फंडिंग कहा जाता है। ये फंड किसी भी शेयर बाजार सूचकांक में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। उदाहरण के लिए, फंड मैनेजर एनएसई निफ्टी, बीएसई सेंसेक्स जैसी योजनाओं में शामिल कंपनियों में पैसा लगाते हैं। इंडेक्स में सभी कंपनियों का वेटेज, उनके शेयर समान अनुपात में स्कीम में खरीदे जाते हैं। ऐसे फंड का प्रदर्शन एक इंडेक्स के समान होता है।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड हैं, निगम का कहना है। इसलिए, लागत अनुपात फंड की लागत से कम है। सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी फंड की तुलना में इसकी अस्थिरता कम है। इसलिए इंडेक्स म्यूचुअल फंड में जोखिम भी कम होता है। कॉरपोरेशन का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के समय इन फंडों में निवेश करना एक बेहतर विकल्प है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो में इंडेक्स फंड और सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी फंड का बेहतर मिश्रण रखें। इससे जोखिम कम कर ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है। निगम का कहना है कि निवेशकों को इन योजनाओं में निवेश करने से पहले ट्रैकिंग एरर पर ध्यान देना चाहिए। ट्रैकिंग त्रुटि किसी फंड और उसके बेंचमार्क के बीच वास्तविक प्रदर्शन अंतर है। इसलिए, यदि किसी इंडेक्स फंड में बहुत कम लागत अनुपात और उच्च ट्रैकिंग त्रुटियां हैं, तो वह फंड आपके निवेश लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकता है। इसलिए इंडेक्स फंड में निवेशकों को कम से कम ट्रैकिंग एरर स्कीमों को चुनना चाहिए।
Mutual Fund Portfolio: Nifty Index Fund कैसे आपकी मदत कर सकते हैं?
Mutual Fund Portfolio: Nifty Index Fund क्या होगा यदि आप एक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो रखना चाहते हैं जो लगभग पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं शेयर बाजार के अनुरूप रिटर्न प्राप्त करने में सक्षम हो?
पैसिव फंड की दुनिया में आपका स्वागत है! इंडेक्स फंड में निवेश करना समाधान है क्योंकि वे अंतर्निहित स्टॉक के साथ निष्क्रिय फंड हैं जैसा कि इंडेक्स में दर्शाया गया है कि यह ट्रैक करता है। इसका मतलब है, इंडेक्स फंड में निवेश करके, आप स्टॉक को उसी अनुपात में रखते हैं, जैसा कि इंडेक्स में होता है।
इंडेक्स फंड में निवेश करके, आप अनिवार्य रूप से उन फंडों से दूर रहते हैं जिन्हें फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है। स्टॉक या उद्योग का चयन करने में फंड मैनेजर की भूमिका और यहां तक कि उन पर आवंटन भी इंडेक्स फंड में पूरी तरह से अनुपस्थित है।
इंडेक्स फंड का रिटर्न इंडेक्स द्वारा उत्पन्न रिटर्न को दर्शाता है जिसे फंड ट्रैक करता है। एक तरह से, शुरुआती लोगों के लिए एक मजबूत म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बनाने के लिए इंडेक्स फंड एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु हो सकता है।
लेकिन याद रखें, जिन सक्रिय फंडों में योजना पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं का प्रबंधन करने के लिए एक फंड मैनेजर होता है, वे लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, हालांकि, ऐसे सक्रिय फंडों में खराब प्रदर्शन से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
यहां हम कुछ एनएसई सूचकांकों को देखते हैं जो निवेशकों के लिए इंडेक्स Mutual Fund के माध्यम से उपलब्ध हैं।
निफ्टी 50 फंड: (NIfty 50 Fund)
सबसे आम और लोकप्रिय निफ्टी इंडेक्स निफ्टी 50 इंडेक्स है जो अर्थव्यवस्था के 13 क्षेत्रों के लिए एक विविध 50 स्टॉक इंडेक्स अकाउंटिंग है। निफ्टी 50 पर नज़र रखने वाले इंडेक्स फंड में समान आवंटन और एक्सपोजर में निफ्टी 50 जैसे शेयरों का एक ही सेट होगा। आप किसी भी फंड हाउस से निफ्टी 50 इंडेक्स फंड चुन पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं सकते हैं और उसमें निवेश करना शुरू कर सकते हैं।
निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स फंड: (Nifty 50 Equal Weight Index Fund)
फिर, निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स है जो इसके बाजार पूंजीकरण आधारित मूल इंडेक्स, निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए एक वैकल्पिक भार रणनीति का प्रतिनिधित्व करता है। सूचकांक में वही कंपनियां शामिल हैं जो इसके मूल सूचकांक के रूप में हैं, हालांकि, समान रूप से भारित हैं। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स निफ्टी 50 कंपनियों को छोड़कर निफ्टी 100 से 50 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
अन्य इंडेक्स फंड: (Other Index Fund)
इसी तरह, निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स मूवमेंट को पकड़ता है और बाजार के मिडकैप सेगमेंट का बेंचमार्क है और स्मॉलकैप 50 इंडेक्स छोटी मार्केट कैपिटलाइजेशन कंपनियों के प्रदर्शन को मापने का इरादा रखता है। इसके अलावा, बाजार पूंजीकरण, विषयों, क्षेत्रों आदि के आधार पर ऐसे अन्य इंडेक्स फंड हैं।
विभिन्न सूचकांकों-लार्ज-कैप Large-cap, मिड-कैप Mid-Cap या स्मॉल कैप Small-Cap- के अलग-अलग शेयरों को चुनने के बजाय आप एक निवेश के माध्यम से ऐसे एक या अधिक इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने वित्तीय सलाहकार से पूछ सकते हैं या अपने जोखिम प्रोफाइल और लक्ष्यों के आधार पर इनमें से किसी भी इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए फंड हाउस की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
लेकिन निवेश करने से पहले, याद रखें, इन इंडेक्स फंडों में अस्थिरता से इंकार नहीं किया जा सकता है, हालांकि, एनएवी में ऐसी कोई भी अस्थिरता बाजार के अनुरूप होगी, यानी जिस इंडेक्स को वह ट्रैक करता है और इसलिए रिटर्न की संभावना भी इंडेक्स पर निर्भर करेगी। सेक्टर यह ट्रैक करता है।
इसके अलावा, इंडेक्स फंड में ट्रैकिंग एरर नाम की कोई चीज होती है, जो इसलिए होती है क्योंकि फंड हाउस अपने यूनिटहोल्डर्स से मैनेजमेंट फीस, मार्केटिंग खर्च और ट्रांजैक्शन कॉस्ट (इम्पैक्ट कॉस्ट और ब्रोकरेज) चार्ज करता है। कम ट्रैकिंग त्रुटि वाले इंडेक्स फंड चुनें।
इसलिए, यदि आप लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए एक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं, तो आप विभिन्न सूचकांकों पर नज़र रखने वाले ऐसे इंडेक्स फंडों में विविधता ला सकते हैं और लंबी अवधि में आप कम अस्थिरता के साथ स्थिर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।
Sensex vs Nifty – पैसिव इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सा इंडेक्स बेहतर है ?
Sensex vs Nifty : जब निवेशक फंड हाउस या फंड मैनेजर के गलत पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं स्टॉक के चुनाव का जोखिम नहीं लेना चाहता तो वो इंडेक्स फंड मे निवेश करना पसंद करते है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कौन सा इंडेक्स फंड बेहतर रिटर्न देता है ? Sensex or Nifty
अगर हम AMFI के आँकड़ों को देखे तो यह पता चलता है कि पिछले 1-3 वर्षों में सेंसेक्स इंडेक्स से जुड़े हुए पैसिव फंड ने निफ्टी इंडेक्स की तुलना मे 2-3 % अधिक रिटर्न दिए है । तो क्या हम यह मान ले कि 30 स्टॉक से बने सेंसेक्स इंडेक्स फंड, 50 स्टॉक वाले निफ्टी की तुलना मे अच्छा इंडेक्स फंड है ? (Sensex vs Nifty)
परंतु अगर वास्तविक रुप में देखा जाए तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । पिछले कुछ सालों से स्टॉक मार्केट के इंडेक्स कुछ टॉप के शेयरों की वजह से ऊपर गया है इसीलिए सेंसेक्स के इंडेक्स मे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है जब की निफ्टी इंडेक्स कम ऊपर गया है । क्योंकि सेंसेक्स सिर्फ 30 स्टॉक का इंडेक्स है और निफ्टी 50 स्टॉक का इंडेक्स है ।
अगर बात जोखिम यानि रिस्क का किया जाए तो सेंसेक्स इंडेक्स फंड की तुलना मे निफ्टी इंडेक्स फंड मे जोखिम कम होता है क्योंकि इसमे कॉम्पनियों की संख्या अधिक होती है ।
लेकिन फिर सवाल ये उठता है कि क्या कम संख्या के स्टॉक वाले पैसिव फंड को लंबे अवधि के लिए निवेश करना चाहिए ?
इंडेक्स फंड मे निवेश मे सबसे बड़ी समस्या ट्रैकिंग त्रुटि (tracking error) की होती है और ज्यादा अधिक स्टॉक वाले इंडेक्स मे निवेश करने से यह ट्रैकिंग की त्रुटि बढ़ जाती है ।
इस प्रकार अगर देखा जाए तो भले ही सेंसेक्स से जुड़े हुए इंडेक्स फंड का रिटर्न 1-3 वर्षों मे अधिक रहा हो परंतु लंबे अवधि मे ज्यादा अंतर नहीं दिखाई देता और अगर वही पर हम इंडेक्स फंड में SIP करे तो यह अंतर और भी घट जाता है ।
इंडेक्स फंड में निवेश करने के लाभ
अब म्यूचुअल फंड में निवेश के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। एक्टिव फंड्स में भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी लगातार कम हो रही है। इनके प्रबंधन में मैनेजर की सक्रिय भूमिका होने से लागत ज्यादा होती है। दूसरी तरफ पैसिव स्कीम्स में फंड मैनेजर सक्रिय भूमिका नहीं निभाते, लिहाजा उनकी लागत कम होती है। अब दोनों तरह की स्कीम्स में रिटर्न का अंतर कम रह गया है इसलिए पैसिव स्कीम्स की लोकप्रियता बढ़ने लगी है। यही वजह है कि 2020 के मुकाबले 2021 में पैसिव फंड के AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट ) में 57% बढ़ोतरी हुई। खास तौर पर इंडेक्स फंड में न सिर्फ निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, बल्कि म्यूचुअल फंड हाउस भी इन्हें ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इस कारण लगातार फण्ड हाउस इंडेक्स फण्ड लांच कर रहे है
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो बनाना बहुत सरल होता है। इसमें वही शेयर होते हैं, जो सेंसेक्स और निफ्टी जैसे स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स में होते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस ने निफ्टी 50 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है ,तो इसमें निफ्टी के ही टॉप 50 शेयर होंगे। और आप उसमें निवेश करेंगे।
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ढेर सारे शेयरों में एक साथ निवेश
यदि बीएसई 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं तो पूरा निवेश बीएसई की टॉप-500 कंपनियों में होगा । यदि निफ्टी 100 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले फंड में निवेश करते हैं तो असल में आप एनएसई के टॉप-100 शेयरों में एक साथ निवेश कर रहे होते हैं।
निवेश की कम लागत का फायदा
इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.02-0.2% होता है। यानी आप यदि किसी ऐसे फंड में आप 1 लाख रूपये का निवेश करते हैं तो इसकी लागत सिर्फ 20-200 रुपए बैठेगी। दूसरे एक्टिव फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.5-1.0% पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं होने से इनमें 1 लाख रुपए के निवेश पर 500-1,000 रुपए खर्च करने होंगे।यह एक्सपेंस रेश्यो थीमेटिक फण्ड के केस में तो 2 % तक जाता है
रणनीति में पारदर्शिता
भारी उतार-चढ़ाव वाले मौजूदा दौर में निवेशक रिटर्न के साथ-साथ पोर्टफोलियो में पारदर्शिता भी चाहते हैं। इंडेक्स फंड में उन्ही कंपनियों के शेयर शामिल करने की अनुमति होती है जो संबंधित इंडेक्स में लिस्टेड होती हैं। ऐसे में निवेशकों को पता होता है कि उनका पैसा किन शेयरों में लगाया जा रहा है। इस कारण आप ख़राब कंपनियों में निवेश करने से आटोमेटिक बच जाते हैं।
सेक्टोरल इन्वेस्टिंग
सभी सेक्टरों के शेयर एक साथ बेहतर रिटर्न नहीं देते। दो साल शानदार रिटर्न देने वाले आईटी कंपनियों के शेयरों में इन दिनों लगातार गिरावट जारी है। दूसरी तरफ FMCG और ऑटो शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में निवेशक अच्छी संभावना वाले पसंद के सेक्टोरल इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं
थीम आधारित निवेश
कुछ साल से क्लाउड कम्प्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकोनॉमीज जैसे थिमैटिक इन्वेस्टमेंट का चलन है। फंड मैनेजर भी ऐसे विषय या थीम पर नजर बनाये रखते हैं जो भविष्य में स्थिरता और तेज ग्रोथ दिखाने में सक्षम हों। इंडेक्स फंड निवेश में ऐसे थिमैटिक इनोवेशन का लाभ उठाने का मौका देते हैं। और लगातार ऐसे थीम आधारित इंडेक्स फण्ड लांच करते रहते है जैसे आईटी इंडेक्स फण्ड , फार्मा इंडेक्स फण्ड आदि
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By ANKIT SACHAN
मेरा नाम अंकित सचान है और मूलतः मैं कानपुर उत्तर प्रदेश जिले के घाटमपुर तहसील से सम्बन्ध रखता हूँ मैंने B.tech Electrical Engineering की शिक्षा उत्तर प्रदेश के सरकारी Engineering कॉलेज (Bundelkhand Institute of Engineering & Technology Jhansi ) ली है तदुपरांत मैंने प्राइवेट सेक्टर को चुना और अपनी नौकरी शुरू की अब तक मैँने २ कंपनियों में नौकरी की है मैंने Ramky Enviro Engineers Ltd में 8 वर्ष तथा PI Industries में 2 साल से काम कर रहा हूँ
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