बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

Bitcoin की खासियत ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है. इसकी खासियत ये है कि इसके ऑनलाइन लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है. जिसके चलते बिटकॉइन खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को ढूंढ पाना लगभग नामुमकिन है. यही वजह है कि कई देशों में गैरकानूनी कामों जैसे ड्रग्स आदि खरीदने के लिए बिटकॉइन का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है. आशंका है कि बिटकॉइन सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है. यही वजह है कि दुनिया के अधिकतर देशों की सरकारें इससे खौफज़द हैं.
Cryptocurrency Kya Hai | Bitcoin Kya Hai | What is Bitcoin in Hindi
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में बताऊंगा की Cryptocurrency Kya Hai और यह कितने प्रकार की होती है ! आज के समय में Cryptocurrency वहुत ही प्रचलित मुद्रा है ! वहुत से लोग तो इसमें इन्वेस्ट करके वहुत अच्छा पैसा कमा रहे है ! Bitcoin और Ethereum Coin भी Cryptocurrency का ही एक हिस्सा है ! आप जानते होंगे की पहले Bitcoin की कीमत वहुत कम थी आज के समय में Bitcoin की कीमत भारतीय रुपया के मुकाबले वहुत high हो चुकी है ! जिन लोगो ने पहले सस्ते में Bitcoin खरीद रखे थे आज वे वहुत महंगाई में अपनी Bitcoin sell करके High profit earn कर रहे है ! तो बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया दोस्तों यदि आप भी इन Cryptocurrency के बारे में जानना चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को आप अंत तक जरूर पढ़े !
Cryptocurrency एक आभासी मुद्रा है जिसको आप छू नहीं सकते लेकिन इससे आप digital तरीके से लेनदेन कर सकते है ! इसका उपयोग अन्तराष्ट्र्य स्तर पर हो रहा है ! जिससे की किसी भी देश में बैठे बैठे किसी भी coin बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया का लेनदेन हो सकता है ! Cryptocurrency पर किसी भी देश का कंट्रोल नहीं है यह एक Decentralized Currency है ! इसलिए इस पर कोई देश रोक नहीं लगा सकता है क्योकि यह Internet पर User से Direct जुडी हुई करेंसी है जिसक इस्तेमाल User Digital तरीके से करता है ! क्रिप्टोकरेंसी की एक परिभाषित विशेषता यह है कि आम तौर पर किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं की जाती हैं, जो उन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं।
Crypto Meaning in Hindi
क्रिप्टो ( Krypto ) का मतलब Hidden यानि की Secret छुपा हुआ इससे Crypto + Currency से मिलकर बना Cryptocurrency जो की एक secret तरीके से work करती है ! 1983 में, अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम ने एक गुमनाम क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी की कल्पना की, जिसे ईकैश कहा जाता है। बाद में, 1995 में, उन्होंने डिजीकैश के माध्यम से इसे लागू किया, क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों का एक प्रारंभिक रूप था ,जिसके लिए उपयोगकर्ता को एक सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है !
बर्ष 1996 बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया में, एक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने How to make a Mint the Cryptographic of Anonymous इलेक्ट्रॉनिक कैश नामक एक पेपर प्रकाशित किया, जिसमें एक क्रिप्टोक्यूरेंसी ( Cryptocurrency ) सिस्टम का वर्णन किया गया था !
Cryptocurrency कितने प्रकार की होती है
Cryptocurrency में आज के समय में वहुत Coin Launch हो चुके है लेकिन यह मुख्यता 10 प्रकार की Cryptocurrency आज के समय में वहुत बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया ज्यादा प्रचलित है जो की निचे दी गई है –
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Bitcoin ( बिटकॉइन )
Bitcoin Cryptocurrency में सबसे पहले बर्ष 2009 में चालू हुआ था और यह सबसे पहला cryptocurrency डिजिटल coin था जिसने वहुत उचाईयो को छू लिया है ! इसको pseudonym Satoshi Nakamoto group द्वारा बनाया गया था ! सितम्बर 2021 तक 18.8 Million Bitcoin Circulation में है जिसकी Capping 21 million हो चुकी है !
What is Bitcoin in Hindi
बिटकॉइन को किसी भी सरकार या केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसके बजाय यह ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर करता है, यह एक विकेन्द्रीकृत ( Decentralized ) सार्वजनिक खाता है ,जिसमें प्रत्येक बिटकॉइन लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड होता है। बिटकॉइन ने क्रिप्टोग्राफी और सर्वसम्मति (यानी, पीयर-टू-पीयर) सत्यापन की बुनियादी प्रणाली की स्थापना की जो आज क्रिप्टो के अधिकांश रूपों की नींव है।
बिटकॉइन की तरह, एथेरियम भी एक ब्लॉकचेन नेटवर्क ( Blockchain Network ) है, लेकिन एथेरियम को एक प्रोग्रामेबल ब्लॉकचेन (Programmable Blockchain ) के रूप में डिजाइन किया गया था, जिसका अर्थ है कि यह एक मुद्रा का समर्थन करने के लिए नहीं बनाया गया था – लेकिन नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं को एप्लिकेशन बनाने, प्रकाशित करने, बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया मुद्रीकृत करने और उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए ईथर ( ETH ), देशी एथेरियम मुद्रा, एथेरियम प्लेटफॉर्म पर भुगतान के रूप में विकसित की गई थी।
क्या होता है बिटकॉइन? इसकी शरुआत कैसे हुई? पूरे बैंकिंग सिस्टम को हिला कर रख देने वाले बिटकॉइन के बारे में सब कुछ जानिए
आज इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स, काई सारे ऐसे एप्स मौजूद हैं जो बिटकॉइन खरीदते और बेचते हैं. साधारण भाषा में कहें, तो कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं.
जब से बिटकॉइन का जन्म हुआ है तब से ही बिटकॉइन की खूब चर्चा हो रही है. शुरुआत में तो ये हालात थे कि चारों तरफ हर किसी के मुंह से बिटकॉइन ही बिटकॉइन सुनाई देता था. कई देशों की सरकारों के विरोध के बाद इसकी बातें बहुत कम हो गई थीं लेकिन अब एक बार फिर से बिटकॉइन की चर्चा ज़ोरों पर है और इसके पीछे का कारण है बिटकॉइन की कीमत। दरअसल, बिटकॉइन की कीमत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. जानकारी हो कि मौजूदा वक्त में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 26 लाख रुपए हो चुकी है लगातार बढ़ती ही जा रही है यही वजह है कि निवेशक इन दिनों बिटकॉइन में भर-भर के निवेश कर रहे हैं.
बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया
बिटकॉइन प्रो के साथ, आपको वे सभी खास विशेषताएं मिलती हैं जो मानक बिटकॉइन (बीटीसी) में होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि प्रो संस्करण ज्यादा तेज है, इसकी फीस कम है और यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है।
बिटकॉइन प्रो के साथ, आपको वे सभी खास विशेषताएं मिलती हैं जो मानक बिटकॉइन (बीटीसी) में होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि प्रो संस्करण- एथेरियम नेटवर्क का उपयोग करता है, तेज है, इसकी फीस कम है और यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है।
कोई भी बिटकॉइन प्रो को बिल्कुल भी नियंत्रित नहीं करता है, यहां तक कि डेवलपर्स भी नहीं, जो बात इसे अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी से बेहतर बनाती है।
डेवलपर्स की टीम ने अपने जीवन के दो पूरे साल बिटकॉइन प्रो में अपने दिल और आत्मा लगा दिए और अंत में यह सारा काम सफल हुआ उनके द्वारा बनाए गए शीर्ष-गुणवत्ता वाले उत्पाद के रूप में। यह हर तरह से बिटकॉइन का प्रो संस्करण है।
बिटकॉइन प्रो के फायदे
वही बिटकॉइन - केवल बेहतर
लेन-देन बिजली जैसी तेज गति से संसाधित किए जाते हैं, केवल कुछ सेकंड में। यह संभव हो पाता है हर एक मिनट में ब्लॉक अपग्रेड करने से, जबकि स्टैंडर्ड बिटकॉइन में हर 10 मिनट में यह होता है।
बिटकॉइन प्रो के साथ अन्य संस्करणों की अपेक्षा माइनिंग की गति बहुत बेहतर है, जो कि पलक झपकते लेनदेन को पूरा करने देती है।
विश्वसनीयता
आपको पता है कि लेनदेन जल्दी, सुरक्षित और विश्वसनीय रूप से गुजरेंगे।
यह चोरी या नेटवर्क विफलताओं के जोखिम को कम करता है जिसे हल करने में कई दिन लग सकते हैं।
न्यूनतम शुल्क
आप मात्र कुछ रुपयों में दुनिया भर में बड़ी रकम भेजने में सक्षम होते हैं। यह आपको लंबे समय में महत्वपूर्ण मात्रा में नकदी बचाता है।
बिटकॉइन प्रो वही विकेन्द्रीकृत बिटकॉइन - केवल बेहतर
बिटकॉइन प्रो: सभी खास विशेषताएं जो स्टैंडर्ड बिटकॉइन (बीटीसी) से जुड़ी हैं केवल प्रो संस्करण तेज है, फीस कम है और पूरी तरह विकेंद्रीकृत है।
कोई भी बिटकॉइन प्रो को बिल्कुल भी नियंत्रित नहीं करता है, यहां तक कि डेवलपर्स भी नहीं, जो बात इसे अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी से बेहतर बनाती है। डेवलपर्स की टीम ने अपने जीवन के दो पूरे साल बिटकॉइन प्रो में अपने दिल और आत्मा लगा दिए और अंत में यह सारा काम सफल हुआ उनके द्वारा बनाए गए शीर्ष-गुणवत्ता वाले उत्पाद के रूप में। यह हर तरह से बिटकॉइन का प्रो संस्करण है।
बिटकॉइन प्रो वॉलेट्स - बिटकॉइन प्रो को कई वॉलेट्स में संग्रहीत किया जा सकता है जिनमें Trezor, Ledger, Myetherwallet और कई अन्य शामिल हैं। शुरू करने के लिए हमारा पसंदीदा और सबसे तेज़ तरीका है, डाउनलोड करें TrustWallet अपने Android या Iphone में , ऐप खोलें और अपने वॉलेट को सुरक्षित करने के लिए प्रक्रिया का पालन करें। सब कुछ सेट होने के बाद आपको की जरूरत होगी बिटकॉइन प्रो - इनवेस्टर्स - यहाँ खरीदें या हमें एक ईमेल भेजिए और हम आपको खरीद के बारे में पूरा निर्देश वापस भेज देंगे - भले ही आप शुरुआत कर रहे हो बिना किसी अनुभव के। Email - ईमेल के जवाब का समय: आमतौर पर 3-4 मिनट और 10 घंटे तक। यदि आपको उस समय सीमा के भीतर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो अपने स्पैम फ़ोल्डर की जांच करें।
Cryptocurrency: दुनिया में सिर्फ लिमिट में ही बनाए जा सकते हैं बिटकॉइन, जानिए क्या है वजह
नई दिल्ली। साल 2009 में अस्तित्व में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने काफी लंबा सफर तय कर लिया है। 2010 में कभी 10,000 बिटकॉइन्स में सिर्फ 2 पिज़्जा ही खरीदे गए थे और आज बिटकॉइन का मार्केट कैप क्रिप्टो बाजार में सबसे ज्यादा आंका जाता है। अब बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण 66 ट्रिलियन से भी ज्यादा माना जाता है।जिसकी कीमत आज 47,000 डॉलर यानी 37.30 लाख के ऊपर मानी जा रही है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बिटकॉइन का अब कायापलट हो गया है। लेकिन बिटकॉइन माइनिंग की हार्ड लिमिट में अभी तक किसी तरह का कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है। बिटकॉइन के निर्माता कहे जाने वाले सातोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन बनाने के साथ ही सोर्स कोड में इसकीमाइनिंग की अपर लिमिट 21 मिलियन तक लगा दी थी। जिसका सीधा मतलब है कि 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन माइन नहीं किए जा सकते या इन्हे सर्कुलेशन में नहीं लाया जा सकता। नाकामोतो ने इसपर कुछ साफ नहीं किया कि लिमिट 21 मिलियन पर क्यों रखी गई, लेकिन बहुत से लोग इसे बिटकॉइन के फायदे वाली बात मान रहे हैं।
नए बयान से क्या संकेत मिलते हैं?
अनुराग ठाकुर के 9 फरवरी और 6 मार्च के बयानों की तुलना की जाए तो ऐसा लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के नजरिये में कुछ बदलाव आया है. बिटकॉइन बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया जैसी क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की करेंसी कहा जाता है. ऐसे में सरकार शायद टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट के मामले में पिछड़ना नहीं चाहती है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. हालांकि, दास का कहना है कि 'RBI टेक्नोलॉजिकल रिवॉल्यूशन के मामले में पिछड़ना नहीं चाहता है.'
“हम अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया रहे हैं. ये क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों का इस्तेमाल करने की जरूरत है.”
RBI का नजरिया केंद्र सरकार की लाइन पर ही दिखता है. दोनों ने ही पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की वकालत नहीं की है.
वित्त मंत्री का भी सकारात्मक इशारा!
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान RBI गवर्नर और अनुराग ठाकुर से बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया एक कदम आगे का दिखता है. सीतारमण ने कहा है कि 'केंद्र शायद डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन न लगाए.' सीतारमण ने भी नई टेक्नोलॉजी के साथ एक्सपेरिमेंट पर जोर दिया और कहा कि 'केंद्र इस पर खुला दिमाग रखेगा.'
“क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला RBI और कैबिनेट के बीच बातचीत के बाद लिया जाएगा. RBI इस बात का फैसला लेगा कि किस अनौपचारिक क्रिप्टोकरेंसी को प्लान करना है और इसे कैसे रेगुलेट करना है.”
निर्मला सीतारमण ने कहा, "हालांकि, हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी तरह के एक्सपेरिमेंट के लिए मौका खुला रहे." वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया पर केंद्र का फैसला 'कैलिब्रेटेड' होगा. सीतारमण ने कहा है कि 'केंद्र नई टेक्नोलॉजी के विरोध में नहीं है.'
निवेशकों के लिए अच्छी खबर?
क्विंट ने हाल ही में जेबपे के पूर्व CEO और एंजल इन्वेस्टर अजित खुराना से बिटकॉइन पर संभावित बैन को लेकर बातचीत की थी. खुराना ने कहा था कि सरकार की डिजिटल करेंसी को लेकर चिंता सही है, लेकिन इसका समाधान पूर्ण प्रतिबंध नहीं है.
अजित खुराना ने कहा, "सरकारी नियंत्रण की कमी के बावजूद सरकार आसानी से जरूरत के समय पैन कार्ड और आधार की सहायता से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन्स को ट्रैक कर सकती है."
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंश और मशीन लर्निंग की तरह ही भविष्य के तौर पर दिखती है. 30 वर्ष पहले जैसे इंटरनेट नया था उसी तरह अभी क्रिप्टो टेक्नोलॉजी तुलनात्मक तौर पर नई है. IT कंपनियों को सही सहायता से हम इंफोसिस, TCS जैसी अग्रणी कंपनियां खड़ी कर पाए हैं. अगर हम चाहे तो बिटकॉइन के मामले में भी ऐसा कमाल हो सकता है. हर कंपनी, छोटा से छोटा प्लैटफार्म रोजगार सृजन में अहम हो सकता है. हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए.”