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लाइटक्वाइन

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जानें क्या है डिजिटल मनी! : डॉ अतुल गोयल

झांसी। डिजिटल मनी, केन्द्र सरकार के 22-23 के बजट का सबसे चर्चित शब्द रहा। परम्परागत मुद्रा, किसी केन्द्रीय बैंक या सरकारी एजेंसी द्वारा जारी की जाती हैं, एवं क़ानून एवं संविधान के द्वारा संरक्षित होती हैं। इसके विपरीत बिटक्वाइन, इथेरियम, लाइटक्वाइन, कारडेनो इत्यादि को केवल सौदा करने बाले मान्यता देते हैं। इस डिजिटल या वर्चुअल मनी को सीमित प्रयोग के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी क़ीमतें माँग व पूर्ति के द्वारा परिवर्तित होती हैं। इस मुद्रा को तिजोरी में नहीं बल्कि ब्लॉक चेन में डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकी से इनका विनिमय किया जाता है।

आग और पहिए के बाद मुद्रा की खोज, इंसान की तीसरी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। यह मुद्रा ही है जिसने हवाई जहाज़, दूरसंचार, वातानुकूलन, रत्न, आभूषण इत्यादि ऐशो-आराम और राजसी वैभव की वस्तुओं को आम जनता के लिए सुलभ बना दिया है।

मुद्रा की अनुपस्थिति में सम्पत्ति अधिकार ताक़त के द्वारा निर्धारित होते थे। राजा और सेना के हाथों में सम्पत्ति केन्द्रित होती थी। सम्पत्ति के निर्माण से अधिक उसके छीनने में रुचि होती थी। हमेशा युद्ध होते रहते थे, इंसानी अस्तित्व पर संकट बना रहता था।

“मुद्रा” ने उत्पादन को तार्किक एवं प्रगतिशील बनाया. लोगों को अविष्कार करने, नयी-नयी वस्तुओं का निर्माण करने और उनकी बिक्री करने में रुचि उत्पन्न हुई। वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यवसायिक प्रयोग सुनिश्चित हुए।

मौद्रिक विनिमय का अर्थ है कि वस्तु अथवा सेवा का क्रय एवं लाइटक्वाइन विक्रय, मुद्रा के माध्यम से किया जाए। भारतीय अर्थव्यवस्था, बमुश्किल चालीस-पचास साल पहले पर्याप्त मौद्रिक हुई है, पूर्ण मौद्रिक तो कोई भी अर्थव्यवस्था नहीं है।

मुद्रा के वर्तमान स्वरूप से इंसान संतुष्ट नहीं है. वर्तमान मौद्रिक प्रणाली की अनेकों कमियाँ हैं। मुद्रा ने सापेक्ष ग़रीबी उत्पन्न की। मुद्रा ने लालच, भय और भ्रष्टाचार उत्पन्न किया। मुद्रा ने चोरी, लूट और ठगी सम्भव की मुद्रा ने शोषण और पाप उत्पन्न किया।

कम्प्यूटर आधारित तकनीकी के कारण आज मुद्रा को छापने और उसके रख-रखाव तथा आदान प्रदान का खर्च बचाया जा सकता है। मुद्रा की प्रत्येक इकाई का लेखा जोखा होने के कारण, मुद्रा के बहुत से दोषों का निस्तारण हो जाएगा।

मुद्रा का सबसे बड़ा दोष- पूँजीपतियों का वर्चस्व, शोषण, ग़रीबी और वित्त बाज़ार का उदय है। इन दोषों का समाधान, डिजिटल या अन्य वर्चुअल करेंसी में भी नहीं है।

मुद्रा का वर्तमान स्वरूप “लीगल टेंडर मनी” या एक वचन पत्र कहा जाता है। करेंसी की किसी भी इकाई पर उसके बराबर मूल्य प्रदान करने का वचन दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर दो हज़ार के नोट पर देश का मौद्रिक अधिकारी जो कि रिज़र्व बैंक का गवर्नर है, यह वचन देता है कि वह धारक को दो-हजार के बराबर मूल्य प्रदान करेगा। वर्तमान में यही मौद्रिक प्रणाली, सभी देशों में लागू है। सभी वस्तुओं के मूल्य मुद्रा में मापे जाते हैं लेकिन वस्तुओं के सापेक्ष मूल्य असमान तरीक़े से घटते-बड़ते हैं। मुद्रास्फीति एक ऐसा डकैत है जो ग़रीबों की सम्पूर्ण जमा पूँजी को कुछ ही घंटों में समाप्त कर सकता है। उदाहरण के तौर पर आज जिन पैसों से आप अपनी पत्नी के लिए गले का सुंदर हार बनवा सकते हैं, सम्भव है कि दो साल बाद उन पैसों से आप उसके लिए एक अंगूठी भी न ख़रीद सकें।

मौद्रिक अधिकारी द्वारा, मुद्रा की इकाई के बदले मौद्रिक मूल्य की अपेक्षा यदि विनिमय मूल्य या कमोडिटी मूल्य चुकाने का भरोसा दिया जाए तो मुद्रा के समस्त दोष समाप्त हो जाएँगें।

इस कार्य में अत्यधिक व्यवहारिक कठिनाइयाँ तो हैं ही, इच्छा शक्ति की कमी भी है। क़ीमतों में दृढ़ता के लाभ हैं पर नुक़सान भी मुमकिन है। डिजिटल और वर्चुअल करेंसी से आगे, कमोडिटी मूल्य में वर्णित यह अगली पीढ़ी की मुद्रा (नेक्स्ट जेनरेशन मनी) होगी। इस मुद्रा में धारक को लिखी गयी मात्रा में धातु देने का वचन दिया जाएगा।

मुद्रा को धातु की मात्रा में वर्णित करना, नया और अनोखा नहीं है। मुद्रा को धातु में वर्णित करना स्वर्णमान कहलाता है। प्रारम्भ में मुद्रा को स्वर्ण के मूल्य में ही परिभाषित किया जाता था लेकिन बैंकिंग सिस्टम अविकसित होने के कारण वह अनुपयुक्त समझा गया था।

नेक्स्ट जेनरेशन मनी के पश्चात ही मनुष्य तरक़्क़ी का वह मुक़ाम हासिल कर सकेगा जिसकी कल्पना साइंस फ़िक्शन मूवीज़ में की जाती है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं।

Cryptocurrency News

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।

सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
  • भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
  • एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।

सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।

सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।

ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?

सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।

सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है

सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।

सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और लाइटक्वाइन एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।

सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।

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CryptoMarketCrash: 24 घंटे में निवेशकों के करीब 150 अरब डॉलर डूबे

CryptoMarketCrash: 24 घंटे में निवेशकों के करीब 150 अरब डॉलर डूबे

8 महीने पहले क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट साइज 24 लाख करोड़ रुपये था. वहीं, इन 8 महीनों में निवेशकों को 15.65 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. निवेशकों को हुए इस नुकसान की तुलना अगर एक देश की GDP से की जाए तो वह देश है — ब्राजील (15 लाख करोड़ रुपये).

दुनियाभर के क्रिप्टो मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है. क्रिप्टेकरेंसी के भाव दिन-ब-दिन गिरते जा रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (BitCoin) की हालत तो सबसे ज्यादा खराब है. इसके भाव रिकॉर्ड स्तर से करीब तिहाई ही रह गए हैं. बिटक्वाइन के भाव 22 हजार डॉलर के नीचे फिसल गए हैं और मंगलवार को तो एक बार यह 21 हजार के भी नीचे गोता लगा चुका था. महज एक दिन में ही बिटक्वाइन में निवेशकों की पूंजी करीब 14 फीसदी साफ हो चुकी है. इसके अलावा दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज के भी हाल बेहाल है.

बिटक्वाइन, एथेरियम समेत ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज की क़ीमतों में 20 फ़ीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है. इस गिरावट के चलते 24 घंटे में निवेशकों के करीब 150 अरब डॉलर डूब गए.

अगर हम बिटक्वाइन की कीमतों में गिरावट को देखें तो, इसके भाव में रिकॉर्ड ऊंचाई से 70 फीसदी की गिरावट हुई है. बिटक्वाइन का भाव नवंबर, 2021 में 53 लाख रुपये था. जो कि गिरकर जनवरी, 2022 में 27 लाख रुपये पहुंच गया. फिर अप्रैल महीने में इसने तेजी देखने की कोशिश की. अप्रैल में इसकी कीमत 32 लाख रुपये थी. इसके बाद मई महीने में इसमें फिर गिरावट आई. मई में यह 24 लाख रुपये था. और अब जून में लगातार हो रही गिरावट के चलते यह 17 लाख रुपये पर कारोबार कर रहा है.

वहीं, अगर क्रिप्टो मार्केट साइज के वर्तमान हालात को देखें तो, यह पिछले 6 महीने में 3 लाख करोड़ डॉलर से घटकर क्रिप्टो मार्केट 900 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है.

8 महीने पहले क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट साइज 24 लाख करोड़ रुपये था. वहीं, इन 8 महीनों में निवेशकों को 15.65 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. निवेशकों को हुए इस नुकसान की तुलना अगर एक देश की GDP से की जाए तो वह देश है — ब्राजील (15 लाख करोड़ रुपये).

मंगलवार को क्रिप्टो बाजार में आई गिरावट के बीच सिर्फ टेथर क्वाइन ही ऐसी करेंसी थी, जो बीते कुछ दिनों से बढ़त में दिखाई दे रही थी, लेकिन यह बढ़त भी ज्यादा दिन न चल सकी. यह भी लाल निशान पर पहुंच गई. इसकी कीमत में 0.38 फीसदी या 0.32 रुपये की कमी आई और इसका दाम कम होकर 83.53 रुपये पर पहुंच गया. इसके अलावा बाजार में कारोबार करने वाली टॉप-10 डिजिटल करेंसी गिरावट में कारोबार करती हुईं नजर आईं.

टॉप क्रिप्टोकरेंसी में गिने जाने वाले बिनांस क्वाइन का दाम 4.67 फीसदी या 929 रुपये कम होकर 18,965 रुपये पर आ गया, जबकि डॉजक्वाइन की कीमत में 0.65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 4.85 रुपये की रह गई. वहीं पोल्काडॉट के दाम में 7 फीसदी, लाइटक्वाइन में 3 फीसदी, तो वहीं शीबा इनु का भाव 4.लाइटक्वाइन 30 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है.

गौरतलब हो कि पिछले साल नवंबर 2021 में एक बिटक्वाइन की कीमत 69 हजार डॉलर हो गई थी जो इसका रिकॉर्ड ऊंचा भाव है. हालांकि इसकी मजबूती कायम नहीं रह सकी. और अब तो लगता है जैसे इसे किसी की नज़र लग गई हो.

Crypto Currency kya hai ( डिजिटल करेंसी क्या है? यह कैसे काम करती है )

Crypto Currency kya hai : Crypto Currency को हम डिजिटल करेंसी भी कह सकते है यह एक ऐसी करेंसी है जो भारतीय रूपये और अमेरिकी डालर के समान है , यह दिखाई नहीं देती है और नहीं आप इसे छू सकते है यह एक अभाषी करेंसी है यह केवल एक दुसरे से लेन देन होता है. इसमे कोई भी तीसरा नहीं होता है .

Crypto Currency पिछले कुछ सालो में एक ऐसा वक्त था जब दुनिया में कोई भी मुद्रा नहीं था उस समय सिर्फ वस्तुयों के बदले ब्स्तुयो का एक दुसरे से लेन दें होता था . धीरे – धीरे समय बितता गया उसके बाद नोट और सिक्के अस्तित्व में आये .

आने के बाद हमारा लेन दें का तरीका पूरी तरह बदल गया . आज के समय में यही नोट और सिक्के हमारी मुख्य करेंसी है . इसके बाद भी एक करेंसी है ,जो पूरी तरह लाइटक्वाइन डिजिटल है जिसे हम Crypto Currency कहते है , हम समझेंगे की Crypto Currency है क्या यह कैसे कम करता है इसमे क्या फायदा है और क्या नुकसान है.

Crypto Currency kya hai

Currency का मतलब एक मुद्रा होता है जैसे की हर देश के पास अपनी एक मुद्रा होती है वैसे ही भारत के पास रुपया है सऊदी अरब के पास रियाल है , अमेरिका के पास डालर है , उसी तरह से हर देश के पास अपनी -अपनी एक अलग -अलग Currency होता है,

लेकिन आपके मन में यह सवाल जरुर आता होगा की आखिर Currency है क्या, तो Currency एक ऐसा धन है जो किसी देश द्वारा मान्यता प्राप्त हो, और वह पर वे लोग धन के रूप में इस्तेमाल करते हो, और उसका कोई वैल्यू हो उसे हम करेंसी कहते है अर्थात जिसके बदले किसी वस्तु को खरीदा जा सके वह होती है Currency .

Crypto Currency की वैल्यू फिजिकल Currencies कही ज्यादा होती है और डालर से भी हजारो गुना ज्यादा होती है Crypto Currency की वैल्यू , लेकिन इसका वैल्यू स्थिर नहीं रहता है, इसका Crypto Currency मार्केट में उतार चढ़ाव बहुत ही तेजी से होता है, और इसका कीमत दिन में कई बार बदलती है .

Crypto Currency kaise kam karati hai .

Crypto Currency वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है Crypto Currency blockchain के माध्यम से कम करती है, और साथ ही पावरफुल Computers द्वारा इसका निगरानी किया जाता है , जिसे हम Crypto Currency mining कहते है और जिसके द्वारा यह mining की जाती है उन्हें Miners कहा जाता है .

जब हम Crypto Currency में लेन – देन करते है तो उसकी जानकारी blockchain में दर्ज किया जाता है, अर्थात उसे एक ब्लाक में रखा जाता है और इसका पूरा कार्य online के माध्यम से ही होता है, जहा पर एक देश से दुसरे के बिच में एक मध्यस्थ होती है.

लेन – देन के द्वारा, जैसे भारत में केन्द्रीय बैंक, लेकिन Crypto के द्करोबर में कोई मध्यस्थ नहीं होता है और इसे एक नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है, इसलिए इसे अनिमित बजार के नाम से जाना जाता है, Crypto Currency पल भर में किसी अमीर बना देता है, एक झटके में ही उसको जमीं पर गिरा देता है. लेकिन इसके उतार चढाव के कारण इसकी लोकप्रियता बढती जा रही है .

सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन (Most popular digital currency bitcoin)

आज से समय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और मूल्यवान क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन ही है, और दूसरा इथेरियम पसंदीदा क्रिप्टो करेंसी है अगर हम टाप टेन डिजिटल मुद्राओं की बात करें तो लाइटक्वाइन इनमें पोल्काडॉट, लाइटक्वाइन, टेथर, डॉजक्वाइन सहित अन्य भी शामिल है

बजार में बिटक्वाइन का ही ज ज्यादा माग था और जैसे -जैसे समय बीतता गया वैसे ही समय के साथ ये बाजार बढ़ता गया और डिजिटल मुद्राएं हजारों की संख्या में चलने लगी. आज से समय में क्रिप्टो के कारोबार दुनिया के ज्यादातर देशो में फैल गया है .

कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से संचालित

Crypto Currency एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है Crypto Currency blockchain के माध्यम से कम करती है, और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके लोकप्रियता में इस कदर इजाफा रहा है की जहा पर कई देश ऐसे भी है जो लीगल कर चुके है अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो गया है .

ब्लॉकचेन के माध्यम से उपयोग किया जाता है

ब्लॉकचेन उसे कहते है जिसमे क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड होती हैं इसको एक कंप्यूटर नेटवर्क लाइटक्वाइन के द्वारा नियंत्रित जाता है, ब्लॉकचेन प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है.

इसमें क्रिप्टोग्राफी की मदत से नियंत्रित होती है. इसमे सभी काम कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा चलता है , कोई भी लेन देन होता है इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, अर्थात उसे एक ब्लॉक में रख दिया जाता है .

इस तरह खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी (This is how crypto currency is bought)

Crypto Currency को खरीदने के दो तरीके है इसमे सबसे आसन तरीका है इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना, सैकड़ों Crypto Currency दुनिया भर में एक्सचेंज पर काम कर रहे है भारत में कम कर रहे जेबपे, वजीरएक्स, क्वाइनस्विच कुबेर, डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है.

क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी इसमे मौजूद हैं जहा से इथेरियम, टेथर, बिटक्वाइन, और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की सभी डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं।

Crypto Currency एक्सचेंज

Crypto Currency उस प्लेटफार्म को कहते है जहा पर Crypto Currency की खरीद – फरोख्त होती है अर्थात यह वह Website या Mobile App है जहा पर Crypto Currency का खरीदने और बेचने की सुबिधा देती है,

इसलिए इसको Crypto Market या Crypto Currency Market कहा जाता है. Example के लिए Coindex, WazirX और CoinSwitch Kuber Crypto Currency एक्स्चंज है .

बिल पेश करने की तैयारी Crypto Currency

भारत में Crypto Currency में निवेश करने वालो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है भारत में करीब 15 मिलियन एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिव उपयोगकर्ता ऐसे हैं. भारत में संचालित किसी न किसी क्रिप्टो एक्सचेंज में पंजीकरण है,

यही कारण है की अनियमित बजार में भारतीय निवेशको की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व Bank और केंद्र सरकार दोनों सख्त है. भारत में कोई अपनी Crypto Currency नहीं है .

यदि आप सभी को आज का हमारा यह लेख Crypto Currency kya hai पसंद आया हो तो कृपया करके आप सभी हमारे इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। ताकि वह सभी लोग भी Crypto Currency kya hai के बारे में समझ सके और दूसरों को समझा सके।

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